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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ बैठक में कहा - आतंकवाद पर डबल स्टैंडर्ड नहीं चलेगा. Photograph: (Image: PTI)
PM Modi in China for SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद पर डबल स्टैंडर्ड अब बर्दाश्त नहीं किए जा सकते और सभी देशों को एकजुट होकर इसका सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का कुरूप चेहरा हमने देखा है. भारत पिछले 7 दशक से आतंकवाद की मार झेल रहा है.
सोमवार को अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ‘एससीओ’ के दायरे को “सिक्योरिटी कनेक्टिविटी और अवसर (Security, Connectivity and Opportunity) तक विस्तारित करने की बात कही. उन्होंने आतंकवाद के साथ-साथ कनेक्टिविटी परियोजनाओं का भी जिक्र किया, जिसमें चाबहार पोर्ट और अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) शामिल है.
एससीओ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पिछले सात दशकों से आतंकवाद के संकट का सामना कर रहा है और हाल ही में पहलगाम में इसके घृणित रूप को पूरी दुनिया ने देखा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद किसी भी राष्ट्र की शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए गंभीर खतरे हैं. यह सिर्फ किसी एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि पूरी मानवता के लिए सामूहिक चुनौती है.”
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता बेहद जरूरी है, क्योंकि कोई भी देश या समाज इस संकट से खुद को पूरी तरह सुरक्षित नहीं मान सकता. उन्होंने उन मित्र देशों का आभार जताया जो पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ खड़े रहे. मोदी ने कहा कि “यह हमला सिर्फ भारत पर नहीं था, बल्कि उन सभी देशों और लोगों पर सीधी चुनौती थी जो मानवता में विश्वास रखते हैं. एससीओ सहयोग पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संगठन के सदस्य वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिए मिलकर काम कर सकते हैं. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग को सर्वसम्मति से उठाने का आह्वान किया.
मोदी-शी की बातचीत के बाद कांग्रेस ने सरकार पर लगाया आरोप
एससीओ बैठक से पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई थी. रविवार को इस बैठक में हुई मोदी-शी की बातचीत के बाद कांग्रेस ने सोमवार को सरकार पर निशाना साधा और उस पर ‘‘कायरतापूर्ण तरीके से घुटने टेकने’’ और ‘‘तथाकथित ड्रैगन’’ के सामने आत्मसमर्पण करने का आरोप लगाया. पार्टी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान-चीन की ‘‘जुगलबंदी’’ पर मोदी की चुप्पी को ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ बताया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भारत लंबे समय से चीन पर आतंकवाद के मुद्दे पर ‘‘दोहरे मानदंड’’ और ‘‘दोहरी भाषा’’ अपनाने का आरोप लगाता रहा है.
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अब प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा कि भारत और चीन दोनों आतंकवाद के शिकार हैं. अगर यह तथाकथित हाथी का तथाकथित ड्रैगन के आगे झुकना नहीं है, तो फिर क्या है?’’ रमेश ने कहा, ‘‘इससे भी ज्यादा राष्ट्र-विरोधी बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में एक शब्द तक नहीं कहा, जबकि इसका खुलासा खुद भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारियों ने किया था.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘स्वघोषित 56 इंच सीने वाला नेता अब पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है.
उन्होंने 19 जून 2020 को चीन को क्लीन चिट देकर राष्ट्रहित के साथ विश्वासघात किया. अब, 31 अगस्त 2025 भी तियानजिन में उनके कायरतापूर्ण दंभ के लिए बदनामी के दिन के रूप में याद किया जाएगा.’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत-चीन सीमा मुद्दे के “निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य” समाधान की दिशा में काम करने पर रविवार को सहमति जताई. उन्होंने वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में दोनों अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को स्वीकार करते हुए व्यापार एवं निवेश संबंधों को विस्तार देने का संकल्प भी लिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी बातचीत में मोदी और शी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकास में साझेदार हैं, न कि प्रतिद्वंद्वी तथा उनके मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए.