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जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर
जन सुराज पार्टी के (JSP) संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के खिलाफ नए आरोप लगाए। उन्होंने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की “तत्काल गिरफ्तारी” की मांग भी की।
पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बताया कि उन्होंने दो वरिष्ठ NDA मंत्रियों के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार और अन्य आरोप लगाए हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी आय के बारे में भी कहा कि “हर एक रुपया का हिसाब-किताब है।” उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले तीन साल में कंसल्टेंसी सेवाओं के जरिए 241 करोड़ रुपये कमाए।
प्रशांत किशोर ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जो भाजपा के नेता हैं, को तुरंत पद से हटाने और गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने फिर से उन पर 1995 के तारापुर हत्याकांड में शामिल होने के आरोप लगाए, जिसमें कुशवाहा समुदाय के सात लोग मारे गए थे। किशोर ने यह भी आरोप लगाया कि उस समय अपने आप को नाबालिग साबित करने के लिए चौधरी ने जाली दस्तावेज जमा किए थे।
इसके अलावा, किशोर ने पूछा कि क्या सम्राट चौधरी के खिलाफ 1999 में दो लोगों की मौतों के मामले में जांच की गई थी। यह मामला पहले CBI द्वारा जांचा गया था, जिसने बाद में मौतों को आत्महत्या बताया था। किशोर ने चौधरी से इस मामले में अपनी कथित भूमिका को स्पष्ट करने की मांग की।
JSP नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करेगा और सम्राट चौधरी को पद से हटाने की मांग करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखेंगे।
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जहां सम्राट चौधरी ने किसी प्रतिक्रिया के लिए अनुरोधों का जवाब नहीं दिया, वहीं भाजपा ने आरोपों को बेसबुनियाद और व्यक्तिगत vendetta से प्रेरित करार दिया।
बिहार भाजपा मीडिया इंचार्ज दानिश इकबाल ने कहा, “प्रशांत किशोर सनसनीखेज़ बयानबाजी कर अपनी अहमियत बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। उनके आरोप केवल लाइम लाइट में बने रहने की एक निराशाजनक कोशिश हैं।”
दानिश इकबाल ने कहा, “तारापुर हत्याकांड का मामला पहले ही अदालत में निपटा दिया गया है, और अदालत ने सम्राट चौधरी को बरी कर दिया था। यहां तक कि लालू प्रसाद यादव को भी उन पर गलत आरोप लगाने के लिए माफी मांगनी पड़ी थी।”
1999 में दो मौतों के मामले में किशोर की टिप्पणियों पर दानिश इकबाल ने कहा, “जिस तरह प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी का नाम इस मामले में जोड़ा, वह उनकी हताशा का उदाहरण है। यह दिखाता है कि दूसरों की छवि खराब करने के लिए वह कितनी दूर तक जा सकते हैं।”
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने JDU मंत्री अशोक चौधरी के खिलाफ नए आरोप भी लगाए। इससे पहले वह उन्हें भ्रष्टाचार और सरकारी ठेकों में कमीशन रैकेट चलाने का दोषी ठहरा चुके हैं। किशोर ने आरोप लगाया कि मंत्री ने पिछले आठ महीनों में 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के सरकारी ठेकों से 5% कमीशन वसूला।
किशोर ने कहा, “मेरे पास दस्तावेज़ हैं जो दिखाते हैं कि अशोक चौधरी ने 500 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियां हासिल की हैं। अगर उन्होंने मेरे खिलाफ 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस सात दिन के भीतर वापस नहीं लिया, तो मैं ये दस्तावेज़ सार्वजनिक कर दूंगा।”
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अशोक चौधरी ने किशोर के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया।
अशोक चौधरी ने कहा, “प्रशांत किशोर को मेरी किसी एक भी जमीन का नाम दिखाना चाहिए जो मेरी घोषित संपत्ति से अलग हो। उसे इसे साबित करना होगा। मानव वैभव विकास ट्रस्ट, जिसके बारे में किशोर ने बड़े लेनदेन और सवालिया वित्तीय बैकिंग के आरोप लगाए हैं, 1985 से चल रही है, इसलिए उनके सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। मैंने उन्हें दो बार कानूनी नोटिस भेजे हैं, जिनका उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। अगर उनके पास सबूत हैं, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाने की बजाय उन्हें हलफनामा देकर अपने सबूत पेश करने चाहिए।”
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किशोर ने अपनी कमाई को लेकर सफाई दी
भाजपा द्वारा उनकी पार्टी के फंडिंग की पारदर्शिता और वैधता पर सवाल उठाने के जवाब में किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने पिछले तीन साल में कंसल्टेंसी सेवाओं के जरिए कुल 241 करोड़ रुपये कमाए। इस आय में से 30.95 करोड़ रुपये GST और 20 करोड़ रुपये आयकर के रूप में जमा किए गए।
किशोर ने कहा, “मैं चोर नहीं हूँ। मैंने पिछले तीन साल में वैध कंसल्टेंसी काम के जरिए 241 करोड़ रुपये कमाए हैं। हर एक रुपये का हिसाब है और सभी कर नियमों का पालन किया गया है।”
किशोर ने बताया कि उनकी कंसल्टेंसी फीस विभिन्न क्लाइंट्स को दी गई रणनीतिक सलाह से आई है और उनके व्यवसाय गतिविधियां कई उद्योगों में फैली हुई हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि उन्होंने नवयुग कंस्ट्रक्शन्स से “एक प्रोडक्ट लॉन्च के दौरान दो घंटे की कंसल्टेंसी” के लिए 11 करोड़ रुपये कमाए।
किशोर ने कहा, “पिछले तीन वर्षों, 2021-22 से मेरे व्यक्तिगत खातों और संबंधित संस्थाओं में 241 करोड़ रुपये कंसल्टेंसी फीस के तौर पर आए। मैंने अपने व्यक्तिगत खाते से 98.75 करोड़ रुपये जन सुराज पार्टी को दान किए।” उन्होंने कहा कि सभी फंड वैध तरीके से जुटाए गए हैं। साथ ही किशोर ने यह भी कहा कि उन्होंने अगले 10 साल तक अपनी कमाई बिहार में सिस्टम सुधारने के काम में लगाने का संकल्प लिया है।
किशोर ने दावा किया है कि 2021 में राजनीति में आने से पहले उन्होंने राजनीतिक सलाह के लिए कभी कोई फीस नहीं ली। इसके बाद उन्होंने अपने काम और पार्टी के संचालन के लिए व्यवस्थित रूप से कंसल्टेंसी फीस लेना शुरू किया।
वहीं भाजपा के दानिश इकबाल ने किशोर के कंसल्टेंसी काम पर सवाल उठाए और कहा, “प्रशांत किशोर किस तरह की कंसल्टेंसी देते हैं? क्या वह आर्किटेक्ट या इंजीनियर हैं कि निर्माण कंपनियों को सलाह दें? उनके दावे समझ में नहीं आते।”
दानिश इकबाल ने आरोप लगाया कि किशोर अपनी गतिविधियों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरों पर आरोप लगाकर अपने कुकर्म छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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Source: The Indian Express