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ITR Refund : रिफंड प्रोसेसिंग पहले से तेज हुई है. लेकिन ई-वेरिफिकेशन के बाद इसमें 2 से 5 हफ्ते का समय लग सकता है. (AI Generated Image)
ITR Refund 2025 : हर साल टैक्सपेयर का सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return Filing) करने के बाद बैंक अकाउंट में रिफंड कब तक आएगा. पिछले कुछ सालों में इनकम टैक्स विभाग ने पूरी प्रोसेस को आसान और तेज बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं. इसमें ITR फॉर्म्स का समय पर जारी होना, ऑनलाइन और ऑफलाइन यूटिलिटी की सुविधा, ई-फाइलिंग और ई-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शामिल है. इन सुधारों का असर साफ दिख रहा है और अब औसतन रिफंड (Income Tax Refund) पहले से काफी जल्दी मिल रहा है.
कितने ITR फाइल और प्रोसेस हुए?
अभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ड्यू डेट नजदीक है और टैक्सपेयर के पास रिटर्न भरने के लिए अब सिर्फ 18 दिन बचे हैं. विभाग की वेबसाइट के मुताबिक 27 अगस्त 2025 तक लगभग 3.84 करोड़ ITR फाइल हो चुके हैं. इनमें से करीब 3.67 करोड़ ITR वेरिफाई किए गए और 2.43 करोड़ रिटर्न प्रोसेस किए गए.
कितनी जल्दी मिल रहा है रिफंड?
इस साल कुछ टैक्सपेयर्स को तो ITR फाइल करने के उसी दिनरिफंड भी मिल गया. हालांकि यह सिर्फ गिने-चुने केस हैं. बड़े पैमाने पर टैक्सपेयर्स को इतनी तेजी से रिफंड मिल रहा है, इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है.
औसतन कितना समय लग रहा है?
डिजिटल प्रोसेस की वजह से रिफंड प्रोसेसिंग टाइम काफी घटा है. औसतन देखा जाए तो रिटर्न के ई-वेरिफाई होने के बाद 17 से 30 दिन में रिफंड जारी हो रहा है. सीधे और सही तरीके से भरे गए ITR में यह समय और कम होकर 7 से 20 वर्किंग डेज तक भी देखा गया है.
रिफंड में क्यों हो रही है देर?
ऑटोमेशन और डिजिटलाइजेशन के बावजूद अभी भी कई टैक्सपेयर्स को रिफंड में 3 से 5 हफ्ते तक की देरी हो रही है. इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं.
सबसे अहम कारण है ई-वेरिफिकेशन. जब तक आप ITR को आधार OTP, नेट बैंकिंग या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन तरीके से ई-वेरिफाई नहीं करेंगे, रिफंड प्रोसेस शुरू ही नहीं होगा.
पुराने रिटर्न की जांच में फंसा रिफंड
कुछ मामलों में टैक्स डिपार्टमेंट पुराने रिटर्न की जांच कर रहा है. खासकर तब जब ITR और आपके Form 26AS, एनुअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement -AIS) या टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (Taxpayer Information Summary - TIS) में कोई अंतर पाया जाता है. ऐसे केस में रिफंड रोककर मैनुअल स्क्रूटनी की जाती है. इसी तरह अगर आपका बैंक अकाउंट PAN से लिंक और प्री-वैलिडेटेड नहीं है, तो रिफंड में और देरी हो सकती है.
क्या 24 घंटे में मिल सकता है रिफंड?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसे केस सामने आए हैं जहां टैक्सपेयर्स को 24 घंटे या सिर्फ 4 घंटे के भीतर भी रिफंड मिला है. लेकिन ये सिर्फ अपवाद हैं, जिन्हें ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. आम टैक्सपेयर के लिए हकीकत यही है कि 2 से 4 हफ्ते का इंतजार करना पड़ सकता है.
रिफंड जल्दी पाने के लिए क्या करें?
अगर आप चाहते हैं कि आपका रिफंड समय पर और बिना किसी देरी के मिले, तो इन बातों का ध्यान रखें:
ITR समय पर और सही डिटेल्स के साथ फाइल करें.
फाइल करने के तुरंत बाद ई-वेरिफिकेशन पूरा करें.
बैंक अकाउंट को प्री-वैलिडेट करें और PAN से लिंक रखें.
Form 26AS, AIS और TIS के साथ अपनी एंट्रीज क्रॉस-चेक करें.
रिफंड स्टेटस कैसे चेक करें?
ITR और रिफंड की स्थिति आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर “View Filed Returns” और “Refund/Demand Status” सेक्शन में देख सकते हैं. अगर आपका रिफंड लंबे समय तक अटका रहे, तो आप e-Nivaran grievance redressal सिस्टम या CPC हेल्पलाइन का सहारा ले सकते हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिफंड प्रोसेसिंग को पहले से कहीं ज्यादा तेज और आसान बना दिया है. लेकिन आम टैक्सपेयर्स को ई-वेरिफिकेशन के बाद औसतन 2 से 5 हफ्ते का समय लगने की उम्मीद रखनी चाहिए. सही और समय पर फाइलिंग करने से रिफंड जल्दी आने की संभावना बढ़ जाती है.