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ज्ञानेश कुमार को मार्च 2024 में सुखबीर सिंह संधू के साथ चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. Photograph: (Express File)
देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) चुने गए ज्ञानेश कुमार कौन हैं? और उनका तीन तलाक, राम मंदिर और आर्टिकल 370 जैसे चर्चित मामलों से क्या नाता रहा है? अभी इन सवालों में लोगों की दिलचस्पी इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली सेलेक्शन कमेटी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विरोध के बावजूद ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त बनाने का फैसला किया है. दरअसल 3 सदस्यों की सेलेक्शन कमेटी में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और नेता विपक्ष के तौर पर राहुल गांधी भी शामिल हैं. समिति की सोमवार को हुई बैठक में जब ज्ञानेश कुमार को नया सीईसी बनाने का फैसला किया गया, तो सदस्य के तौर पर मौजूद राहुल गांधी ने फैसले का विरोध करते हुए डिसेंट नोट यानी एतराज जाहिर करने वाली टिप्पणी दर्ज कराई. लेकिन समिति में सरकार का बहुमत है, इसलिए राहुल गांधी के विरोध का नए CEC के सेलेक्शन पर कोई असर नहीं पड़ा.
कौन हैं ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं, जो पिछले साल जनवरी में मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन के सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए थे. अमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रालय में मई 2022 से वह सेक्रेटरी पद थे. ज्ञानेश कुमार ने गृह मंत्रालय में 5 साल बिताए, पहले मई 2016 से सितंबर 2018 तक ज्वॉइंट सेक्रेटरी के रूप में और फिर सितंबर 2018 से अप्रैल 2021 तक एडिशनल सेक्रेटरी के रूप में. इससे पहले, ज्ञानेश कुमार संसदीय कार्य मत्रालय में सचिव और काग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में रक्षा मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले ज्ञानेश कुमार का जन्म ताज नगरी आगरा में जनवरी, 1964 में हुआ है.
कहां से की है पढ़ाई
बात करें पढ़ाई की तो ज्ञानेश कुमार ने 10वीं और12वीं की पढ़ाई यूपी बोर्ड से की है. उन्होंने कानपुर आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में बी-टेक की है. ज्ञानेश कुमार ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया से बिजनेस फाइनेंस की भी पढ़ाई की है, साथ ही अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पर्यावरणीय अर्थशास्त्र भी अध्ययन किया है.
आर्टिकल 370 से क्या है लिंक?
ज्ञानेश कुमार एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं. गृह मंत्रालय में उन्होंने बतौर ज्वॉइंट सेक्रेटरी और बाद में एडिशनल सेक्रेटरी 5 साल बिताएं हैं. यहां उनका कार्यकाल मई 2016 से लेकर अप्रैल 2021 तक रहा. अगस्त 2019 में, जब वह गृह मंत्रालय में ज्वॉइंट सेक्रेटरी (जम्मू संभाग) थे, तो उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले विधेयक का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
इसके अलावा, उन्होंने तीन तलाक को समाप्त करने से जुड़ी मसौदा समिति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. एक साल बाद, जब वह गृह मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी थे, तो उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान संबंधित दस्तावेजों को संभालने की जिम्मेदारी निभाई थी.