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23 दिसंबर को यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से दक्षिणी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय पोत लेन में दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी गईं. हालांकि, किसी भी जहाज के इन हमलों से प्रभावित होने की सूचना नहीं है.
अमेरिकी मध्य कमान (US Central Command) ने कहा है कि दक्षिणी लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों के ड्रोन हमलों की चपेट में आए दो पोत में से एक भारतीय ध्वज वाला तेल टैंकर भी है. वहीं इंडियन नेवी के अधिकारियों (Indian Navy Officials) का कहना है कि लाल सागर में गैबॉन (Gabbon) के झंडे वाले जहाज एमवी साईबाबा (MV Saibaba) पर भी ड्रोन हमला हुआ है.
अमेरिका की मध्य कमान ने एक बयान में कहा कि 23 दिसंबर को, यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से दक्षिणी लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय पोत लेन में दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी गईं. हालांकि, किसी भी जहाज के इन हमलों से प्रभावित होने की सूचना नहीं है.
Houthis targeted 2 warships, including India-flagged tanker in Red Sea: US
— ANI Digital (@ani_digital) December 24, 2023
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लाल सागर में गैबॉन के झंडे वाले जहाज पर भी हुआ हमला: इंडियन नेवी
इंडियन नेवी के अधिकारों ने बताया कि लाल सागर में गैबॉन (Gabbon) के झंडे वाले जहाज एमवी साईबाबा (MV Saibaba) पर भी ड्रोन हमला हुआ है. विमान में चालक दल के 25 भारतीय सदस्य सवार हैं जो सुरक्षित हैं. यह भारत के ध्वज वाले पोत नहीं है. अधिक जानकारी के लिए इंतजार करना होगा.
A Gabbon-flagged vessel MV Saibaba has also suffered a drone attack in the Red Sea. It has 25 Indian crew members on board who are safe. It is not an Indian-flagged vessel. More details are awaited: Indian Navy officials pic.twitter.com/nWG3h3CTP1
— ANI (@ANI) December 24, 2023
अमेरिकी मध्य कमान के अपने बयान में क्या कहा?
अमेरिकी मध्य कमान के बयान के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे के बीच, यूएसएस लैबून - डीडीजी 58 (USS LABOON-DDG 58) दक्षिणी लाल सागर में गश्त कर रहा था और इसने यमन में हूती-नियंत्रित क्षेत्रों से आने वाले 4 ड्रोन को मार गिराया. यूएसएस लैबून इन ड्रोन के निशाने पर था. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और न ही किसी प्रकार की क्षति हुई.
इसके मुताबिक, स्थानीय समयानुसार रात करीब 8 बजे अमेरिकी नौसेना बल की मध्य कमान को दक्षिणी लाल सागर में दो पोत से रिपोर्ट मिली कि उन पर हमला किया गया है. बयान के मुताबिक, नॉर्वे के ध्वज वाले तेल टैंकर ‘एम/वी ब्लामानेन’ (M/V BLAAMANEN) ने हूती विद्रोहियों के ड्रोन द्वारा उन्हें निशाना बनाए जाने की सूचना दी है, जिसमें किसी के घायल होने या क्षति की सूचना नहीं है. इसके मुताबिक, भारतीय ध्वज वाले एक अन्य तेल टैंकर ‘एम/वी साईबाबा’ (M/V SAIBABA) ने भी उस पर ड्रोन हमले की सूचना दी. इस हमले में भी किसी के घायल होने की सूचना नहीं है.
अमेरिकी मध्य कमान ने स्थिति की गंभीरता को रेखांकित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय समुद्री यातायात की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं. ये हमले 17 अक्टूबर के बाद से हूती विद्रोहियों द्वारा कॉमर्शियल शिपिंग पर 14 वें और 15 वें हमले हैं.
7 अक्टूबर को इजरायल-हमास जंग शुरू होने के बाद से, ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने मध्य पूर्व के अन्य मिलिशिया समूहों (militia groups) के साथ मिलकर अमेरिकी ठिकानों और संपत्तियों को निशाना बनाया है. यमन में हूती फोर्सेज लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं, हमलों को इजरायल के खिलाफ बदला लेने के रूप में दावा कर रहे हैं, जिसमें पिछले महीने एक छापे में एक नाव को जब्त करना भी शामिल है.
इन हमलों की निगरानी कर रहा भारत: अरिंदम बागची
कॉमर्शियल शिपिंग की फ्री मूवमेंट का प्रबल समर्थक भारत इन हमलों की निगरानी कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इसी गुरुवार को एक साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "भारत हमेशा कॉमर्शियल शिपिंग के फ्री मूवमेंट का समर्थन करता रहा है, इसलिए यह कुछ ऐसा है जिसमें हम रुचि रखते हैं. हम निश्चित रूप से वहां के घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं. बागची ने कहा कि भारत भी फ्री शिपिंग सुनिश्चित करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का हिस्सा है. चाहे वह पायरेसी हो या अन्यथा, भारत इसमें शामिल रहा है. इसलिए भारत इसकी निगरानी करना जारी रखेगा.
अमेरिका द्वारा ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्डियन पर प्रकाश डालते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अरब सागर में जहाजों के सुरक्षित पारगमन को सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा रहा है. इस टास्क फोर्स ऑपरेशन के बारे में कुछ संचार था. हम अरब सागर में जहाजों के सुरक्षित ट्रांजिट को सुनिश्चित करने के प्रयासों का हिस्सा रहे हैं और हम कॉमर्शियल शिपिंग के फ्री मूवमेंट को महत्व देते हैं. अमेरिका और अन्य नौसैनिक बल कॉमर्शियल शिपिंग की रक्षा के लिए लाल सागर क्षेत्र में काम करते हैं, लेकिन नए टास्क फोर्स से सुरक्षा बढ़ाने की उम्मीद है.
हाल ही में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें दोनों नेताओं ने समुद्री यातायात की सुरक्षा पर चिंताओं को साझा किया. पीएम मोदी ने प्रभावित लोगों के लिए मानवीय सहायता जारी रखने की आवश्यकता को दोहराया. उन्होंने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सभी बंधकों की रिहाई सहित संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया.
इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक पोस्ट में कहा, 'प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. दोनों नेताओं ने बाब-अल-मंडेब (Bab-el-Mandeb) में नौवहन की स्वतंत्रता हासिल करने के महत्व पर चर्चा की, जिसे ईरान द्वारा उकसाए गए हूती की आक्रामकता से खतरा है.