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PM Modi Chat with Bill Gates: जब पीएम मोदी से मिले बिल गेट्स, मीटिंग में हुईं ये 10 बड़ी बातें

बिल गेट्स के एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं दुनिया में डिजिटल डिवाइड के बारे में सुनता था, तो मैं सोचता था कि मैं अपने देश में ऐसा कुछ भी नहीं होने दूंगा.

बिल गेट्स के एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं दुनिया में डिजिटल डिवाइड के बारे में सुनता था, तो मैं सोचता था कि मैं अपने देश में ऐसा कुछ भी नहीं होने दूंगा.

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FE Hindi Desk
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Modi Bill Gates

बिल गेट्स से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही 10 बड़ी बातें. (Image: Screengrab/IE)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी शक्तिशाली तकनीक के दुरुपयोग का एक बड़ा खतरा है, खासकर जब यह गलत हाथों में जाती है. उन्होंने आगाह किया कि अकुशल, अप्रशिक्षित हाथों में AI जैसी शक्तिशाली तकनीक नहीं आनी चाहिए. इसके AI का गलत इस्तेमाल हो सकता है. माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स के साथ बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने ये 10 बड़ी बातें कही.

बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट में 2000 तक CEO के पद पर रहे थे. पीएम मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के को-फाउंडर और पूर्व सीईओ बिल गेट्स (Bill Gates, founder and former CEO of Microsoft) से टेक्नोलॉजी, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे प्रमुख टॉपिक्स पर से बातचीत की. बातचीत के दौरान बिल गेट्स ने जब पीएम मोदी से टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट्स (technological advancements) के बारे में पूछा, तो जवाब उन्होंने कहा कि जब मैं दुनिया में डिजिटल डिवाइड के बारे में सुनता था, तो मैं सोचता था कि मैं अपने देश में ऐसा कुछ भी नहीं होने दूंगा. यही वजह है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर को देश भर के गांवों तक ले जाया गया.

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डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर अपने आप में एक बड़ी जरूरत है. भारत में महिलाएं नई तकनीक अपनाने के लिए अधिक खुली हैं. मैंने 'नमो ड्रोन दीदी' योजना शुरू की है. उनका कहना है कि वे साइकिल चलाना नहीं जानते थे लेकिन अब वे पायलट हैं और ड्रोन उड़ा सकते हैं. मानसिकता बदल गई है.

माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स दुनिया के 7वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं. फोर्ब्स के मुताबिक इनकी नेटवर्थ 131.3 बिलियन डॉलर करीब 10.94 लाख करोड़ रुपये है. बिल गेट्स ने 1975 में माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की थी. हाल ही में भारत दौरे पर आए बिल गेट्स ने दिल्ली स्थित पीएम आवास में एक मार्च 2024 को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. दोनों को बीच इस दौरान कई वैश्विक मुद्दों और बदलाव के जरूरतों पर चर्चा हुई थी. बिल गेट्स और पीएम मोदी के बीच हुई प्रमुख बातों के बारे में आइए जानते हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य की पहचान ऐसे तीन क्षेत्रों के रूप में की जहां वह तकनीक के उपयोग को लेकर सबसे अधिक उत्साहित हैं. उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से इन क्षेत्रों किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित भी किया. 

पीएम मोदी ने समाजसेवी और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स से प्रौद्योगिकी, विभिन्न क्षेत्रों में इसके उपयोग और जलवायु परिवर्तन सहित कई मुद्दों पर बातचीत के दौरान कहा कि वह दुनिया में डिजिटल डिवाइड के बारे में सुनते रहे हैं और उन्होंने फैसला किया है कि वह भारत में ऐसा नहीं होने देंगे. इस दौरान उन्होंने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता पर जोर दिया जबकि गेट्स ने भारत द्वारा प्रौद्योगिकी को अपनाने की प्रशंसा की और साथ ही कहा कि भारत इस मामले में अग्रणी है.

उन्होंने यह भी कहा कि वह कम से कम लागत में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) के वैक्सीन विकसित करने के वास्ते स्थानीय अनुसंधान के लिए वैज्ञानिकों को धन आवंटित करना चाहते हैं और उनकी नई सरकार इस गंभीर बीमारी के खिलाफ वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी, खासकर सभी लड़कियों के लिए. 

