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White House Trade Adviser Peter Navarro: व्हाइट हाउस ट्रेड एडवाइजर पिटर नवारो. (Image: Reuters)
White House trade adviser Peter Navarro’s fresh take on India-Russia oil trade: भारत के रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका की ओर से एक बेतुका बयान आया है. व्हाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने आरोप लगाया कि भारत की तेल कंपनियां रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदकर उसे प्रोसेस कर महंगे दामों पर बेच रही हैं. आरोप है कि इससे हो रहे मुनाफे का सबसे बड़ा फायदा भारत के तथाकथित ‘ब्राह्मण उठा रहे हैं. अमेरिकी एडवाइजर ने रूस के लिए भारत को धोबीघर भी बताया.
फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में नवारो ने आरोप लगाया कि भारत रूसी तेल की धुलाई करके यूक्रेन युद्ध की फंडिंग कर रहा है. ट्रेड एडवाइजर ने यह भी आरोप लगाया कि भारत का एलीट मुनाफाखोरी (profiteering) कर रहा है. अमेरिकी बाजारों के लिए एक्सपोर्ट हो रहे भारतीय सामानों पर लगाए गए 50% ट्रंप टैरिफ का बचाव करते हुए अमेरिकी ट्रेड एडवाइजर ने कहा - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दुनिया की स्थिरता के लिए खतरा है.
एडवाइजर पीटर नवारो का कहना है कि रूस से सस्ते दाम पर क्रूड ऑयल खरीदना और उसे प्रोसेस कर महंगे दामों पर बेचना सीधे तौर पर यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देता है. नवारो के मुताबिक इससे यूक्रेनियों की जान जा रही है और आखिरकार अमेरिकी टैक्सपेयर को अपनी जेब से और पैसा देना पड़ रहा है. अमेरिकी एडवाइजर ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारत का तथाकथित ब्राह्मण यानी एलीट इस डील से सबसे ज्यादा मुनाफा कमा रहा है, और यह भारतीय जनता के हितों के खिलाफ है.
यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात साल बाद चीन पहुंचे हैं और शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. चीन के तियानजिन में आयोजित इस बैठक में मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात भी की. नवारो की टिप्पणी उस दौर में आई है जब अमेरिका में ट्रंप प्रशासन लगातार प्रोटेक्शनिस्ट नीतियां अपना रहा है और भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में खिंचाव बढ़ता जा रहा है.
पीएम मोदी की तारीफ कर भारत की विदेश नीति पर उठाया सवाल
नवारो ने प्रधानमंत्री मोदी को “ग्रेट लीडर” मानते हुए भी भारत की विदेश नीति और वैश्विक साझेदारियों पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, “समझ नहीं आता कि जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, तो मोदी पुतिन और शी जिनपिंग जैसे नेताओं के साथ क्यों खड़े हैं.”
भारत की व्यापार नीतियों पर भी उन्होंने सीधा निशाना साधा. नवारो के मुताबिक, भारत “टैरिफ का महाराजा” है. वह अमेरिका को अपने उत्पाद तो बेचता है, लेकिन अमेरिकी सामान के लिए अपने बाजार बंद रखता है. उनका कहना है कि इस असंतुलन से न सिर्फ अमेरिकी कामगारों को नुकसान हो रहा है, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को भी बढ़ावा मिल रहा है.