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एंड्रॉइड स्मार्टफोन के इस्तेमाल से पेंशनर्स अपना डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा कर सकते हैं, यहा आसान तरीके बताए गए हैं. (Image: PTI)
ईपीएफओ के पंशनर्स के बीच नई तकनीक के जरिए डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा करने की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. ईपीएफओ की ओर से शनिवार को जारी एक प्रेस रिलीज में यह जानकारी दी गई है. ईपीएफओ के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 6.6 लाख पेंशनर्स की ओर ईपीएफओ को फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी आधारित डिजिटल लाइफ प्रूफ मिले थे. इस दौरान कुल 60 लाख डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा किए गए थे. उससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी आधारित डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा करने वालों की संख्या 2.1 लाख थी.
अगर आप एक पेंशनर्स हैं या आपके घर में कोई पेंशनर्स है. फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए घर से लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना चाहते हैं, यहां बताए गए आसान स्टेप्स की मदद से जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं.
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मोबाइल पर FAT तकनीक से ऐसे जमा करें डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट
ईपीएफओ की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी यानी FAT तकनीक के जरिए घर से डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा करने के लिए पेंशनर्स को अपने स्मार्टफोन में दो ऐप - 'आधार फेस RD' (Aadhaar Face RD) और 'जीवन प्रमाण' (Jeevan Pramaan) इंस्टॉल करने की जरूरत होती है. इन ऐप के लिए ऑपरेटर वेरिफिकेशन आधार से जुड़े मोबाइल नंबरों के माध्यम से किया जाता है. ऐसे में इसके साथ ही पेंशन रिलीज करने वाली संस्था जैसे बैंक, पोस्ट ऑफिस आदि के साथ आधार लिंक होना जरूरी है. सफल फेस स्कैन (successful face scan) सुनिश्चित करने के लिए इन ऐप में विस्तृत स्टेप्स दिए गए हैं. एक बार स्कैन पूरा हो जाने के बाद, जीवन प्रमाण आईडी और पीपीओ नंबर के साथ मोबाइल स्क्रीन पर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सबमिशन की पुष्टि हो जाती है, जिससे घर बैठे ही प्रक्रिया पूरी हो जाती है.
फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए सबसे पहले आपके पास एक स्मार्टफोन होना आवश्यक है. ध्यान रहे कि FAT तकनीक के जरिए घर से डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा करने के लिए पेंशनर्स या करीबियों के पास कम से कम 5MP फ्रंट कैमरे या रियर कैमरे वाला एंड्रॉइड (वर्जन 7.0 और उससे ऊपर का) फोन होना जरूरी है. साथ ही इंटरनेट कनेक्टिविटी भी जरूरी है.
यहा एंड्रॉइड स्मार्टफोन यूजर के लिए यहां स्टेप्स बताए गए है. घर से डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा करने के लिए इसकी मदद ले सकते हैं.
आपको सबसे पहले पेंशनर्स या उसके करीबी को फोन में Google Play Store से 'आधार फेस आरडी (अर्ली एक्सेस) एप्लिकेशन' को डाउनलोड और इन,स्टॉल करना है. जीवन प्रमाण वेबसाइट के अनुसार एक बार ऐप इंस्टॉल हो जाने के बाद यह फोन की होम स्क्रीन पर दिखाई नहीं देगा और इसका कोई आइकन भी नहीं होगा. जीवन प्रमाण की वेबसाइट पर कहा गया है कि ये ऐप सेटिंग्स में और फिर ऐप इन्फो में दिखाई देता है.
अब गूगल प्ले स्टोर से जीवन प्रमाण फेस ऐप डाउनलोड और इंस्टॉल करें. 'जीवन प्रमाण' ऐप पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी दें. ऐप में आपको आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि जानकारी देनी होगी. सभी जानकारी दर्ज करने के बाद आपको सबमिट पर क्लिक करना है.
जीवन प्रमाण ऐप पर वन टाइम ऑपरेटर प्रमाणीकरण प्रक्रिया को पूरा करें. पेंशनर सहित कोई भी व्यक्ति ऑपरेटर के रूप में रजिस्ट्रेशन कर सकता है. अब आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा. अब आप ओटीपी दर्ज करें.