मोदी अक्सर विश्वास व्यक्त करते रहे हैं कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आम चुनावों में बड़ा बहुमत मिलेगा और वह लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटेंगे.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर पीएम मोदी ने आगाह किया कि गलत सूचना को रोकने के लिए एआई-जनित सामग्री में स्पष्ट प्रावधान होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका मतलब एआई की रचनात्मकता को कम आंकना नहीं है बल्कि यह पहचानना है कि वे क्या हैं. उन्होंने कहा कि क्या करें और क्या न करें यह तय करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डीपफेक के मामले में, इसकी पहचान करना और यह प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है कि एक विशेष डीपफेक सामग्री एआई-जनित है. साथ ही इसके स्रोत का उल्लेख होना चाहिए. ये उपाय वास्तव में महत्वपूर्ण हैं, खासकर शुरुआत में. एआई के मुद्दे पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसे कोई जादुई उपकरण या कुछ काम करने के लिए लोगों के आलस्य के विकल्प के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. मोदी ने बताया कि कैसे उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन में एआई का इस्तेमाल दुभाषिए के रूप में किया और विभिन्न भाषाओं में अपने संबोधन को विभिन्न कार्यक्रमों में प्रसारित किया. उन्होंने कहा कि चैट-जीपीटी जैसी तकनीक का उपयोग लगातार खुद को बेहतर बनाने के लिए किया जाना चाहिए. उन्होंने एआई के इस्तेमाल को रेखांकित करते हुए गेट्स से नमो ऐप के जरिए सेल्फी लेने को कहा और फिर दिखाया कि चेहरा पहचानने वाली प्रौद्योगिकी के जरिए इसका पता कैसे लगाया जा सकता है.

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया को विकास को परिभाषित करने के लिए बिजली या इस्पात जैसे मानकों को बदलने की जरूरत है क्योंकि यह जलवायु विरोधी है और इसके बजाय उसे हरित जीडीपी और हरित रोजगार जैसी शब्दावली अपनानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि रीसाइक्लिंग और पुन: उपयोग भारतीयों की प्रकृति का हिस्सा रहा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने जो जैकेट पहनी थी वह एक पुनर्नवीनीकरण उत्पाद है.

मोदी ने कहा कि वह तकनीक का लाभ न केवल सेवाओं को बढ़ाने के लिए उठाने में विश्वास करते हैं बल्कि नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए भी करते हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने लागत कम करने और विभिन्न जरूरतों को कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए क्लाउड स्टोरेज में सभी विश्वविद्यालय प्रमाणपत्रों के भंडारण की शुरुआत की है. उन्होंने कहा, ‘‘पहले, कठोर अनुपालन आवश्यकताओं पर जोर था. लेकिन मैंने सरलीकरण की वकालत की और सुनिश्चित किया कि डेटा साझा आईडी के साथ क्लाउड (स्टोरेज) पर अपलोड किया जाए, जिससे हम सीधे आवश्यक जानकारी तक पहुंच सकें.’’

डेटा सुरक्षा को बड़ी चिंता का विषय करार देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में एक कानूनी ढांचा है लेकिन सार्वजनिक जागरूकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री ने दोहराया कि वह एक ऐसी सरकार का नेतृत्व करना चाहते हैं जिसमें लोगों के जीवन से किसी भी प्रकार का अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप समाप्त हो जाए.

उन्होंने कहा कि गरीबी में रहने वाले लोगों के लिए, जिन्हें वास्तव में सरकारी सहायता की आवश्यकता है, सहायता प्रचुर मात्रा में आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत रिनुअल एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और ग्रीन हाइड्रोजन में अपनी वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है.

पीएम ने कहा कि मैं कोई विशेषज्ञ नहीं हूं लेकिन तकनीक को लेकर मेरी जिज्ञासा बच्चों जैसी है.

भारत में डिजिटल क्रांति के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि इस पर किसी का एकाधिकार नहीं होना चाहिए और इसे आम लोगों द्वारा संचालित किया जाना चाहिए. इस संदर्भ में, उन्होंने महिलाओं के लिए कृषि में ड्रोन का उपयोग करने के लिए 'ड्रोन दीदी' योजना और रोगियों को लंबी दूरी पर मौजूदगी के बावजूद उपचार प्रदान करने की पहल पर प्रकाश डाला. मोदी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति में डिजिटल प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका होगी और उन्हें विश्वास है कि भारत अच्छा काम करेगा. मोदी ने इस बात का उल्लेख किया कि कैसे भारत ने लोगों को कोविड टीकाकरण स्लॉट उपलब्ध कराने और प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए कोविन प्लेटफॉर्म का उपयोग किया, जबकि दुनिया महामारी के दौरान ऐसा करने के लिए संघर्ष कर रही थी.

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