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Parliament security breach: 13 दिसंबर को सुरक्षा में हुई भारी चूक के बाद संसद भवन में सुरक्षा काफी सख्त कर दी गई है. सोमवार की इस तस्वीर में संसद भवन परिसर के भीतर सुरक्षा अधिकारी अपने स्निफर डॉग (sniffer dogs) के साथ नजर आ रहे हैं. (PTI Photo)
Centre askes states to send names for vacant post of Joint Secretary Security in Lok Sabha Secretariat: संसद की सुरक्षा में भारी की चूक की घटना के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से लोकसभा सचिवालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) के पद पर नियुक्ति के लिए अफसरों के नाम भेजने को कहा है. दरअसल यह पद करीब 48 दिनों से खाली पड़ा है. लेकिन 13 दिसंबर को संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में हुई भारी लापरवाही के एक दिन बाद यानी 14 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों से कहा कि वे लोकसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव (सुरक्षा) के पद को भरने के लिए नामांकन भेजें. पहले यह जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश कैडर के 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी रघुबीर लाल संभाल रहे थे, लेकिन नवंबर में उनका तबादला होने के बाद से यह पद खाली पड़ा है. यानी संसद की सुरक्षा में भारी चूक होने वाले दिन लोकसभा सचिवालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) के पद पर कोई अधिकारी था ही नहीं! ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि पिछले अधिकारी का ट्रांसफर करने से पहले यह तय क्यों नहीं किया जा सका कि कौन से नए अफसर उनकी जगह लेंगे?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिट्ठी
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय की तरफ से 14 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर बाकी राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र भेजा गया है. अंडर सेक्रेटरी संजीव कुमार की तरफ से भेजे गए इस पत्र में बताया गया है कि लोकसभा सचिवालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) के पद पर डेप्युटेशन यानी प्रतिनियुक्ति के आधार पर भर्ती की जानी है. यह प्रतिनियुक्ति भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के उन अधिकारियों के बीच से की जाएगी, जो केंद्रीय स्तर पर आईजी लेवल का पद संभालने की योग्यता रखते हैं. पत्र में यह भी बताया गया है कि लोकसभा सचिवालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) का पद वेतनमान के लिहाज से लेवल 14 में आता है. पत्र में संजीव कुमार ने लिखा है, "राज्य सरकारों से अनुरोध है कि वे इस पद पर नियुक्ति के लिए योग्य और इच्छुक आईपीएस अधिकारियों के नॉमिनेशन 20 दिसंबर तक ईमेल के जरिए भेज दें. नॉमिनेशन के साथ ही उनका विजिलेंस स्टेटस भी बताया जाए."
ज्वाइंट सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) का पद डेढ़ महीने से खाली
रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि लोकसभा सचिवालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) की पोस्ट इसलिए खाली पड़ी है, क्योंकि इस पद पर तैनात 1997 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी रघुबीर लाल का नवंबर के पहले सप्ताह में ट्रांसफर हो गया. पिछले साल ही लोकसभा सचिवालय के इस पद पर उनका डेप्युटेशन 20 अक्टूबर तक के लिए बढ़ाया गया था. रघुबीर लाल को उनके गृह राज्य में एडिशनल डीजी के पद पर नियुक्त किया गया है. उनका तबादला होने के बाद से डायरेक्टर लेवल के एक अधिकारी अस्थायी तौर पर ज्वाइंट सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.
13 दिसंबर को क्या हुआ था
13 दिसंबर 2023 को संसद पर 22 साल पहले हुए आतंकी हमले (Parliament-Attack) की बरसी थी. ठीक उसी दिन लखनऊ के रहने वाले सागर शर्मा और मैसूर निवासी मनोरंजन डी लोकसभा की विजिटर गैलरी से सदन के भीतर कूद गए और 'कैन' के जरिए पीले रंग का धुआं फैलाकर पूरे देश में सनसनी फैला दी थी. कई सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ा और फिर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पुलिस के हवाले किया. लगभग उसी समय नीलम नाम की हरियाणा की रहने वाली महिला और महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले युवक अमोल शिंदे ने संसद के बाहर भी उसी तरह के कैन से रंगीन धुआं फैलाकर नारेबाजी की थी. उन्हें भी मौके पर मौजूद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. बाद में इस मामले में दो और लोगों के शामिल होने का पता चला, जिनमें से एक ललित झा को इस घटना की साजिश रचने वाला बताया जा रहा है. इस मामले में अब तक 6 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा में चूक (security-breach) की इस घटना के बाद पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. लोकसभा में सदन के भीतर कूदने वाले दोनों युवकों को संसद के भीतर जाने का पास मैसूर के बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर मिला था.