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Sawan 2025: सावन में शिवलिंग पर पहले क्या चढ़ाएं, बेलपत्र या जल? जानिए शिवपूजन से जुड़े जरूरी नियम और आध्यात्मिक लाभ

शिवलिंग पर भगवान शिव की प्रिय वस्तुएं अर्पित करने से भक्तों को शुभ फल मिलते हैं. इसलिए जल, बेलपत्र, दूध आदि अर्पित किए जाते हैं. हालांकि, भगवान शिव को सबसे पहले क्या अर्पित करना चाहिए, भक्तों को ये जान लेना चाहिए.

शिवलिंग पर भगवान शिव की प्रिय वस्तुएं अर्पित करने से भक्तों को शुभ फल मिलते हैं. इसलिए जल, बेलपत्र, दूध आदि अर्पित किए जाते हैं. हालांकि, भगवान शिव को सबसे पहले क्या अर्पित करना चाहिए, भक्तों को ये जान लेना चाहिए.

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FE Hindi Desk
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Shiv bhakt sawan kab se ho rha hai shuru

उत्तर भारत में पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार पहला सावन सोमवार 14 जुलाई 2025 को पड़ेगा, जिसे भोलेनाथ की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. (AI Image)

Sawan 2025 Kab Se Ho Rha Hai Shuru: सावन का महीना शिवभक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है. इस पवित्र समय में शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाकर भोलेनाथ को प्रसन्न करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. लेकिन अक्सर भक्त यह भ्रम पाल लेते हैं कि शिवलिंग पर पहले क्या अर्पित करना चाहिए - जल या बेलपत्र? इस सवाल का जवाब न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे आपकी पूजा की संपूर्णता और प्रभावशीलता भी जुड़ी होती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर पूजन की शुरुआत हमेशा जल से करनी चाहिए. खासकर अगर यह जल गंगा, यमुना जैसी किसी पवित्र नदी का हो, तो और भी शुभ फलदायी माना जाता है. जल अर्पण के बाद ही शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, फूल आदि अर्पित करने चाहिए. शिवपुराण और अन्य ग्रंथों में भी इस क्रम का उल्लेख मिलता है.

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सावन में शिव पूजन का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस महीने में एक लोटा जल भी सच्चे मन से अर्पित कर दिया जाए तो भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं. यदि आप विधिपूर्वक पूजन नहीं कर पा रहे हैं, तो केवल जल चढ़ाकर भी शिव कृपा प्राप्त की जा सकती है.

किस दिन से शुरू हो रहा है सावन

इस साल सावन का पावन महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा. उत्तर भारत में पूरिणमांत पंचांग के अनुसार सावन का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक रहेगा, और पहला सावन सोमवार 14 जुलाई 2025 को पड़ रहा है, जिसे भोलेनाथ की आराधना के लिए विशेष शुभ माना जाता है. दूसरी ओर, दक्षिण और पश्चिम भारत में अमांत पंचांग के अनुसार सावन 25 जुलाई 2025 से शुरू होकर 23 अगस्त 2025 तक रहेगा. भक्त इस पूरे महीने भगवान शिव को जल, बेलपत्र, दूध आदि अर्पित कर व्रत रखते हैं और सोमवार के दिन विशेष पूजा का महत्व होता है.

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सावन में शिव पूजन के जरूरी नियम

सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा करें.

संध्या काल में भी शिवलिंग पर जल अर्पित करना पुण्यदायी होता है.

विशेष रूप से सावन के सोमवार को शिव मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें और शिव चालीसा पढ़ें.

जल चढ़ाने के बाद 3, 5, 7, 9 या 11 बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें. बेलपत्र चढ़ाते समय मंत्रोच्चार करते रहें.

खंडित या छिद्रयुक्त बेलपत्र शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए.

जल और बेलपत्र के साथ दूध, दही, शहद आदि पंचामृत भी अर्पित कर सकते हैं.

जल अर्पण करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख रखें.

शिवलिंग पर केतकी के फूल, हल्दी और सिंदूर चढ़ाना वर्जित है.

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