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बैंक लॉकर में रखे गहने कितने सुरक्षित हैं? इसके बारे में यहां बताया गया है आइए जानते हैं.
ज्वैलरी और जरूरी दस्तावेज जैसे कीमती सामान को सुरक्षित रखने के लिए आप भी बैंक के लॉकर सर्विस का इस्तेमाल करते हैं? या करने का विचार कर रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है. बैंक लॉकर में रखे कीमती सामान कितने सुरक्षित हैं? इसके बारे में आइए जानते हैं.
बैंक लॉकर में कितना सेफ है आपका कीमती सामान?
अगर आपने अपने कीमती सामान की सुरक्षित रखने के लिए एसबीआई बैंक के शाखा का चुना है तो उसके सुरक्षा की जिम्मेदारी शाखा के पास है. बैंक जिम्मेदारी लेते हुए सुनिश्चित कराते हैं कि शाखा में आग, चोरी, सेंधमारी, डकैती, भवन गिरने जैसी घटनाएं अपनी कमियों, लापरवाही और भूल-चूक के कारण न होंने पाए. ऐसे उदाहरण जहां लॉकर की सामग्री का नुकसान ऊपर उक्त घटनाओं की वजह से होता है या एसबीआई बैंक के कर्मियों द्वारा की गई धोखाधड़ी के कारण होता है, तो बैंक लॉकर के लिए तय सालाना सर्विस चार्ज के 100 गुना के बराबर मुआवजा मिलता है.
लॉकर के लिए कितना जमा करता है सालाना किराया?
देश के तमाम बैंकों में लॉकर की सुविधा उपलब्ध है. इस विकल्प का इस्तेमाल करने से पहले बैंक के नियम और शर्तों के बारे में अच्छी तरह समझ लेना चाहिए. अगर आप अपने कीमती गहनों को सुरक्षित रखने के लिए देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का लॉकर इस्तेमाल करने का विचार बना रहे हैं तो यहां उसके सालाना चार्ज का डिटेल देख सकते हैं.
एसबीआई बैंक में लॉकर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए बैंक ने सलाना चार्ज तय कर रखा है. लोकेशन और साइज के आधार पर बैंक लॉकर इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को चार्ज देने पड़ते हैं. बैंक द्वारा आखिरी बार जून 2023 में संशोधित नोटिफिकेशन के मुताबिक शहरी इलाके के एसबीआई बैंक के स्मॉल लॉकर के लिए ग्राहकों को सालाना आधार पर जीएसटी के साथ 2000 रुपये लॉकर चार्ज देना पड़ता है.
वहीं सेमी अर्बन और ग्रामीण इलाकों में बैंक के स्मॉल लॉकर के लिए सालाना चार्ज में 1500 रुपये और जीएसटी भी शामिल हैं. इसी तरह शहरी इलाकों में बैंक के मीडियम लॉकर के लिए 4000 रुपये और सेमी-अर्बन व ग्रामीण इलाकों में 3000 रुपये सालाना चार्ज निर्धारित है. इसके अलावा इन पर जीएसटी भी देना पड़ेगा. शहरी इलाकों में बैंक के लॉर्ज लॉकर पर 8000 रुपये और एक्सट्रा लार्ज के लिए 12000 रुपये चार्ज देना पड़ेगा. ग्रामीण इलाकों में बैंक के लॉर्ज लॉकर के लिए 6000 रुपये और एक्स्ट्रा लार्ज के लिए 9000 रुपये सालाना चार्ज निर्धारित है. यहां भी जीएसटी लागू है.
लॉकर सर्विस चार्ज अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग है. ऐसे में उन बैंकों के लॉकर के लिए अप्लाई करने से पहले सर्विस चार्ज भी गौर से देख लें. कुछ बैंकों में तीन साल की डिपॉजिट और अन्य चार्जेज एक साथ जमा कराए जाते हैं. बात करें एसबीआई की तो लॉकर अलॉटमेंट के वक्त एसबीआई बैंक टर्म डिपॉजिट भी जमा करा सकता है, जिसमें लॉकर-किराएदार द्वारा चार्ज जमा नहीं किए जाने की स्थिति में लॉकर तोड़ने का शुल्क और तीन साल का लॉकर चार्ज और अन्य शुल्क शामिल होगा.
किराए पर लॉकर अलॉट लेने वालों को उनमें कोई अवैध या खतरनाक पदार्थ नहीं रखने की आनुमति नहीं है. अगर लॉकर में किसी अवैध या खतरनाक पदार्थ रखे जाने का संदेह होने पर परिस्थितियों के अनुरूप उपयुक्त कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है. लॉकर जिस भी महीने में सरेंडर किया जाएगा उस महीने तक का किराया देना पड़ेगा और बाकी अवधि के लिए अगर कोई एडवांस किराया जमा कराई गई है तो उसे वापस कर दिया जाएगा.
लगातार तीन साल तक किराए का भुगतान नहीं करने की स्थिति में बैंक लॉकर को तोड़कर खोल दिए जाने का प्रावधान है और लॉकर में पड़ी सामग्री बेचकर बकाया चार्ज और अन्य वसूल की जाती है. यदि लॉकर सात साल की अवधि के लिए निष्क्रिय रहता है और लॉकर-किराए वाले का पता नहीं लगाया जा सकता है, भले ही लॉकर सर्विस चार्ज नियमित रूप से जमा किया जा रहा हो, तो लॉकर की सामग्री को नॉमिनी को हस्तांतरित करने या पारदर्शी तरीके से वस्तुओं का निपटान करने के लिए बैंक स्वतंत्र होता है. बता दें कि लॉकर को तोड़ने से पहले, बैंक उचित कार्यविधि का पालन करता है.