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पारिवारिक जिम्मेदारियों के बढ़ने के साथ बीमा के साथ सुरक्षित रहने के लिए एक कन्वर्टिबल टर्म इंश्योरेंस प्लान मददगार होता है.
कन्वर्टिबल टर्म इंश्योरेंस प्लान (Convertible Term Insurance Plan) तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि ये किसी भी अतिरिक्त मेडिकल अंडरराइटिंग की जरूरत के बिना एक रेगुलर टर्म पॉलिसी को पूरे लाइफ इंश्योरेंस या एंडोमेंट प्लान में बदलने का विकल्प देता हैं. ये फीचर पॉलिसीहोल्डर को आजीवन कवरेज सुरक्षित करने में सक्षम बनाती है साथ ही यह जीवन की अप्रत्याशित त्रासदियों से उत्पन्न होने वाली वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में पॉलिसीहोल्डर के परिवार के सदस्यों को लाभ देता हैं.
कन्वर्टिबल टर्म इंश्योरेंस प्लान लंबी अवधि के लिए इंश्योरेंस जरूरतों को सिक्योर करने में आजीवन कवरेज में अपग्रेड करने की फ़्लैक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं जबकि रेगुलर टर्म प्लान सिर्फ एक निश्चित अवधि के लिए लाइफ कवर देते हैं. प्योर टर्म इंश्योरेंस प्लान में अगर पॉलिसी टर्म तक पॉलिसीहोल्डर जीवित रहता है तो इसमें कोई मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं मिलता है. हालांकि, अगर प्योर टर्म को पूर्वनिर्धारित पॉलिसी अवधि के बाद एंडोमेंट में कन्वर्ट किया जाता है, तो पॉलिसीहोल्डर को मैच्युरिटी का लाभ भी मिलेगा, भले ही वह पॉलिसी टर्म से अधिक हो. कन्वर्टिबल टर्म इंश्योरेंस प्लान का प्रीमियम प्योर टर्म इंश्योरेंस प्लान की तुलना में अधिक है.
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पारिवारिक जिम्मेदारियों के बढ़ने से बीमा के साथ सुरक्षित रहने के लिए कन्वर्टिबल टर्म इंश्योरेंस मददगार होता है. इसके अलावा जीवन में बाद में एक नया एंडोमेंट एश्योरेंस प्लान (endowment assurance) खरीदना महंगा होगा क्योंकि उम्र के साथ मोर्टेलिटी रेट बढ़ जाती है. ऐसे में कन्वर्टिबल टर्म इंश्योरेंस प्लान एक व्यक्ति को हायर मोर्टेलिटी रेट का भुगतान किए बिना बचत के साथ-साथ बीमा कवर का लाभ देगा.
प्रोबस इंश्योरेंस ब्रोकर (Probus Insurance Broker) के डायरेक्टर राकेश गोयल का कहना है कि कन्वर्टिबल टर्म प्लान शुरूआत में अफोर्डेबल टर्म इंश्योरेंस देता है और बाद में इसे परमानेंट लाइफ इंश्योरेंस प्लान में बदला जा सकता है. "यह विकल्प भविष्य के स्वास्थ्य परिवर्तनों की परवाह किए बिना आजीवन सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जबकि टर्म प्लान खरीदने की उम्र के आधार पर कम दर पर प्रीमियम को लॉक करता है.
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इन बातों का रखें ध्यान
कन्वर्टिबल टर्म प्लान खरीदने से पहले लोगों को अपने परिवार के लंबी अवधि की जरूरतों जैसे बच्चों की शिक्षा, घर खरीदने या रिटायरमेंट के बाद की लाइफ को ध्यान में रखना चाहिए. चूंकि इंश्योरेंस कंपनियों के पास टर्म प्लान को बदलने के लिए अलग-अलग नियम और शर्तें होंगे, ऐसे में लोगों को फ्लेक्सिबिलिटी के लिए कन्वर्जन विकल्पों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करनी चाहिए. उन्हें वर्तमान और भविष्य की लागतों को समझना चाहिए. साथ ही ये भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इसकी प्रीमियम आपके बजट में फिट बैठता है या नहीं. बता दें कि कन्वर्टिबल टर्म प्लान को ऑनलाइन खरीदना सस्ता पड़ता है.
जीवन बीमा कंपनी कन्वर्टिबल टर्म प्लान को मंजूरी देने से पहले रिस्क मूल्यांकन के एक हिस्से के रूप में मेडिकल टेस्ट के लिए कह सकती है. हालांकि, प्लान के कन्वर्जन के वक्त कोई नई अंडरराइटिंग प्रक्रिया नहीं होगी. टर्म प्लान को एंडोमेंट प्लान में बदलने से पहले लोगों को ये ध्यान रखना चाहिए कि पॉलिसी की शेष टेन्योर के लिए अधिकतम बीमा राशि ओरिजनल टर्म प्लान की होगी. पॉलिसीहोल्डर मंथली, क्वार्टर्ली या सालाना आधार पर प्रीमियम जमा करने का विकल्प चुन सकते हैं.
प्रीमियम और टैक्स में छूट
कन्वर्टिबल टर्म प्लान के लिए प्रीमियम का निर्धारण बीमित व्यक्ति की प्रवेश के समय उम्र, बीमा राशि, पॉलिसी टेन्योर और अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर किया जाता है. प्रीमियम सिर्फ टर्म प्लान की टेन्योर के दौरान स्थिर रहता है. एक बार जब पॉलिसीहोल्डर टर्म प्लान को स्थायी में बदल देता है, तो प्रीमियम की गणना प्राप्त आयु और नई स्थायी योजना के आधार पर की जाती है. राकेश गोयल का कहना है कि नए परमानेंट प्लान में कन्वर्जन के बाद प्रीमियम में काफी वृद्धि होती है.
पॉलिसीहोल्डर को 1,50,000 रुपये तक के प्रीमियम पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलेगा. धारा 10 (10 डी) के तहत प्लान की मैच्युरिटी पर टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा.