/financial-express-hindi/media/media_files/2025/04/21/kVnwkb5P8Ld9iAjCwotg.jpg)
पोप फ्रांसिस के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया अफसोस. Photograph: (PTI)
Pope Francis Dies: पोप फ्रांसिस का ईस्टर मंडे के दिन (21 अप्रैल 2025) वेटिकन सिटी स्थित आवास पर निधन हो गया. सोमवार 21 अप्रैल 2025 को कैथोलिक चर्च की ओर से जारी आधिकारिक बयान में यह जानकारी सामने आई. पोप फ्रांसिस 88 साल के थे. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अफसोस जताया है.
कैमरलेंगो ऑफ द एपोस्टोलिक चैंबर के कार्डिनल केविन फैरेल ने आज सुबह 9:45 बजे भावुक होकर बताया कि गहरे दुख के साथ मुझे यह सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे हॉली फादर फ्रांसिस का आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर निधन हो गया. रोम के बिशप फ्रांसीस अब परमपिता के घर लौट गए हैं.
कार्डिनल ने पोप फ्रांसिस को याद करते हुए कहा कि उन्होंने पूरी जिंदगी चर्च की सेवा में लगा दी और गरीबों व वंचितों के लिए हमेशा करुणा दिखाई. उनका जाना पूरी दुनिया के लिए एक भावनात्मक क्षण है.
पीएम मोदी ने जताया अफसोस
पोप फ्रांसिस के निधन पर पीएम मोदी ने अफसोस जताया. शोक की घड़ी में एक्स पर किए पोस्ट के जरिए पीएम ने कहा - पोप फ्रांसिस को दुनिया भर में करोड़ों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे. कम उम्र से ही उन्होंने प्रभु यीशु मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. उन्होंने गरीबों और वंचितों की निष्ठा से सेवा की और दुख में डूबे लोगों के भीतर उम्मीद की रोशनी जगाई.
Deeply pained by the passing of His Holiness Pope Francis. In this hour of grief and remembrance, my heartfelt condolences to the global Catholic community. Pope Francis will always be remembered as a beacon of compassion, humility and spiritual courage by millions across the… pic.twitter.com/QKod5yTXrB
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2025
उनके साथ हुई मुलाकात को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा - फ्रांसीस के समावेशी और समग्र विकास के प्रति समर्पण ने मुझे बेहद प्रेरित किया. भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा याद रखा जाएगा.
कौन थे पोप फ्रांसिस?
पोप फ्रांसिस कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक गुरु और वेटिकन सिटी (Vatican City) में स्थित रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च नेता थे. वे पूरी दुनिया के करीब 1.3 अरब कैथोलिक ईसाइयों के आध्यात्मिक मार्गदर्शक थे. उनका असली नाम जोर्ज मारियो बर्गोलियो (Jorge Mario Bergoglio) था और वे अर्जेंटीना से थे. वे 13 मार्च 2013 को पोप बने और वे पहले लैटिन अमेरिकी और पहले जेसुइट (Jesuit Order) सदस्य थे जिन्हें पोप चुना गया. पोप फ्रांसिस को भारत और भारतीय संस्कृति से गहरा लगाव था. वे भारत आने की इच्छा कई बार जता चुके थे और भारतवासियों के लिए उनके मन में खास स्नेह था.