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Budget 2025: इंश्योरेंस सेक्टर में 100% हुई FDI लिमिट, क्या होगा फायदा?

Govt raises FDI in insurance: बजट 2025 में सरकार ने इंश्योरेंस सेक्टर के लिए बड़ा एलान किया है. सरकार ने इंश्योरेंस में एफडीआई लिमिट (FDI limit) 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है.

Govt raises FDI in insurance: बजट 2025 में सरकार ने इंश्योरेंस सेक्टर के लिए बड़ा एलान किया है. सरकार ने इंश्योरेंस में एफडीआई लिमिट (FDI limit) 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है.

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Mithilesh Kumar
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Budget 2025 FDI in Insurance

FDI Limit in insurance: शनिवार को लोकसभा में बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई लिमिट बढ़ाने की घोषणा की. Photograph: (Freepik)

Govt raises FDI in insurance to 100 per cent with key conditions: सरकार ने बजट 2025 में इंश्योरेंस सेक्टर के लिए बड़ा एलान किया है. लोकसभा में बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई लिमिट बढ़ाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार ने इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई लिमिट (FDI Limit) में 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने फैसला लिया है.

इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई लिमिट 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी की गई है. बीमा क्षेत्र में एफडीआई लिमिट बढ़ाने के सरकार के प्रस्ताव से इस सेक्टर में अधिक विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि 100 फीसदी एफडीआई से पर्याप्त विदेशी पूंजी आकर्षित होगी, जिससे देश में बेहतर प्रौद्योगिकी आएगी. अलायंस इंश्योरेंस ब्रोकर्स के को-फाउंडर और डायरेक्टर आतुर ठक्कर ने कहा कि अंतररार्ष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों के देश में आने से उपभोक्ता बेहतर उत्पादों और सेवाओं की उम्मीद कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे.

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ठक्कर ने कहा कि अस्थायी कर्मचारियों यानी गिग वर्कर्स के लिए खास तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस की व्यवस्था एक अहम कदम है. इसके लागू होने से इन कर्मचारियों को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और इससे पूरे समाज का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा.

डेलॉयट इंडिया के भागीदार देबाशीष बनर्जी ने कहा कि एफडीआई सीमा को 100 फीसदी करने से बहुत सारी विदेशी कंपनियों को भारत में बने रहने और प्रतिस्पर्धा लाने में मदद मिलेगी, जिससे बड़े पैमाने पर पॉलिसीहोल्डर्स को फायदा होगा. शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के भागीदार रुद्र कुमार पांडेय ने कहा कि इस कदम से अधिक विदेशी निवेश आएगा, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और क्षेत्र को अधिक पूंजी, संसाधन और विशेषज्ञता मिलेगी. इससे नवोन्मेषी उत्पाद आएंगे और बीमा की पहुंच बढ़ेगी.

एक्स पर किए पोस्ट के जरिए वित्र मंत्रालय ने कहा कि पेंशन प्रोडक्ट्स के रेगुलेटरी को-ऑर्डिनेशन और विकास के लिए फोरम बनाई जाएगी. केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए इस साल सेंट्रल केवाईसी रजिस्ट्री (Revamped Central KYC Registry) नए सिरे से शुरू की जाएगी.

इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की सेवाओं का विस्तारित किया जाएगा. पोस्ट में बताया गया है कि भारत में बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए कॉर्पोरेट बांड बाजार को बढ़ाने के लिए एक व्यापक पहल के हिस्से के रूप में नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलेपमेंट (National Bank for Financing Infrastructure and Development - NaBFID) द्वारा पार्शियल क्रेडिट एनहांसमेंट फैसिबिलिटी (Partial Credit Enhancement Facility) की स्थापना की जाएगी.

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एफडीआई लिमिट बढ़ाने के फायदे

  • एफडीआई सीमा बढ़ाने से विशेष रूप से बीमा क्षेत्र में निवेश का प्रवाह तेज होने की उम्मीद है. इससे कंपनियों को अधिक पूंजी मिलेगी, जिससे वे अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकेंगी.
  • एफडीआई की बढ़ी हुई सीमा से विदेशी कंपनियों को भारतीय बाजार में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी.
  • एफडीआई लिमिट बढ़ने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है. इससे स्थानीय कंपनियों को बेहतर सेवाएं और उत्पाद प्रदान करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जो अंततः उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होता है.
  • अधिक विदेशी निवेश से वित्तीय भंडार मजबूत होगा, जिससे कंपनियों की लाभप्रदता में सुधार हो सकता है. यह वित्तीय स्थिरता को भी बढ़ावा देगा, जो किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है.
  • एफडीआई से नवीनतम प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं का हस्तांतरण होता है, जिससे स्थानीय उद्योगों में नवाचार को बढ़ावा मिलता है. यह प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान कर सकता है.

  • विदेशी निवेश से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है. यह न सिर्फ नए रोजगार के अवसर पैदा करता है, बल्कि तकनीकी और प्रबंधकीय कौशल का भी विकास करता है.

इस प्रकार, एफडीआई लिमिट बढ़ाने से न सिर्फ बीमा सेक्टरको बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था को कई तरह से लाभ होगा.

Budget 2025 Insurance