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Top 5 finance changes in 2024: नए साल में फाइनेंस से जुड़े हुए ये अहम बदलाव, पूरी डिटेल चेक करें

नए साल की शुरूआत के साथ हर साल की तरह इस बार भी पहली जनवरी से देश भर में कई नए नियम लागू होने वाले हैं. इनमें से कुछ फाइनेंस से भी जुडें हैं.

नए साल की शुरूआत के साथ हर साल की तरह इस बार भी पहली जनवरी से देश भर में कई नए नियम लागू होने वाले हैं. इनमें से कुछ फाइनेंस से भी जुडें हैं.

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Mithilesh Kumar
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finance changes in 2024

1 जनवरी से होने वाले इन अहम बदलावों के बारे में एक नजर यहां देख सकते हैं.

नए साल की शुरुआत हो गई है. आज यानी 1 जनवरी से देश भर में कई नए नियम (New Rules From 1st January 2023) भी लागू हो गए हैं. नए साल में हुए इन बदलावों के बारे में जानना बेहद जरूरी है. क्योंकि इनमें कुछ ऐसे भी नियम हैं, जो हम सभी पर सीधा असर डाल सकते हैं. जिनमें छोटी बचत की योजनाओं पर बढ़ी ब्याज दरों से लेकर सिम कार्ड वेरिफिकेशन तक शामिल है. 1 जनवरी से होने वाले इन अहम बदलावों के बारे में एक नजर यहां देखें.

1. छोटी बचत की योजनाओं पर बढ़ी ब्याज दरें

नए साल में सुकन्या समृद्धि अकाउंट स्कीम (SSAS) पर ब्याज मार्च तिमाही तक 20 बेसिस प्वॉइन्ट बढ़कर 8.20 फीसदी हो गई है. इसी तरह, 3 साल की टर्म डिपॉजिट पर पहली जनवरी से ब्याज दर 10 बेसिस प्वॉइन्ट बढ़कर 7.10 हो गई है.

2. कार की कीमतें बढ़ी

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टाटा मोटर्स, ऑडी, मारुति और मर्सिडीज बेंज जैसी कई ऑटो कंपनियों ने इनपुट लागत में वृद्धि के कारण जनवरी में कीमतों में बढ़ोतरी का एलान किया है. नए साल में कुछ प्रमुख गाड़ियों पर 2-3 फीसदी की अनुमानित वृद्धि की उम्मीद है.

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3. डी-एक्टिवेट हो जाएंगे ये UPI ID

नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई (NPCI) ने करीब दो महीने पहले एक सर्कुलर जारी किया था. 2 नवंबर 2023 को जारी इस सर्कुलर के मुताबिक अगर आपका Google Pay, Phone Pe या Paytm से जुड़ा UPI IDs बीते एक साल से इन-एक्टिव है, यानी आपने एक साल से किसी UPI ID का इस्तेमाल नहीं किया है तो 1 जनवरी से डी-एक्टिवेट हो जाएंगे. ऐसे में आप यूपीआई का इस्तेमाल करके पैसे नहीं भेज पाएंगे.

4. आसान भाषा में देनी होगी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी शर्तें

आईआरडीएआई ने बीमा कंपनियों को 1 जनवरी, 2024 से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीहोल्डर्स के लिए संशोधित और सरल कस्टमर इनफॉरमेशन शीट (सीआईएस) जारी करने का निर्देश दिया है. यह पहल यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पॉलिसीहोल्डर जटिल कानूनी शब्दावली के बिना पॉलिसी फीचर्स को अच्छे से समझें.

अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को कस्टमर इनफॉरमेशन शीट में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Policy) से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकारी आसान शब्दों में पॉलिसी होल्डर को देनी होगी. उन्हें यह बताना होगा की पॉलिसी का कवरेज क्या है और इस पॉलिसी से उन्हें क्या-क्या फायदा हो सकता है.

इसके साथ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को यह भी बताना होगा कि अगर पॉलिसी होल्डर हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम (Health insurance claims) करना चाहते हैं तो उसकी क्या प्रक्रिया होगी. अगर उन्हें कोई शिकायत है तो शिकायत के निवारण के लिए कंपनी ने क्या मापदंड तय किए हैं. कस्टमर इनफॉरमेशन शीट में शिकायत निवारण अधिकारी का नाम और उसे आसानी से संपर्क करने से जुड़ी जानकारी भी साझा करनी होगी.

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5. सिर्फ डिजिटल वेरिफिकेशन प्रकिया से गुजरने के बाद ही इश्यू होंगे सिम कार्ड

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार कंपनियों को 1 जनवरी, 2024 से पूरी तरह से डिजिटल नो योर कस्टमर (केवाईसी) प्रक्रिया में बदलाव करते हुए सिम कार्ड बेचते समय भौतिक सत्यापन को समाप्त करने के लिए अनिवार्य कर दिया है. डिजिटल वेरिफिकेशन के लिए ग्राहकों को सिर्फ अपना फोटो पहचान प्रमाण पेश करना होगा. इस कदम का मकसद दूरसंचार कंपनियों की खरीद लागत को कम करना और सिम कार्ड धोखाधड़ी को रोकना है. विभाग ने पेपर आधारित केवाईसी प्रक्रिया 1 जनवरी 2024 से बंद करने की बात कही है.

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