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Virar Building Collapse: मुंबई के पास विरार में रमाबाई अपार्टमेंट ढहने से 17 की मौत, 9 लोग गंभीर रूप से घायल

Virar Ramabai Apartment Collapse: मुंबई के पास विरार में अचानक रमाबाई अपार्टमेंट इमारत ढहने से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. इस दर्दनाक हादसे में 9 लोगों के गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

Virar Ramabai Apartment Collapse: मुंबई के पास विरार में अचानक रमाबाई अपार्टमेंट इमारत ढहने से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है. इस दर्दनाक हादसे में 9 लोगों के गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

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FE Hindi Desk
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virar ramabai apartment collapse

Palghar Building Collapse: बुधवार रात महाराष्ट्र के विरार में रमाबाई अपार्टमेंट की इमारत गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई और 9 लोग घायल हुए. (Image: Express Photo)

Virar Ramabai Apartment Collapse: महाराष्ट्र के विरार से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई. मुंबई और पालघर के पास विरार के विजय नगर इलाके में रमाबाई अपार्टमेंट की एक इमारत अचानक ढह गई. हादसे ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया. मलबे के नीचे दबे कई लोगों की चीखें रातभर गूंजती रहीं, जबकि रेस्क्यू टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और सर्च अभियान शुरू किया. अब तक 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 9 लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

रेस्क्यू टीम ने मलबे में फंसे कई निवासियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. घायलों का नजदीकी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को मदद पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, वहीं इमारत गिरने के कारणों की जांच भी शुरू हो गई है.

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मुंबई और पालघर के पास विरार इलाके में बुधवार देर रात 13 साल पुरानी अनऑथराइज स्ट्रक्चर रमाबाई अपार्टमेंट का एक हिस्सा गिरने से हड़कंप मच गया. इस हादसे में 26 लोग मलबे के नीचे दब गए. गिरा हुआ हिस्सा बगल की चाल पर भी आ गिरा, जिससे पूरा इलाका अफरा-तफरी और दहशत से भर गया.

रात करीब 12 बजे सबसे पहले वसई-विरार नगर निगम की फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची. थोड़ी देर बाद, करीब 1:30 बजे मुंबई और पालघर से NDRF की दो टीमें भी वहां पहुंच गईं. स्थानीय पुलिस, नगरपालिका अधिकारी और खोजी कुत्तों की मदद से रेस्क्यू का काम शुरू किया गया.

रेस्क्यू ऑपेरशन में आई बड़ी चुनौतियां

शुरुआत से ही रेस्क्यू टीम के सामने बड़ी मुश्किलें थीं. संकरी गलियों की वजह से JCB जैसी भारी मशीनें अंदर तक नहीं पहुंच सकीं. साथ ही, टूटी हुई इमारत कभी भी और गिर सकती थी, जिससे हर कदम खतरनाक था. एक NDRF अधिकारी ने बताया – हमें मलबा बहुत सावधानी से हटाना पड़ा ताकि नीचे फंसे लोगों को चोट न लगे. शुरुआत में तो हमें हाथों से ही मलबा हटाना पड़ा.

फायर ब्रिगेड ने सबसे पहले ऊपर की परतों में दबे लोगों को निकाला. हादसे की रात 2 शव बरामद किए गए. बाद में NDRF ने ऑपरेशन संभाला, जिससे रफ्तार तेज हो गई.

बुधवार सुबह तक 11 लोगों को जिंदा निकाला जा चुका था. लेकिन राहत कार्य बहुत धीमा था, क्योंकि गलियां तंग थीं और आसपास की चालें एकदम सटी हुई थीं. बुधवार दोपहर आंशिक रूप से इमारत और चाल को तोड़कर गहरी जगहों तक पहुंचा गया. यहां खोजी कुत्तों ने बड़ी मदद की और टीमों को उन जगहों तक पहुंचाया जहां लोग करीब आठ फीट नीचे दबे हुए थे.

38 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

करीब 20 घंटे तक लगातार रेस्क्यू ऑपरेसन के बाद 16 लोगों को निकाला गया. जिनमें 7 की मौत हो चुकी थी और 9 लोग घायल थे. 24 घंटे तक आते-आते 21 लोगों को बाहर निकाला गया, लेकिन मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई. पांच लोग अब भी मलबे में दबे थे, जिन्हें गुरुवार तक तलाशा गया.

इन्हीं में से एक थे मंथन शिंदे, जिन्हें बुधवार सुबह 3:30 बजे निकाला गया. NDRF अधिकारियों ने बताया कि वे इसलिए बच पाए क्योंकि गिरे हुए बीम के बीच एक खाली जगह बन गई थी, जिसमें वे फंसे रहे. अस्पताल में भर्ती मंथन ने कहा - मैं मलबे में दबा था, NDRF की टीम ने मुझे बचाया और तुरंत अस्पताल पहुंचाया. मैं अधिकारियों का शुक्रगुजार हूं. आखिरकार 38 घंटे बाद ऑपरेशन पूरा हुआ. सभी लोगों को मलबे से निकाल लिया गया, लेकिन 17 लोगों की जान चली गई.

बेघर हुए सैकड़ों लोग

इस हादसे ने आसपास की चालों और इमारतों के सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया. घरों का सामान और जरूरी कागजात अंदर ही रह गए. कई लोगों ने बिल्डर को जिम्मेदार ठहराया. स्थानीय निवासी स्वानंद महालगांवकर ने कहा - हमने बार-बार बिल्डर और नगर निगम को चेतावनी दी थी, लेकिन किसी ने कार्रवाई नहीं की. पहले भी हिस्से गिरे थे, फिर भी कुछ नहीं हुआ. जब ये हिस्सा हमारी चाल पर गिरा, तो मैं आधे घंटे तक फंसा रहा. मुझे आखिरकार स्थानीय लोगों ने ही बाहर निकाला.

बाहर खड़े लोगों ने प्रशासन से गुजारिश की कि कम से कम उनके जरूरी सामान और कागजात घर से निकलवाए जाएं. लेकिन अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से मना कर दिया. एक महिला बोली – “हमारे सारे सामान अंदर हैं. हम 48 घंटे से सड़क पर सिर्फ पहने हुए कपड़ों में हैं. ऐसे में हम कैसे जिएं?

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