scorecardresearch

ULI: यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस से एक क्लिक पर मिलेगा लोन, क्या है यूएलआई? इससे कर्ज लेना कैसे होगा आसान?

Unified Lending Interface ULI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यूपीआई की तर्ज पर यूएलआई लाने की तैयारी में है. इस प्लेटफार्म के आ जाने से छोटे और ग्रामीण क्षेत्र को लोगों को बड़े आसानी से लोन मिल सकेगा.

Unified Lending Interface ULI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यूपीआई की तर्ज पर यूएलआई लाने की तैयारी में है. इस प्लेटफार्म के आ जाने से छोटे और ग्रामीण क्षेत्र को लोगों को बड़े आसानी से लोन मिल सकेगा.

author-image
Mithilesh Kumar
New Update
RBI Governor Shaktikanta Das

Unified Lending Interface: आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास बेंगलुरु के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए. (Image: newsonair web)

RBI to launch Unified Lending Interface : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यूपीआई की तर्ज पर यूएलआई लाने की तैयारी में है. यूएलआई के आ जाने के बाद लोगों को एक क्लिक पर लोन मिल सकेगा. देश की सेंट्रल बैंक आरबीआई छोटे और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आसानी से लोन की सुविधा मिल सके इसके लिए यूएलआई ला रहा है.

क्या है यूएलआई?

देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन का चलन तेजी से बढ़ा है और लोगों और व्यापारियों ने इसे अपनाया है. जिससे डिजिटल पेमेंट, लोन और अन्य वित्तीय गतिविधियों के लिए बैंकों, एनबीएफसी, फिनटेक कंपनियों और स्टार्ट-अप को नए तौर तरीके ईजाद करने की प्रेरणा मिली है. डिजिटल तरीके से लोगों को लोन की सुविधा उपलब्ध करने के लिए जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है. इन डेटा का इस्तेमाल क्रेडिट अप्रेजल (credit appraisal) यानी क्रेडिट आकलन में किया जाता है और ये डेटा केंद्र और राज्य सरकारों, अकाउंट एग्रीगेटर्स, बैंक्स, क्रेडिट इनफार्मेशन कंपनीज और डिजिटल आईडेंटिटी अथॉरिटीज जैसे तमाम संस्थाओं के पास उपलब्ध हैं. चूंकि ये डेटा सेट अलग-अलग संस्थाओं के पास हैं. ऐसे में डिजिटल तरीके से कम समय में लोगों को लोन जारी करने में समस्याएं आती रही हैं. लोगों को एक क्लिक पर लोन मिल जाए आरबीआई यूपीआई की तर्ज पर यूएलआई लाने की तैयारी कर रहा है.

Advertisment

यह प्लेटफार्म कई डेटा सर्विस प्रोवाइडर से कर्ज लेने वालों तक विभिन्न राज्यों के भूमि रिकॉर्ड सहित डिजिटल जानकारी के निर्बाध और सहमति-आधारित प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है. यह विशेष रूप से छोटे और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के क्रेडिट मूल्यांकन के लिए लगने वाले समय को कम करेगा. पिछले साल, रिजर्व बैंक ने 2 राज्यों में आसान लोन को इनेबल करने वाले प्लेटफार्म की पायलट प्रोजेक्ट शुरू की थी.

Also read : Compounding 7-3-2 Rule : हर साल 1 करोड़ बढ़ती जाएगी आपकी दौलत, समझ लें कंपाउंडिंग का यह बेहतरीन फॉर्मूला

सोमवार 26 अगस्त को बेंगलुरू के एक कार्यक्रम में आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने प्लेटफार्म को यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) नाम दिए जाने का प्रस्ताव रखा. बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया देश और दुनिया में वित्तीय सेवाओं के डिजिटलीकरण की सफलता से उत्साहित होकर विशेष रूप से छोटे और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए लोन वितरण सरल बनाने के लिए यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (यूएलआई) लाने जा रहा है. 

यूएलआई से लोन लेना होगा आसान 

यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस प्लेटफार्म के जरिए लोन बड़े आसान तरीके से हासिल किया जा सकेगा. इस प्लेटफार्म से बेहद कम समय में छोटे और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को फौरन लोन मिलेगा. 

यूएलआई का फायदा छोटी रकम के पैसे उधार लेने वालों को होगा.

ULI प्लेटफार्म केडिट रेटिंग आधार, ई-केवाईसी, राज्य सरकार के लैंड रिकॉर्ड, पैन वैलिडेशन और अकाउंट एग्रीगेटर सहित अलग-अलग सोर्सेज से डेटा कलेक्ट करेगा.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूएलआई क्रेडिट रेटिंग के लिए लगने वाले समय को कम करेगा, खासकर छोटे और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए. उन्होंने कहा कि यूएलआई ढांचा विभिन्न स्रोतों से जानकारी तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ नजरिये के हिसाब से बनाया गया है. इससे कई तकनीकी एकीकरण की जटिलता कम हो जाती है और कर्ज लेने वालों को बहुत अधिक दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती और उन्हें लोन की निर्बाध आपूर्ति का लाभ मिलता है. 

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्राहक के वित्तीय और गैर-वित्तीय ब्योरे तक पहुंच को डिजिटल बनाकर यूएलआई से विभिन्न क्षेत्रों खासकर कृषि और एमएसएमई के लिए कर्ज की बड़ी अधूरी मांग को पूरा करने की उम्मीद है.

Digital Lending