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Saraswati Puja 2025: देशभर में आज मनाई जा रही है वसंत पंचमी, खास दिन का क्या है महत्व?

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत को समर्पित है. इस दिन देशभर के कई हिस्सो में देवी सरस्वती की पूजा जाती है. आइए जानते हैं इस खास दिन के महत्व के बारे में.

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत को समर्पित है. इस दिन देशभर के कई हिस्सो में देवी सरस्वती की पूजा जाती है. आइए जानते हैं इस खास दिन के महत्व के बारे में.

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FE Hindi Desk
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saraswati puja Basant Panchami 2025

Vasant Panchami 2025 : यह त्योहार एक आध्यात्मिक अवसर है और मौसम के बदलाव का भी जश्न है. Photograph: (Pexels)

Basant Panchami Saraswati Puja 2025:आज बसंत पंचमी है! यह दिन वसंत ऋतु की शुरुआत का जश्न मनाने के लिए है. पूरे देश में लोग इसे अपने तरीके से मनाते हैं. मां सरस्वती की पूजा होती है, पतंगें आसमान में उड़ती हैं, और पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं. साथ ही, घरों में स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं. यह दिन ज्ञान, रंग, और खुशियों से भरा होता है.

बसंत पंचमी के दिन देश के कई हिस्सो में देवी सरस्वती की पूजा जाती है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यह त्योहार ज्ञान, संगीत, कला और बुद्धिमत्ता की देवी सरस्वती को समर्पित है. इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और देवी सरस्वती से शिक्षा और रचनात्मकता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं. यह त्योहार एक आध्यात्मिक अवसर है और मौसम के बदलाव का भी जश्न है.

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Basant Panchami 2025: शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है. यह त्योहार हिंदू महीने माघ के पांचवें दिन मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में जनवरी-फरवरी के आसपास आता है.

इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को रविवार को मनाई जा रही है. सरस्वती पूजा का शुभ समय सुबह 07:09 से शुरू हुआ है और यह दोपहर 12:35 तक चलेगा. यह त्योहार देवी सरस्वती की जयंती को मनाने के लिए महत्वपूर्ण है, जो ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रतीक हैं.

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Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का महत्व

बसंत पंचमी, एक हिंदू त्योहार, वसंत ऋतु के आगमन का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है. इस दिन भक्त देवी सरस्वती की पूजा करते हैं, जो ज्ञान, विद्या और कला की देवी मानी जाती हैं. लोग उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं ताकि उनकी पढ़ाई और नए कामों में सफलता मिले. यह त्योहार देवी सरस्वती की पूजा से जुड़ा हुआ है, जिन्हें उनकी बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि देवी सरस्वती देवताओं की प्रार्थना से प्रकट हुईं ताकि वे ज्ञान और विद्या का उपहार दें.

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