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Nepal PM Step Down: काठमांडू में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. (Image: Reuters)
Nepal Prime Minister K.P. Sharma Oli resigns: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मंगलवार को देशभर में जारी भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने पीएम ओली के सहयोगी प्रकाश सिलवाल के हवाले से यह जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, ओली ने इस्तीफा तब सौंपा जब सैकड़ों प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए उनके दफ्तर में घुस गए.
प्रधानमंत्री पी शर्मा ओली के इस्तीफे से कुछ घंटे पहले ही प्रदर्शनकारियों ने बानेश्वर स्थित उनके निजी आवास पर हमला किया था. इसके अलावा, विरोध प्रदर्शन के दौरान नेपाल के संसद, सुप्रीम कोर्ट, अन्य सरकारी इमारतों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचने की खबरें भी आईं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने संसद और सुप्रीम कोर्ट भी आग के हवाले कर दिया.
Nepal Prime Minister K.P. Sharma Oli resigns amid violent protests in Kathmandu over alleged corruption. pic.twitter.com/6VbW7AGidY
— ANI (@ANI) September 9, 2025
सोशल मीडिया बैन हटा लेकिन 19 लोगों की हो चुकी है मौत
काठमांडू में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. उनके सहयोगी प्रकाश सिलवाल ने रॉयटर्स को बताया, “पीएम ने इस्तीफा दे दिया है”, जिससे देश एक बार फिर राजनीतिक अनिश्चितता में फंस गया है. यह घटनाक्रम ऐसे वक्त आया है जब सोमवार को सोशल मीडिया बैन के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गए थे और संसद घेरने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए. सरकार ने हालात बिगड़ने के बाद सोशल मीडिया पर लगाया प्रतिबंध हटा लिया.
मंगलवार को इस्तीफे से पहले ओली ने सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी और अपील की थी कि हिंसा देशहित में नहीं है और समाधान के लिए शांतिपूर्ण बातचीत का रास्ता अपनाना होगा. लेकिन कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वे संसद भवन व काठमांडू की अन्य जगहों पर जुट गए. कई जगह टायर जलाए गए, पत्थरबाजी हुई और पुलिस को खदेड़ा गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुछ नेताओं के घरों में आगजनी तक की गई और कुछ मंत्रियों को सेना के हेलिकॉप्टरों से सुरक्षित बाहर निकाला गया.
प्रदर्शन राजधानी से निकलकर नेपाल के अन्य शहरों तक फैल गए हैं. भारत-नेपाल सीमा से लगे कस्बों से भी लोग काठमांडू की ओर मार्च कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी इसे “जनरेशन Z का आंदोलन” बता रहे हैं और भ्रष्टाचार मुक्त देश, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसान पहुंच और उज्जवल भविष्य की मांग कर रहे हैं. इस दौरान धुएं के कारण काठमांडू एयरपोर्ट पर दक्षिण दिशा से आने वाली उड़ानें अस्थायी तौर पर रोक दी गईं.
नेपाल, जो भारत और चीन के बीच बसा है और 2008 में राजशाही की समाप्ति के बाद से राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितता से जूझ रहा है, अब दशकों के सबसे बड़े अशांति के दौर से गुजर रहा है.
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