/financial-express-hindi/media/media_files/2025/04/08/8ayanMfdntXt7uSjGMCy.jpg)
Student Visa Cancel : मार्च में छात्रों को कैंपस में किसी गतिविधि के चलते डिपोर्ट करने की ईमेल भेजी गई थी, और अब ये नया मामला सामने आया है. (Image: FE File)
US revokes F 1 visas of Indian students for minor offences: अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए चिंता की बात सामने आई है. कई छात्रों के F-1 स्टूडेंट वीजा अचानक रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें खुद ही देश छोड़कर जाने (self-deport) के लिए कहा गया है. ये कदम उन मामूली अपराधों की वजह से उठाया गया है, जो ज़्यादातर मामलों में पहले ही सुलझ चुके थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में छात्रों को कैंपस में किसी गतिविधि के चलते डिपोर्ट करने की ईमेल भेजी गई थी, और अब ये नया मामला सामने आया है.
अमेरिका में भारतीय छात्रों पर कड़ा एक्शन
टेक्सास, मिजूरी (Missouri) और नेब्रास्का (Nebraska) की यूनिवर्सिटीज के छात्र इस अमेरिकी एक्शन से प्रभावित हुए हैं. इनके खिलाफ ओवर-स्पीडिंग, ट्रैफिक नियम तोड़ना, छोटी-मोटी चोरी या शराब से जुड़े केस बताए जा रहे हैं.
Also read : Trump tariffs: टैरिफ को लेकर एलन मस्क और ट्रंप के बीच तकरार, रिपोर्ट में दावा
क्या है मामला?
यूनिवर्सिटीज़ के अफसरों ने छात्रों को ईमेल भेजकर बताया कि उनकी SEVIS (विदेशी छात्र जानकारी प्रणाली) रिकॉर्ड खत्म कर दी गई है. इसके चलते उनका I-20 फॉर्म, वर्क परमिट और अमेरिका में कानूनी ठहराव अब वैध नहीं रह गया है.
ईमेल में लिखा है कि अगर आपका वीजा रद्द हो गया है, तो अब वो पासपोर्ट में लगा वीजा वैध नहीं है. अगर आप अमेरिका में हैं, तो तुरंत देश छोड़ने की तैयारी करें."
इमिग्रेशन वकील कह रहे हैं कि ऐसे मामूली अपराधों पर वीजा रद्द करना बहुत ही असामान्य है. टेक्सास के एक वकील, चंद परवथनेनी, जो ऐसे करीब 30 केस देख रहे हैं, ने कहा कि "रेड लाइट पार करना या ट्रेनिंग ड्राइविंग लाइसेंस पर गाड़ी चलाना—इन पर आमतौर पर SEVIS नहीं रद्द होती."
कई छात्रों का कहना है कि उनके केस पुराने हैं और कानून के तहत हल हो चुके हैं. जैसे कि एक छात्र ने बताया कि दो साल पहले ओवर-स्पीडिंग का जुर्माना भरा था, गिरफ्तारी नहीं हुई थी. एक और छात्र ने ड्रंक ड्राइविंग केस में कोर्ट के सारे नियम माने, जैसे कार में लॉक सिस्टम लगवाना और नियमित शराब टेस्ट करवाना.
एक छात्र, जिसे वॉलमार्ट से 12,000 रुपये (लगभग 144 यूएस डॉलर) की चीजें चुराने पर पकड़ा गया था, कहता है कि उसका केस उसकी अच्छी पढ़ाई और सहयोग के कारण खारिज कर दिया गया था. "मैंने सब नियम माने, फिर भी मुझे दोबारा सज़ा क्यों मिल रही है?"
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में ऐसे अपराधों को गंभीरता से लिया जाता है, और छात्रों को शुरुआत में ही इसकी जानकारी दी जाती है. एक एडमिशन कंसल्टेंट, रवि लोथुमल्ला ने कहा:
"पहली बार ऐसा हो रहा है कि इतने पुराने और हल हो चुके मामलों पर SEVIS रद्द की जा रही है. छात्रों को तुरंत इमिग्रेशन वकील से संपर्क करना चाहिए, कुछ के केस अब भी पलटे जा सकते हैं."
इस पूरे घटनाक्रम से भारतीय छात्रों की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि पहले से ही जटिल इमिग्रेशन सिस्टम में अब छोटी-छोटी गलतियों से भी ज़िंदगी पर असर पड़ सकता है.
/financial-express-hindi/media/agency_attachments/PJD59wtzyQ2B4fdzFqpn.png)
Follow Us