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New CM in MP: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनाए गए मोहन यादव को बधाई देते वरिष्ठ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय. डेढ़ दशक से ज्यादा वक्त तक प्रदेश की कमान संभालने वाले शिवराज सिंह चौहान उनके पीछे खड़े नजर आ रहे हैं. (Photo : PTI)
Mohan Yadav will be the next CM of Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी आलाकमान की पसंद मोहन यादव (Mohan Yadav) ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मिलकर अगली सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. मोहन यादव को सोमवार को भोपाल में हुई बीजेपी विधायकों की बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया है. इसके साथ ही 2005 में पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान के लंबे कार्यकाल का समापन हो गया. उन्हें पार्टी आलाकमान ने इस बार राज्य सरकार की कमान नहीं सौंपी. शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है.
सोमवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक के बाद मोहन यादव को बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने का एलान हुआ. 58 साल के मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुने गए हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. इसके साथ ही वे मध्य प्रदेश कुश्ती एसोसिएशन के अध्यक्ष और मध्य प्रदेश ओलम्पिक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं. मध्य प्रदेश में इस बार दो नेताओं - राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा को उप-मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, जबकि नरेंद्र तोमर को विधानसभा स्पीकर बनाने का फैसला किया गया है.
3 केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में फैसला
विधायकों की जिस बैठक में मोहन यादव को विधायक दल का नेता चुने जाने का फैसला हुआ उसमें बीजेपी आला कमान की तरफ से तीन सेंट्रल ऑब्जर्वर यानी केंद्रीय पर्यवेक्षक भी मौजूद रहे. तीनों ऑब्जर्वर - हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चे के प्रमुख के लक्ष्मण और पार्टी की सचिव आशा लाकड़ा - सोमवार की सुबह 11.30 बजे भोपाल पहुंचे. बीजेपी आला कमान ने मध्य प्रदेश में 2005 के बाद पहली बार केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे, जिनकी मौजूदगी में हुई बैठक में मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला हुआ. मध्य प्रदेश बीजेपी ने थोड़ी ही देर बाद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से इस फैसले का एलान कर दिया.
भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के विधायक दल की बैठक में उज्जैन दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक डॉ. @DrMohanYadav51 को विधायक दल के नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। pic.twitter.com/nLc8aX0Jiw
— BJP Madhya Pradesh (@BJP4MP) December 11, 2023
मोहन यादव के नाम का एलान होने से पहले शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र तोमर, प्रह्लाद पटेल और कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक पार्टी मुख्यालय के बाहर जमा हो गए और अपने-अपने नेताओं के पक्ष में नारे लगाए. बैठक से पहले तीनों पर्यवेक्षक एक स्पेशल विमान से भोपाल पहुंचे, जहां उनका स्वागत प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी डी शर्मा ने किया. एयरपोर्ट से तीनों ऑब्जर्वर मुख्यमंत्री आवास गए, जहां उन्होंने शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) से मुलाकात की. इसके बाद सभी नेता भोपाल में बीजेपी मुख्यालय पहुंचे जहां सभी नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक हुई.
बीजेपी दफ्तर पर लगे पोस्टर : "एमपी के मन में मोदी"
मध्य प्रदेश के नव-निर्वाचित बीजेपी विधायकों की बैठक सोमवार को शाम करीब 4 बजे शुरू हुई और 5 बजे से पहले ही नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान भी हो गया. बैठक के लिए भोपाल के प्रदेश बीजेपी कार्यालय को फूलों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टरों से सजाया गया था, जिन पर लिखा है, "एमपी के मन में मोदी, देश के मन में मोदी."
बीजेपी ने जीती हैं 230 में 163 सीटें
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 230 में से 163 सीटें जीतकर जबरदस्त सफलता हासिल की है. कांग्रेस को इस चुनाव में महज 66 सीटों से संतोष करना पड़ा है. खास बात ये है कि इस बार बीजेपी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का चेहरा सामने रखकर चुनाव नहीं लड़ा. बल्कि राज्य में सत्ताधारी दल होने के बावजूद राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार घोषित किए बिना, पीएम मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ा.
2005 के बाद एमपी में पहली बार भेजे गए केंद्रीय पर्यवेक्षक
बीजेपी ने 2005 के बाद अब जाकर पहली बार मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए. 2005 में ऐसा तब हुआ था जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री का पद छोड़ा था और शिवराज सिंह चौहान पहली बार मुख्यमंत्री बनाए गए थे. उसके बाद 2008 और 2013 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव जीता और वही मुख्यमंत्री बने रहे. इन दोनों ही चुनावों में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से मध्य प्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे जाने की नौबत ही नहीं आई. उसके बाद 2018 का चुनाव बीजेपी हार गई. 2020 में जोड़तोड़ से बीजेपी की सरकार बनाते समय भी कमान शिवराज सिंह चौहान के हाथ में ही रही.
दो दशकों में 5वीं बार बनेगी BJP की सरकार
बीजेपी मध्य प्रदेश में पिछले दो दशकों में पांचवीं बार सरकार बनाने जा रही है. इससे पहले 2003, 2008, 2013 और 2020 में भी राज्य में बीजेपी की सरकार बन चुकी है. 2018 का चुनाव बीजेपी हार गई थी और कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी थी. लेकिन करीब डेढ़ साल बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने सहयोगी विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया, जिसके बाद 2020 में बीजेपी ने फिर से सरकार बना ली.