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OROP: वन रैंक वन पेंशन मामले में सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, 4 किस्तों में भुगतान का नोटिफिकेशन फौरन वापस लेने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से 20 जनवरी के उस नोटिफिकेशन को तुरंत वापस लेने के लिए कहा, जिसमें कहा गया है कि OROP की बकाया राशि का भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से 20 जनवरी के उस नोटिफिकेशन को तुरंत वापस लेने के लिए कहा, जिसमें कहा गया है कि OROP की बकाया राशि का भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा.

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FE Hindi Desk
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OROP payment

इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को सशस्त्र बलों के पात्र पेंशनभोगियों को OROP बकाया के भुगतान में देरी पर रक्षा मंत्रालय को फटकार लगा चुकी है.

SC Directs Centre to Withdraw 20 January Communication on OROP Payment in Four Instalments: सशस्त्र बलों के पात्र पेंशनरों को वन रैंक वन पेंशन बकाया मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक बार केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने सोमवार को कहा है कि रक्षा मंत्रालय ‘वन रैंक वन पेंशन’ (OROP) के बकाए का भुगतान चार किस्तों में करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता है. कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से 20 जनवरी के उस नोटिफिकेशन को तुरंत वापस लेने के लिए कहा, जिसमें कहा गया है कि OROP की बकाया राशि का भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा. पूर्व सैनिकों के बकाया पेंशन मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ कर रही है.

सरकार द्वारा समय मांगने की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा

अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार ने OROP बकाया की एक किस्त का भुगतान पूर्व सैनिकों को कर दिया है, लेकिन अगले भुगतान के लिए उसे कुछ और समय की जरूरत है. मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पहले OROP बकाया के भुगतान पर 20 जनवरी की अपनी नोटिफिकेशन वापस लें, फिर हम समय दिए जाने के संबंध में आपके आवेदन पर विचार करेंगे.

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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से बकाया भुगतान संबंधी डिटेल मांगा

चीफ जस्टिस सहित तीन जजों वाली पीठ ने कहा कि रक्षा मंत्रालय का 20 जनवरी का नोटिफिकेशन पूरी तरह से उसके फैसले के विपरीत था और वह अपनी ओर से एकतरफा ये नहीं कह सकता कि वह 4 किस्तों में OROP बकाया भुगतान करेगा. मामले की सुनावाई कर रही पीठ ने अटार्नी जनरल को भुगतान की जाने वाली राशि, अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों और बकाया भुगतान के लिए प्राथमिकता आदि का विवरण देते हुए एक नोट तैयार करने को कहा.

कोर्ट इस मामले में पहले भी लगा चुकी है फटकार

पीठ ने कहा है कि हम चाहते हैं कि किसी प्रकार का वर्गीकरण होना चाहिए और पहले वृद्ध लोगों को बकाए का भुगतान किया जाना चाहिए. मामला शुरू होने के बाद से अब तक 4 लाख से अधिक पेंशनभोगियों की मृत्यु हो चुकी है. बता दें कि पीठ वकील बालाजी श्रीनिवासन के जरिए दायर इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट (IEESM) की याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस याचिका में रक्षा मंत्रालय के 20 जनवरी की कम्युनिकेशन को खारिज करने की मांग की गई है. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने 27 फरवरी को सशस्त्र बलों के पात्र पेंशनभोगियों को OROP बकाया के भुगतान में देरी पर रक्षा मंत्रालय को फटकार लगा चुकी है.

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