scorecardresearch

Sela Tunnel: तवांग को जोड़ने वाली सेला टनल का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, जानिए दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन सुरंग की खासियत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सेला सुरंग का उद्घाटन किया. सेला दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन सुरंग है जो अरुणाचल प्रदेश के तवांग को सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सेला सुरंग का उद्घाटन किया. सेला दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन सुरंग है जो अरुणाचल प्रदेश के तवांग को सभी मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
Sela Tunnel inaugurated by PM Modi

दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन सुरंग सेला टनल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को किया समर्पित. (Image: ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के ईटानगर में 'सेला टनल' (Sela Tunnel) का उद्घाटन किया. दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन सुरंग करीब 825 करोड़ रुपये की लागत से बनी है. सेला सुरंग प्रोजेक्ट में दो सुरंगें और 8.780 किमी लंबी सड़क शामिल है. पूर्वोत्तर की अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया. अरुणाचल प्रदेश में 'विकसित भारत, विकसित नॉर्थईस्‍ट' (Viksit Bharat Viksit Northeast) कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि पूरे पूर्वोत्‍तर में चार गुणा तेजी से विकास कार्य चल रहा है. पूरे देश में विकसित राज्य से विकसित भारत का राष्ट्रीय उत्सव तेज गति से जारी है. आज मुझे विकसित पूर्वोत्तर के इस उत्सव में, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के साथ एक साथ हिस्सेदार बनने का अवसर मिला है.

सेला टनल की खासियत

सेला टनल 13,000 फीट से ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन सुरंग (सेला पास) है. ये अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में बनी है. डबल लेन वाली यह ऑल वेदर टनल अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामिंग और तवांग जिले को जोड़ेगा. एलएसी तक पहुंचने वाला यह एक मात्र रास्ता है. सेला टनल के निर्माण की घोषणा केंद्र सरकार ने 2018 में की थी. यह बालीपारा-चारदुआर-तवांग सड़क का एक हिस्सा है, जो चीनी सीमा के पास प्रमुख परियोजनाओं में से एक है. सेला टनल परियोजना सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाया गया है.  

Advertisment

सेला टनल परियोजना में दो सुरंग और एक लिंक रोड शामिल है. पहली 1980 मीटर लंबी सिंगल-ट्यूब सुरंग है. और दूसरी सुरंग 1555 मीटर लंबी है. सुरंग-2 में ट्रैफिक के लिए एक बाइ-लेन ट्यूब और इमरजेंसी के लिए एक एस्केप ट्यूब है. दोनों सुरंगों के बीच लिंक रोड 1,200 मीटर है. सेला टनल, एप्रोच रोड और लिंक रोड सहित परियोजना की कुल लंबाई लगभग 12 किमी है. यानी सेला टनल में सुरंगों और लिंक सड़कों समेत परियोजना की कुल लंबाई करीब 12 किमी है. दोनों टनल सेला के पश्चिम में दो चोटियों से होकर आईं हैं.

Also Read : Shaitaan Collection: अजय देवगन की शैतान का बॉक्स ऑफिस पर जलवा, ओपनिंग डे पर कमाए 14.5 करोड़

सेला टनल से आम लोगों और सेना को क्या फायदा होगा?

सेला टनल के कारण तेजपुर से तवांग तक यात्रा का समय कम से कम एक घंटा कम हो जाएगा और साथ ही हर मौसम में कनेक्टिविटी भी मिलेगी. फिलहाल, सर्दियों और भारी बर्फबारी के कारण सेला पास सर्दियों के महीनों के लिए बंद रहता है.
सेला टनल सैन्य और नागरिक दोनों वाहनों के लिए लॉजिस्टिक्स को भेजने में मदद करेगा. अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और तवांग सेक्टर के आगे के इलाकों में हथियारों और सैनिकों की तेजी से तैनाती की जा सकेगी. सुरंग तैयार होने के बाद साल के सभी 12 महीने सड़क खुली रहेगी. तवांग की स्थानीय आबादी अब मुख्य भूमि से नहीं कटेगी.

PM Narendra Modi