/financial-express-hindi/media/post_banners/h61a16W6leNo3m3nOsi3.jpg)
कांग्रेस नेता ने कहा कि जैसे कि ‘मोदानी ब्रिगेड’ (Modani brigade) ने सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को क्लीन चिट बताने की कोशिश की, उसी क्रम में अब और सबूत सामने आ गए हैं.
कांग्रेस (Congress) ने सोमवार को दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) अडाणी ग्रुप (Adani Group) के लेनदेन से जुड़ी जांच करते समय ऐसे बिंदु पर पहुंच गए जहां से वह आगे नहीं बढ़ सकते थे. पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Congress Leader Jairam Ramesh) ने यह भी कहा कि इस मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी यानी जेपीसी (JPC) का गठन जरूरी है.
मोदानी ब्रिगेड ने कमेटी रिपोर्ट को क्लीन चिट बताया, सामने आए और सबूत: जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ (गुजरात) ने हाल ही में कहा था कि अडाणी पावर (Adani Power) और इसके अधिकारियों ने संबंधित पक्षों के साथ अनुबंध और लेनदेन की जानकारी नहीं देकर कंपनी अधिनियम, 2013 (Companies Act) का उल्लंघन किया है. उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि जैसे कि ‘मोदानी ब्रिगेड’ (Modani brigade) ने सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को क्लीन चिट बताने की कोशिश की, उसी क्रम में अब और सबूत सामने आ गए हैं. रमेश ने दावा किया कि जांच करते हुए सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी और सेबी भी ऐसे बिंदु पर पहुंच गए जहां से वे आगे नहीं बढ़ सकते थे, ऐसे में इस ‘महाघोटाले’ की सच्चाई सामने लाने के लिए जेपीसी द्वारा जांच जरूरी है.
As the Modani brigade desperately tries to spin the Supreme Court Expert Committee’s report as a “clean chit” (it isn’t), more evidence emerges that Adani has engaged in multiple related-party transactions aimed at duping minority shareholders and unfairly enriching the… pic.twitter.com/ALpzWjQAwh
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 22, 2023
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने रिपोर्ट में कही थी ये बात
सुप्रीम कोर्ट की एक एक्सपर्ट कमेटी ने पिछले दिनों कहा कि वह अडाणी ग्रुप के शेयर्स में हुई तेजी को लेकर किसी तरह की नियामकीय विफलता का निष्कर्ष नहीं निकाल सकती है. कमेटी ने यह भी कहा कि सेबी विदेशी संस्थाओं से धन प्रवाह के कथित उल्लंघन की अपनी जांच में कोई सबूत नहीं जुटा सकी है. सुप्रीम कोर्ट की 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी ने हालांकि कहा कि अमेरिका की वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की रिपोर्ट से पहले अडाणी ग्रुप के शेयर्स में ‘शॉर्ट पोजीशन’ (भाव गिरने पर मुनाफा कमाना) बनाने का एक सबूत था और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भाव गिरने पर इन सौदों में मुनाफा दर्ज किया गया.