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Big Relief for Rahul Gandhi : सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्या होगा असर, क्या अब संसद में होगी राहुल गांधी की वापसी?

Supreme Court order on Rahul Gandhi : गुजरात की निचली अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उनकी संसद सदस्यता खत्म हुई थी. अब सवाल ये है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनकी सदस्यता बहाल हो जाएगी?

Supreme Court order on Rahul Gandhi : गुजरात की निचली अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके कारण उनकी संसद सदस्यता खत्म हुई थी. अब सवाल ये है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनकी सदस्यता बहाल हो जाएगी?

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Viplav Rahi
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SC relief for Rahul Gandhi : सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद खुशी का इजहार करते कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी. (ANI Photo)

Rahul Gandhi Gets Relief from Supreme Court : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत का पूरा मतलब क्या है? क्या राहुल गांधी को दोषी करार देने वाले गुजरात की निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाए जाने से उनकी संसद सदस्यता बहाल किए जाने का रास्ता साफ हो गया है? यह सवाल इसलिए क्योंकि राहुल गांधी की संसद सदस्यता 23 मार्च 2023 को निचली अदालत द्वारा 2 साल की अधिकतम सजा सुनाए जाने के कारण ही रद्द हुई थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की दोष सिद्धि यानी दोषी करार दिए जाने पर ही रोक लगा दी है, तो अब आगे का रास्ता क्या होगा?

दो साल की सजा के कारण खत्म हुई थी सदस्यता

सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश का मतलब यह है कि अब राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द किए जाने का वैधानिक आधार ही खत्म हो चुका है. ऐसा इसलिए क्योंकि मानहानि के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने की वजह से ही राहुल गांधी जन प्रतिनिधित्व कानून (RP Act) के दायरे में आए थे और उनकी संसद सदस्यता अपने आप समाप्त मान ली गई थी. 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी करके कहा था कि राहुल गांधी दोषी ठहराए जाने की तारीख यानी 23 मार्च 2023 से ही संसद सदस्यता के अयोग्य हो गए हैं.

अब नहीं रहा संसद सदस्यता रद्द होने का आधार

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने शुक्रवार के आदेश में भी इस बात का जिक्र किया है कि अगर लोअर कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल से एक दिन भी कम सजा दी होती, तो उन पर जन प्रतिनिधित्व कानून लागू नहीं होता यानी उनकी संसद सदस्यता रद्द नहीं होती. संसद में उनकी अयोग्यता का आधार निचली अदालत द्वारा दोषी करार देकर दो साल की सजा सुनाया जाना था. लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने दोष सिद्धि पर ही रोक लगा दी है, तो सांसद के तौर पर उन्हें अयोग्य साबित करने का अब कोई आधार नहीं रह गया है.

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सुप्रीम कोर्ट का 2018 का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने 'लोक प्रहरी बनाम भारत सरकार' (Lok Prahari v Union of India) के केस में 2018 में सुनाए गए अपने फैसले में कहा था कि अगर ऊपरी अदालत ने दोष सिद्धि पर स्टे लगा दिया, तो ऐसी रोक लगाए जाने की तारीख से ही अयोग्यता का पुराना फैसला बेअसर हो जाएगा. इस फैसले को सामने रखकर देखें तो राहुल गांधी की संसद सदस्यता खारिज किए जाने का फैसला शुक्रवार 4 अगस्त 2023 से ही बेअसर हो जाना चाहिए.

तो क्या अब राहुल गांधी संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले पाएंगे?

होना तो ऐसा ही चाहिए. हालांकि इससे पहले लोकसभा सचिवालय को राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने वाले पिछले नोटिफिकेशन को रद्द करना होगा. इसके साथ ही सांसद के तौर पर राहुल गांधी को मिलने वाली सुविधाएं और विशेषाधिकार भी बहाल हो जाएंगे. गौरतलब है कि संसद सदस्यता खत्म होने के बाद राहुल गांधी से उनका बंगला भी खाली करवा लिया गया था.

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क्या अब वायनाड लोकसभा पर उपचुनाव नहीं होगा?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र वायनाड (केरल) में उप-चुनाव कराए जाने का कोई आधार नजर नहीं रह गया है. लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने वाले नोटिफिकेशन को भले ही अब तक औपचारिक रूप से रद्द नहीं किया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक ने सांसद के तौर पर उनकी अयोग्यता के आधार को खत्म कर दिया है. ऐसे में वायनाड की लोकसभा सीट पर दोबारा चुनाव कराए जाने का कोई औचित्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने ताजा आदेश में भी कहा है कि राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने का व्यापक असर सिर्फ उनके सार्वजनिक जीवन पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि इससे उनके चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं के अपना प्रतिनिधि चुनने के अधिकार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

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