scorecardresearch

Pariksha Pe Charcha 2024: दूसरों से नहीं, खुद से करनी चाहिए बच्चों को प्रतिस्पर्धा, परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बातें

छात्रों को भारत के भविष्य का आकार देने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है. इस दौरान पीएम ने बच्चों, पेरेंट्स और शिक्षकों को नसीहत दी.

छात्रों को भारत के भविष्य का आकार देने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है. इस दौरान पीएम ने बच्चों, पेरेंट्स और शिक्षकों को नसीहत दी.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
PM Narendra Modi Pariksha Pe Charcha

MyGov पोर्टल के मुताबिक परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इस साल 205.62 लाख से अधिक छात्रों, 14.93 लाख शिक्षकों और 5.69 लाख पेरेंट्स ने पंजीकरण कराया था. (Image: PTI)

Pariksha Pe Charcha: अगले महीने से सीबीएसई दसवीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. इस दौरान कई राज्यों की बोर्ड परीक्षाएं भी आयोजित होनी है. बोर्ड परीक्षा को लेकर कुछ बच्चे और उनके पेरेंट्स काफी चिंतित हो जाते हैं. परीक्षा के भय से कई बच्चे मानसिक तनाव के शिकार भी हो जाते हैं. ऐसे में बच्चों के मानसिक तनाव को कम करने के मकसद से हर साल की तरह इस बार भी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे बातचीत की. पीएम मोदी ने कार्यक्रम में सोमवार को अभिभावकों को सलाह दी कि वे अपने बच्चे के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड न मानें. साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों को खुद से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, दूसरों से नहीं. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी ने कार्यक्रम में बच्चों और उनके पेरेंट्स व टीचर्स को क्या-क्या नसीहतें दी.

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम से जुड़ी 10 बड़ी बातें

1. अभिभावकों एवं शिक्षकों एक बच्चे की तुलना दूसरे से नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह उनके भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है. कुछ माता-पिता अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड समझते हैं, यह अच्छा नहीं है. 

Advertisment

2. छात्रों पर तनाव तीन प्रकार का होता है. पीएम मोदी ने कहा कि यह कभी साथियों के दबाव से प्रेरित होता है तो कभी माता-पिता द्वारा और कभी स्वयं से भी प्रेरित होता है. उन्होंने कहा कि माता-पिता, शिक्षकों या रिश्तेदारों की 'रनिंग कमेंट्री' और हर बार नकारात्मक तुलना एक छात्र की मानसिक भलाई के लिए हानिकारक है. उन्होंने कहा कि यह भलाई के बजाय नुकसान ज्यादा करता है. 

3. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शत्रुतापूर्ण तुलनाओं और वार्ताओं के माध्यम से छात्रों के मनोबल और आत्मविश्वास को कम करने के बजाय उनके साथ उचित और सौहार्द्रपूर्ण बातचीत के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान किया जाए. पीएम मोदी ने कहा कि दबाव इतना नहीं होना चाहिए कि यह किसी की क्षमताओं को प्रभावित करे. 

4. कई बार बच्चे खुद पर दबाव बनाते हैं कि वे उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. पीएम मोदी ने सुझाव देते हुए कहा कि आपको तैयारी के दौरान छोटे लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और धीरे-धीरे अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहिए. इस तरह आप परीक्षा से पहले पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे.’’ 

Also Read : Filmfare Award 2024: रणबीर कपूर को एनिमल के लिए बेस्ट एक्टर अवार्ड, आलिया बेस्ट एक्ट्रेस, ये है विनर्स की फुल लिस्ट

5. प्रधानमंत्री ने शिक्षकों और छात्रों के बीच संबंधों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह संबंध ऐसा होना चाहिए कि छात्रों को शिक्षक के साथ 'विषय से संबंधित बंधन' से परे कुछ महसूस हो. उन्होंने कहा, ‘‘यह बंधन गहरा होना चाहिए! यह रिश्ता ऐसा होना चाहिए कि छात्र अपने तनाव, समस्याओं और असुरक्षा के बारे में अपने शिक्षकों से खुलकर चर्चा कर सकें.’’ उन्होंने कहा कि जब शिक्षक अपने छात्रों को अच्छी तरह से सुनेंगे और उनके मुद्दों को पूरी ईमानदारी से संबोधित करेंगे, तभी छात्र बेहतर करेंगे. 

6. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि शिक्षक का काम सिर्फ नौकरी करना या उसे बदलना नहीं है बल्कि उसका काम जिंदगी को संवारना है तथा जिंदगी को सामर्थ्य देना है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ही शिक्षक परिवर्तन लाते हैं.’’ 

7. राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान के नवनिर्मित भारत मंडपम के टाउन हॉल में प्रधानमंत्री ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के सातवें संस्‍करण में कहा कि प्रतिस्पर्धा और चुनौतियां जीवन में प्रेरणा का काम करती हैं लेकिन प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए. 

8. इस साल का आयोजन भारत मंडपम में टाउन-हॉल प्रारूप में आयोजित किया गया है. जी20 शिखर सम्मेलन के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस भारत मंडपम में विश्व के बड़े-बड़े नेताओं ने भविष्य की चर्चा की थी उसी स्थान पर आज भारत के भविष्य की चर्चा परीक्षा की चिंताओं के साथ करने वाले हैं. इस चर्चा में कला उत्सव के विजेताओं के साथ प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से दो छात्रों और एक शिक्षक को आमंत्रित किया गया है.

9. कार्यक्रम के सातवें एडिशन में पीएम मोदी ने कहा कि छात्र पहले से कहीं अधिक नवाचारी हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे छात्र हमारे भविष्य को आकार देंगे.

10. MyGov पोर्टल के मुताबिक परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए इस साल 205.62 लाख से अधिक छात्रों, 14.93 लाख शिक्षकों और 5.69 लाख पेरेंट्स ने पंजीकरण कराया था.

खुद मेरे लिए परीक्षा की तरह है ये कार्यक्रम: पीएम मोदी

छात्रों को भारत के भविष्य को आकार देने वाला बताते हुए मोदी ने कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है. परीक्षाओं से पहले छात्रों के साथ अपने संपर्क कार्यक्रम की सातवीं कड़ी में उन्होंने कहा कि छात्र पहले से कहीं अधिक नवाचारी हो गए हैं. मोदी ने कहा, ‘‘हमारे छात्र हमारे भविष्य को आकार देंगे.

शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘परीक्षा पे चर्चा’ में पिछले छह वर्षों से छात्र, अभिभावक और शिक्षक शामिल होते रहे हैं. कोरोना महामारी के कारण चौथा संस्करण ऑनलाइन आयोजित किया गया था जबकि पांचवां और छठा संस्करण टाउन-हॉल प्रारूप में संपन्न हुआ था. इस साल, ‘माइ गोव पोर्टल’ पर करीब 2.26 करोड़ पंजीकरण हुए हैं जो छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक उत्साह को दर्शाता है. परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के पिछले एडिशन में कुल 31.24 लाख छात्रों, 5.60 लाख शिक्षकों और 1.95 लाख अभिभावकों ने भाग लिया था. 

Narendra Modi