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Parliament security breach case: संसद के भीतर की यह तस्वीर सांसद साकेत गोखले ने सदन में घुसपैठ किए जाने के फौरन बाद सोशल मीडिया पर शेयर की थी.
Parliament security breach case: शीतकालीन सत्र के दौरान संसद की सुरक्षा को चकमा देकर घुसने के आरोप में गिरफ्तार 6 में से 5 आरोपियों ने अदालत के सामने दिल्ली पुलिस पर बेहद गंभीर और सनसनीखेज इल्जाम लगाए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इन आरोपियों ने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद से उन्हें टॉर्चर करके दबाव डाल रही है कि वे अपने बयान में राष्ट्रीय स्तर के विपक्षी दलों के साथ संबंध होने की बात स्वीकार करें. इन आरोपियों ने अदालत से यह भी कहा है कि उन्हें गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (UAPA) के तहत अपराध कबूल करने के लिए भी प्रताड़ित किया जा रहा है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह इल्जाम भी लगाया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें टॉर्चर करके जबरन सादे कागजों पर दस्तखत भी करवाए हैं.
70 सादे कागजों पर जबरन दस्तखत कराए : आरोपी
संसद की सिक्योरिटी तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किए गए 6 में से 5 अभियुक्तों ने ये बातें बुधवार को दिल्ली की अदालत में कहीं. आरोपियों ने एडिशनल सेशन जज हरदीप कौर की अदालत में दिए गए बयान में कहा कि दिल्ली पुलिस उन्हें टॉर्चर करके दबाव डाल रही है कि वे अपना संबंध विपक्षी पार्टियों के साथ होने की बात कबूल करें. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रताड़ित किए जाने के दौरान दिल्ली पुलिस के लोगों ने उन्हें बिजली के झटके भी लगाए हैं. आरोपियों का दावा है कि दिल्ली पुलिस उनके साथ ऐसा बर्ताव करके गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (UAPA) के तहत अपराध कबूल करने और राष्ट्रीय स्तर के विपक्षी दलों के साथ संबंध स्वीकार करने के लिए दबाव डाल रही है. इसके अलावा आरोपियों ने दिल्ली पुलिस पर प्रताड़ित करके करीब 70 सादे कागजों पर जबरन दस्तखत करवाने का आरोप भी लगाया है.
17 फरवरी को अगली सुनवाई
जिन 5 आरोपियों ने दिल्ली पुलिस पर ये सनसनीखेज आरोप लगाए हैं, उनके नाम हैं - मनोरंजन डी, सागर शर्मा, ललित झा, अमोल शिंदे और महेश कुमावत. इनके अलावा एक छठी महिला आरोपी नीलम आजाद भी इस मामले में गिरफ्तार है. कोर्ट ने इस मामले में पुलिस से जवाब तलब किया है और मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार सभी 6 आरोपियों की न्यायिक हिरासत 1 मार्च तक के लिए बढ़ाने का आदेश भी दिया है.
13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में हुई थी चूक
13 दिसंबर 2023 को यानी देश की संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन ही सुरक्षा में भारी लापरवाही की घटना सामने आई थी. सागर शर्मा और मनोरंजन डी नाम के दो युवक लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से सदन के भीतर कूद गए थे. उन्होंने सदन में नारेबाजी करने के साथ ही अपने साथ लाए ‘कैन’ के जरिये पीले रंग का धुआं भी फैला दिया था. इस घटना के फौरन बाद कुछ सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ा और सुरक्षा कर्मियों के हवाले कर दिया. ठीक उसी समय संसद भवन के बाहर भी दो लोगों - अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने रंगीन धुआं छोड़ने वाली 'कैन' लेकर प्रदर्शन किया और ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे भी लगाये. इन दोनों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. बाद में मामले की जांच के दौरान दो और लोगों को भी इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. विपक्ष ने इस घटना के बाद संसद के दोनों सदनों में की सुरक्षा में चूक के मसले में गृह मंत्री की तरफ से बयान दिए जाने की मांग करते हुए काफी हंगामा किया. इस सिलसिले में डेढ़ सौ से ज्यादा विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया गया था.