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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर एक बार फिर से जानलेवा हमला होने की आशंका है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने ये चेतावनी खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर दी है. (File Photo : Reuters)
Imran Khan can be attacked again, warns Pakistan's Judge: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर एक बार फिर से जानलेवा हमला होने की आशंका है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने ये चेतावनी खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर दी है. चीफ जस्टिस ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की जिंदगी पर मंडराते खतरे को संज्ञान में लेकर उनकी सुरक्षा का पक्का इंतजाम करना पाकिस्तान सरकार की जिम्मेदारी है.
अदालत को मिली खुफिया रिपोर्ट में हमले की चेतावनी : हाईकोर्ट
इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आमेर फारूक ने इमरान पर एक और हमले की आशंका वाली टिप्पणी शुक्रवार को एक पिटीशन की सुनवाई के दौरान कही. दरअसल कुछ व्यापारियों ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के कारण सड़कें बंद किए जाने के मसले पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस फारूक ने कहा कि अदालत को सौंपी गईं खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स से पता चलता है कि इमरान खान की हत्या करने की एक और कोशिश की जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेना केंद्र और राज्य की सरकारों की जिम्मेदारी है.
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इमरान की पार्टी को कोर्ट की सलाह
जस्टिस फारूक ने कहा कि इमरान खान की पार्टी को जल्द आम चुनाव कराने की अपनी मांग के समर्थन में लॉन्च मार्च निकालना है, तो उन्हें इसकी इजाजत हासिल करने के लिए इस्लामाबाद प्रशासन के पास फिर से एप्लीकेशन देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी मामला नहीं सुलझता तो कोर्ट में नए सिरे से याचिका दायर की जा सकती है. जस्टिस फारूक ने कहा कि धरने के लिए जगह मुहैया कराना कोर्ट की जिम्मेदारी नहीं है. यह प्रशासन को देखना है कि वे किस जगह पर प्रदर्शन की इजाजत देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी इस सिलसिले में ऐसा ही आदेश दे चुका है.
इमरान खान को 3 नवंबर को लगी थी गोली
सत्तर साल के इमरान खान पर 3 नवंबर को वजीराबाद में गोलियां चलाई गई थीं, जिसमें वे जख्मी तो हुए लेकिन उनकी किसी तरह जान बच गई. जिस वक्त ये हमला हुआ, इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद बाद के लॉन्ग मार्च की अगुवाई कर रहे थे. 28 अक्टूबर को शुरू हुआ यह मार्च इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहा था. इस हमले के बाद उनका कार्यक्रम बीच में ही रोकना पड़ा था, जिसे अब इमरान खान फिर से आगे बढ़ाना चाहते हैं.
पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट जुलूस पर रोक लगाने को तैयार नहीं है
इमरान की पार्टी का लॉन्च मार्च अब नवंबर के अंत तक इस्लामाबाद पहुंचने की उम्मीद है, जबकि खुद इमरान खान ने इसमें रावलपिंडी से शामिल होने का एलान किया है. लेकिन सरकार इस मार्च को इस्लामाबाद में आने की इजाजत नहीं दे रही है. इमरान खान की पार्टी के लॉन्ग मार्च पर रोक लगाने के लिए दायर पिटीशन को पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को ही खारिज कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को रद्द करते हुए कहा था कि यह एक सियासी मुद्दा है, जिसका समाधान राजनीतिक तौर पर ही होना चाहिए.
अप्रैल 2022 में गिर गई थी इमरान की सरकार
इमरान खान को इसी साल अप्रैल में विश्वासमत खोने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. इसके बाद से इमरान यह आरोप लगा रहे हैं कि उनकी सरकार एक अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत गिराई गई है. पाकिस्तान की संसद का मौजूदा कार्यकाल अगस्त 2023 में खत्म होना है, लेकिन इमरान खान जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ इसके लिए तैयार नहीं हैं.