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Bank ETF: बैंकिंग सेक्टर में हो रहा सुधार, क्यों Bank ETF में निवेश करना हो सकता है शानदार ऑप्शन

Bank ETF: भारत के नजरिये से देखें तो बैंकिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी मायने रखता है.

Bank ETF: भारत के नजरिये से देखें तो बैंकिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी मायने रखता है.

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FE Hindi Desk
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Bank ETF

Bank ETF: सरकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति आज अच्छी है और वित्त वर्ष 2023 में नेट प्रॉफिट लगभग तीन गुना बढ़ गया है. (फोटो एक्सप्रेस)

Bank ETF: पिछले कुछ समय से बैंकिंग सेक्टर काफी खबरों में चल रहा है. भारत के लिहाज से देखें तो बैंकिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी मायने रखती है. अगर हम बैंकिंग सेक्टर को अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहें तो ये अतिशयोक्ति नहीं होगी. हम HDFC मर्जर के बाद दुनिया के चौथे सबसे वैल्युएबल बैंक का निर्माण देख रहे हैं. पिछले पांच सालों में इस सेक्टर ने अपने बही-खाते को साफ करके, निवेशकों का विश्वास दोबारा हासिल करने में काफी हद तक सफल रहा है. यह उस टेस्टिंग में भी खरा उतरा जब फरवरी 2023 में अमेरिका और अन्य विकसित देशों में बैंकिंग संकट के बावजूद, भारतीय बैंकिंग सिस्टम लचीली और स्थिर रही.

बैंकिंग सेक्टर में हो रहा सुधार

आज भारत के सबसे बड़े 5 बैंकों ने मजबूत क्रेडिट स्कोर देखी है, जबकि एसेट क्वालिटी में लगातार सुधार हो रहा है. आज, NPA, मुनाफा जैसे तमाम फैक्टर के प्रति भारतीय बैंक अच्छी स्थिति में हैं. शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों का ग्रॉस NPA मार्च 2018 में 11.2 फीसदी से गिरकर मार्च 2023 में दशक के निचले स्तर 3.9 फीसदी पर आ गया है. मार्च 2024 तक इसके और गिरकर 3.6 फीसदी होने की उम्मीद है. कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो (CAR) भी लगभग 15 फीसदी बढ़ गया है. इसी तरह पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSU) में भी बदलाव आया है और उन्होंने बेहतर दक्षता, ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण, डिजिटलीकरण, तकनीकी प्रगति और बेहतर जोखिम प्रबंधन का प्रदर्शन करते हुए अच्छे आंकड़े दर्ज किए हैं.

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पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSU) की वित्तीय हालत आज अच्छी है और वित्त वर्ष 2023 में नेट प्रॉफिट लगभग तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2014 में यह 36,270 करोड़ रुपये था. इसके साथ ही इसमें संपत्ति पर रिटर्न (ROA) वित्त वर्ष 2014 में 0.51 फीसदी से बढ़कर 0.78 फीसदी हो गया, जबकि NIM भी वित्त वर्ष 23 में 2.73 फीसदी से बढ़कर 3.23 फीसदी हो गया है.

अर्थव्यवस्था के बढ़ने पर बढ़ता है बैंक

वैश्विक मानकों की तुलना में भारत में बैंकिंग अभी भी कम पहुंच वाला क्षेत्र बना हुआ है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, प्रत्येक 9,000 नागरिकों पर एक कमर्शियल बैंक शाखा है. जैसे-जैसे भारत अगले कुछ वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर आगे बढ़ रहा है, बैंकिंग सेक्टर इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है. ऐतिहासिक रुझानों से पता चलता है कि बैंक उस दर से 1.5-2 गुना की दर से बढ़ते हैं जिस दर से अर्थव्यवस्था बढ़ती है.

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ETF हो सकता बेहतर ऑप्शन

बैंकिंग विकास की कहानी का फायदा उठाने के लिए, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे एक निवेशक बैंकों में निवेश कर सकता है. पहला विकल्प है डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट. यहां, किसी को निवेश करने के लिए शेयरों को शॉर्टलिस्ट करने और पहचानने की आवश्यकता होगी. डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एक चुनौतीभरा हो सकता है क्योंकि चुनने के लिए बहुत सारे खिलाड़ी हैं. दूसरा एक्टिवली मैनेज्ड बैंकिंग आधारित क्षेत्रीय फंड में निवेश करना है. तीसरा विकल्प पैसिव ऑफरिंग है, जहां चुनने के लिए विभिन्न प्रकार के संयोजन उपलब्ध हैं. ईटीएफ यूनिवर्स के भीतर, निवेशक बैंक निफ्टी ईटीएफ, निफ्टी प्राइवेट बैंक ईटीएफ और निफ्टी पीएसयू बैंक ईटीएफ में से चुन सकते हैं.

ऐसे कर सकते हैं निवेश

निष्कर्ष के तौर पर, बैंकिंग सेक्टर रोमांचक समय के शिखर पर है और आने वाले सालों में इसमें भारी उछाल देखने को मिल सकता है. अपनी पोर्टफोलियो रिक्यारमेंट के आधार पर एक निवेशक बैंकिंग नामों में एक्सपोजर हासिल करने के लिए इंडेक्स फंड या ईटीएफ के बीच चयन कर सकता है. जो लोग क्रमबद्ध निवेश करना चाहते हैं, वे निफ्टी बैंक इंडेक्स फंड में एसआईपी के जरिए निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.

(Article By Chintan Haria, Head Investment Strategy, ICICI Prudential AMC. Views expressed are the author’s own. Please consult your financial advisor before investing.)

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