/financial-express-hindi/media/post_banners/CKXFTl4H5VhxxjIvh5fJ.jpg)
Nehru Memorial name changed: फैसले के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
Nehru Memorial name changed: मोदी सरकार ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर स्थापित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदलने का फैसला किया है. इसे अब प्रधानमंत्री संग्रहालय और सोसायटी के नाम से जाना जाएगा. सरकार के इस एलान को कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की संकीर्ण मानसिकता का सबूत बताते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने इस फैसले को प्रतिशोध की राजनीति भी बताया है. देश के महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम NMML से हटाने का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसायटी की बैठक में किया गया.
केंद्र के फैसले से कांग्रेस भड़की
केंद्र के इस फैसले से नाराज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, "जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं ! Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता. इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है. मोदी सरकार की बौनी सोच, 'हिन्द के जवाहर' का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती !"
जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं !
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 16, 2023
Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता।
इससे केवल BJP-RSS की ओछी…
संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी : जयराम रमेश
नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा, “संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है. 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है. अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा. पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे. अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है.”
संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 16, 2023
नाम बदलने के पीछे क्या है तर्क?
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी के उपाध्यक्ष, सूर्य प्रकाश ने कहा, "इस सोसायटी के सामान्य निकाय द्वारा संकल्प का पारित होना कोई छोटा कदम नहीं है. यह लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए एक बहुत बड़ा कदम है. माननीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह, सोसायटी के उपाध्यक्ष ने अपने संबोधन में नाम में परिवर्तन के प्रस्ताव का स्वागत किया, क्योंकि अपने नए रूप में संस्था जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को प्रदर्शित करती है.
Also read : कांग्रेस ने कहा-अब बेटी डराओ, बृजभूषण बचाओ है बीजेपी का नारा, दिल्ली पुलिस के रवैये पर उठाए गंभीर सवाल
पीएम मोदी ने 2016 में दिया था संकेत
साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का सुझाव दिया था. नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने 25 नवंबर 2016 को हुई 162वीं बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी थी. पिछले साल 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री संग्रहालय जनता के लिए खोल दिया गया था. दिलचस्प बात यह है कि उद्घाटन के दौरान सरकार से निमंत्रण मिलने के बावजूद नेहरू-गांधी परिवार का कोई भी सदस्य समारोह में शामिल नहीं हुआ था.