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अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर लोन लेते हैं, तो इसके कई फायदे हैं.
Joint Home Loan: कई बार होम लोम को आसानी से मंजूरी नहीं मिलती और इसमें दिक्कत आती है. ऐसे लोगों के लिए जॉइंट होम लोन बड़ी राहत देने वाला हो सकता है. अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर लोन लेते हैं, तो इसके कई फायदे हैं. एक फायदा तो ये है कि इससे आपके ऊपर से लोन चुकाने का बोझ कम हो जाता है. आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर एक बड़ा घर खरीद सकते हैं. इसके अलावा, सरकार रजिस्ट्रेशन शुल्क पर डिस्काउंट ऑफर करती है. हालांकि, इसमें फायदे के साथ ही कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है. आइए जानते हैं कि जॉइंट होम लोन लेते समय किन जोखिमों का ध्यान रखना जरूरी है.
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क्रेडिट स्कोर हो सकता है खराब
जॉइंट होम लोन में अगर आपका पार्टनर अपने हिस्से का भुगतान करने से इनकार करता है, तो इस स्थिति में यह क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज्यादातर डिफ़ॉल्ट पेमेंट को-एप्लीकेंट के साथ होते हैं. इसके अलावा जब आप ज्वाइंट होम लोन लेते हैं तो आप दोनों की क्रेडिट लिमिट खत्म हो जाती है. इमरजेंसी की स्थिति में या अपने बच्चे के लिए एजुकेशन लोन लेने की स्थिति यह जोखिम भरा हो सकता है.
तलाक या मृत्यु की स्थिति में क्या होगा
मान लीजिए कि कोई शख्स अपने पार्टनर के साथ मिलकर जॉइंट होम लोन लेता है और बाद में किसी वजह से इसे अलग करना चाहता है तो ऐसी स्थिति में वह मुश्किल में पड़ सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि तलाक के बाद, अगर पति या पत्नी में से एक ईएमआई का भुगतान करना बंद कर देता है, तो इसे चुकाने का बोझ दूसरे एप्लीकेंट पर पड़ता है. ध्यान दें कि एप्लीकेंट पूरी संपत्ति का स्वामित्व प्राप्त किए बिना EMI का भुगतान करेगा. साथ ही, लोन चुकाने में असमर्थता दोनों बॉरोअर्स के लिए कानूनी समस्याएं पैदा कर सकती है. इसलिए, हमेशा जॉइंट होम लोन लेने से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह लेने का सुझाव दिया जाता है. इसी तरह, अगर पति या पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है, तो लोन चुकाने की पूरी जिम्मेदारी दूसरे के ऊपर आ जाती है.
ओनरशिप का अधिकार
जॉइंट लोन के मामले में, घर का ओनरशिप समान रूप से डिवाइड होता है और इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि ईएमआई का भुगतान किसने किया है. साथ ही, जब एक से ज्यादा मालिक होते हैं, तब संपत्ति बेचना मुश्किल हो सकता है. जब तक दोनों ओनर बेचने के लिए सहमत न हों, तब तक इसे नहीं बेचा जा सकता.
(आर्टिकल - संजीव सिन्हा)