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34 MPs suspended: संसद में हंगामा करने के आरोप में सोमवार को 34 और विपक्षी सांसद लोकसभा से सस्पेंड हो गए. इनमें से कई सांसद संसद के मकर द्वार पर धरना देते नजर आए. (ANI Photo)
Total 34 Lok Sabha MPs suspended today including Adhir Ranjan Chowdhury: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने का सिलसिला लगातार जारी है. सोमवार को लोकसभा (Lok-Sabha) के 34 और विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया. इनमें से 31 विपक्षी सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित किए गए हैं, जबकि 3 सांसदों को विशेषाधिकार समिति (Privileges Committee) की रिपोर्ट आने तक के लिए सस्पेंड किया गया है. पूरे सत्र के लिए निलंबित किए गए सांसदों में लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके नेता टीआर बालू और दयानिधि मारन और टीएमसी सांसद सौगत रॉय भी शामिल हैं. इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और डीएमके सांसद ए. राजा भी पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हुए हैं. इन तमाम सांसदों के खिलाफ यह कार्रवाई सदन के कामकाज में बाधा डालने के आरोप में की गई है.
तीन सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति के हवाले
जिन तीन सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए सस्पेंड किया गया है उनके नाम हैं - के जयाकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खलीक. इन तीनों पर नारे लगाते हुए स्पीकर के पोडियम पर चढ़ जाने का आरोप लगा है. सस्पेंड किए गए सांसदों के नाम पहले पीठासीन अधिकारी द्वारा घोषित किए गए, जिसके बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने उनके निलंबन का प्रस्ताव पेश कर दिया. इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किए जाने के साथ ही निलंबन का फैसला लागू हो गया. विपक्षी सांसदों के निलंबन की कार्रवाई पूरी होने के साथ ही सदन के कामकाज को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.
संसद की सुरक्षा में चूक से शुरू हुई तकरार
दरअसल संसद में सरकार और विपक्षी दलों के बीच मौजूदा तकरार पिछले सप्ताह 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में भारी लापरवाही बरते जाने की वजह से शुरू हुई है. बुधवार को 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी थी और उसी दिन दो युवक संसद की सुरक्षा को धता बताते हुए लोकसभा की विजिटल गैलरी से सदन के भीतर कूद गए और अपने साथ लाई कैन खोलकर पीली गैस फैला दी. इस घटना से सदन में भारी अफरा-तफरी मच गई, जिसके बाद कुछ सांसदों ने मिलकर दोनों युवकों को पकड़ा. इस घटना के बाद से ही विपक्ष और सरकार में गतिरोध जारी है.
गृह मंत्री संसद में आकर बयान दें : विपक्ष
विपक्षी सांसदों की मांग है कि संसद की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक (Security-breach) होने के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संसद में आकर बयान देना चाहिए. लेकिन सरकार विपक्ष की इस मांग को मानने के लिए तैयार नहीं है. पिछले हफ्ते गुरुवार और शुक्रवार को भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ था, जिसकी वजह से गुरुवार को लोकसभा के 13 और राज्यसभा के एक सांसद को संसद के पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद अब सोमवार को 34 और संसद सदस्यों के निलंबन के साथ ही इस मसले पर सरकार के साथ तकरार के चलते सस्पेंड होने वाले कुल सांसदों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है.
विपक्ष इस मामले का राजनीतिकरण कर रहा है : सरकार
सत्ता पक्ष का आरोप है कि विपक्षी सांसद संसद की सुरक्षा जैसे गंभीर मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं. वहीं विपक्ष का सवाल है कि गृह मंत्री अमित शाह अगर इस मसले पर मीडिया से बातचीत के दौरान टिप्पणियां कर सकते हैं, तो संसद में आकर बयान देने में उन्हें क्या दिक्कत है? कांग्रेस सांसदों का कहना है कि गृह मंत्री देश की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं. जब संसद सत्र चल रहा हो तो उनकी मुख्य जवाबदेही सदन के प्रति होती है. अगर वे इस मसले पर सदन में आकर बयान देते हैं, तो गतिरोध आसानी से दूर हो जाता. विपक्ष का कहना है कि गृह मंत्री को सदन में आकर बताना चाहिए कि संसद की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक सामने आने के बाद वे कौन से कदम उठाने जा रहे हैं. बहरहाल, बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच यह टकराव घटने की बजाय और बढ़ता नजर आ रहा है.
संसद पर हमले की बरसी के दिन क्या हुई घटना
बुधवार 13 दिसंबर को जब 2001 में हुए आतंकवादी हमले (Parliament-Attack) की बरसी मनाई जा रही थी, देश की संसद की सुरक्षा में शर्मसार करने वाली लापरवाही सामने आई. सागर शर्मा और मनोरंजन डी नाम के दो युवक शून्यकाल के दौरान लोकसभा की विजिटर्स गैलरी से सदन के अंदर कूद गए और ‘कैन’ से पीले रंग की गैस फैलाई. बाद में कई सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ा और सुरक्षा कर्मियों के हवाले किया. लोकसभा में सनसनी फैलाने वाले इन दोनों युवकों को संसद में घुसने का पास मैसुरु के बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के जरिये मिला था. यही वजह है कि विपक्ष प्रताप सिम्हा के खिलाफ भी जांच और कार्रवाई की मांग कर रहा है.