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Rahul Gandhi is Back: राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कोलकाता में खुशी मनाते कांग्रेस कार्यकर्ता. (PTI Photo)
Rahul Gandhi is Back as Congress MP, Lok Sabha Secretariat Issues Notification: कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर से लोकसभा की कार्यवाही में सांसद के तौर पर हिस्सा ले सकेंगे. लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता बहाल करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. राहुल गांधी की संसद सदस्यता 23 मार्च 2023 को उस वक्त समाप्त हो गयी थी, जब गुजरात की एक अदालत ने मानहानि के मामले में उन्हें अधिकतम दो साल की कैद की सजा सुना दी थी. लेकिन पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिए जाने के फैसले पर रोक लगा दी थी. तभी यह साफ हो गया था कि कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता बहाल होने जा रही है.
लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को जारी की अधिसूचना
सोमवार को लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी करके राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने की औपचारिकता पूरी कर दी. सचिवालय की अधिसूचना में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 4 अगस्त के फैसले के मद्देनजर राहुल गांधी की अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना अगले अदालती आदेश तक निष्प्रभावी हो गई है. राहुल गांधी को यह सजा 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की चुनावी सभा में मोदी सरनेम पर की गई टिप्पणी से जुड़े मानहानि के मामले में मिली थी. गुजरात के सूरत की ट्रायल कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को दिए फैसले में राहुल को अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी, जिसका नोटिफिकेशन लोकसभा सचिवालय ने अगले ही दिन यानी 24 मार्च 2023 को जारी कर दिया था.
Lok Sabha secretariat issues notice, reinstating Congress leader Rahul Gandhi’s Parliament membership.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 7, 2023
Last week, the Supreme Court had stayed the Congress leader's conviction in a criminal defamation case. pic.twitter.com/HZY0TWiOB4
खरगे ने किया फैसले का स्वागत
राहुल गांधी की दोष सिद्धि पर रोक लगाने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही कांग्रेस लगातार यह दबाव बना रही थी कि जिस तरह गुजरात कोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे के भीतर कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, उसी तरह सदस्यता बहाली की अधिसूचना भी जल्द से जल्द जारी की जानी चाहिए. राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने की अधिसूचना जारी होने का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्वागत किया है. खरगे ने यह खबर आने के बाद जारी बयान में कहा है कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होना एक स्वागत योग्य कदम है. यह फैसला भारत के लोगों, खासकर वायनाड की जनता के लिए राहत ले कर आया है.
The decision to reinstate Shri @RahulGandhi as an MP is a welcome step.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 7, 2023
It brings relief to the people of India, and especially to Wayanad.
Whatever time is left of their tenure, BJP and Modi Govt should utilise that by concentrating on actual governance rather than… pic.twitter.com/kikcZqfFvn
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा है
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राहुल गांधी को राहत देते हुए मानहानि के केस में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी. इससे उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ हो गया था. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने 4 अगस्त को सुनाया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि निचली अदालत के जज ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय दो साल की अधिकतम संभव सजा सुनाने का कोई ठोस कारण नहीं बताया. सोमवार को राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने की अधिसूचना जारी होने के साथ ही कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं का जश्न शुरू हो गया.
VIDEO | Congress workers celebrate outside AICC headquarters in Delhi after Rahul Gandhi was reinstated to the Parliament earlier today. pic.twitter.com/RWw6dsOlCd
— Press Trust of India (@PTI_News) August 7, 2023
मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा में गतिरोध जारी
इस बीच राहुल गांधी की लोकसभा में सांसद के तौर पर वापसी के दिन भी सदन में मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा. सोमवार को विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. विपक्षी सदस्य मानसून सत्र की शुरुआत से ही मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा किए जाने और इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सदन में बयान दिए जाने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष चाहता है कि यह चर्चा नियम 267 के तहत हो, जिसमें बाकी सारा काम रोककर विस्तार से बहस का प्रावधान है. सरकार भी मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन वो नियम 176 के तहत शॉर्ट टर्म यानी अल्पकालिक बहस चाहती है. साथ ही सरकार का कहना है कि इस मसले पर चर्चा में सरकार का पक्ष गृह मंत्री अमित शाह रखेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के सदन में आकर बयान देने की विपक्ष की मांग पर अब तक सरकार ने हामी नहीं भरी है. पीएम मोदी मानसून सत्र के पहले दिन संसद भवन के बाहर मणिपुर के मुद्दे पर बयान देकर दो महिलाओं के साथ दरिंदगी की घटना पर नाराजगी का इजहार कर चुके हैं. लेकिन सदन के भीतर उन्होंने अब तक मणिपुर के मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है.
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