इसके बाद आपको आधार कार्ड (Aadhaar card) पर लिखे नाम को दर्ज करना है और स्कैन का ऑप्शन सिलेक्ट करना है.
फेस स्कैन के लिए आपसे परमिशन मांगा जाएगा. आपको हां पर क्लिक करना है.
फेस स्कैन का प्रोसेस पूरा करने के लिए आपको 'मुझे इसकी जानकारी है' पर क्लिक करना है.
इसके बाद ऐप द्वारा आपकी फोटो को कैप्चर यानी स्कैन और रिकॉर्ड किया जाएगा. फेस कैप्चर का प्रोसेस पूरा हो जाने के बाद स्क्रीन वेरीफाई आईडी और पीपीओ नंबर सबमिट हो जाएगा.
आपके द्वारा फेस स्कैन के माध्यम से स्वयं को सफल वेरिफिकेशन के बाद, ऐप स्वयं रिस्टार्ट हो जाता है और स्क्रीन पर एक टोस्ट दिखाया जाता है: 'ग्राहक पंजीकरण सफल' यानी क्लाइंट रजिस्ट्रेशन सक्सेजफुल (Client Registration Successful). यह नोटिफिकेशन दर्शाता है कि ऑपरेटर रजिस्ट्रेशन सफल हुआ.
पेंशनर्स को फेस ऑथेंटिकेशन प्रोसेस पूरा करने के लिए आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा. ईमेल आईडी वैकल्पिक है. अगर आपने मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस, दोनों भरा है, तो दोनों पर ओटीपी आएगा. इसे दर्ज करें और सबमिट करें. सफल ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद, स्क्रीन या तो खाली होगी या उसमें विवरण पहले से भरे होंगे. पहले से भरे गए विवरणों की जांच करें या अगर यह खाली है तो फिर मांगी गई डिटेल भरें. ईपीएफओ की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक यह वेरिफिकेशन UIDAI के फेस रिकग्निशन ऐप का इस्तेमाल करके UIDAI के आधार डेटाबेस से किया जाता है.
ईपीएफओ में 78 लाख से अधिक पेंशननर्स हैं. इन पेंशनर्स को पेंशन मिलती रहे उसके लिए हर साल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी होता है. पहले उन्हें फिजिकल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमें कई तरह की दिक्कते आती थीं. हालांकि फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी ने पेंशनर्स के लिए यह प्रक्रिया बेहद आसान बना दी है.
बुजुर्गों को बैंक या पोस्ट ऑफिस आदि में शारीरिक रूप से जाने में होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए MeitY और UIDAI ने फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) तैयार की है, जिसके तहत फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी या चेहरा पहचान तकनीक का इस्तेमाल लाइफ सर्टिफिकेट प्रूफ के लिए किया जा सकता है. इस तकनीक से पेंशनर्स की पहचान उनके घर बैठे ही स्मार्टफोन कैमरे का इस्तेमाल करके फेस स्कैन द्वारा की जा सकती है. इस तरह के वेरीफिकेशन के लिए UIDAI फेस रिकॉग्निशन ऐप का इस्तेमाल करके UIDAI के आधार डेटाबेस से किया जाता है.
साल 2015 में ईपीएफओ ने जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) को अपनाया. बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए पेंशनर्स को अपने नजदीकी बैंक, पोस्ट ऑफिस, कॉमन सर्विस सेंटर या ईपीएफओ कार्यालय की शाखा में जाना पड़ता था. इन जगहों पर बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल लाइफ प्रूफ जमा करने के लिए पेंशनर्स के फिंगरप्रिंट या उनकी आंखों की पुतली कैप्चर की जाती है. बुढ़ापे या शारीरिक रूप से बहुत अधिक कमजोर होने की स्थिति में पेंशनर्स इन जगहों तक नहीं पहुंच पाते हैं. इसे देखते हुए साल 2022 में ईपीएफओ ने फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी या चेहरा पहचान तकनीक को अपनाया. ईपीएस पेंशनर्स के डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए इस सुविधाजनक तकनीक का इस्तेमाल जुलाई, 2022 में ईपीएफओ के सॉफ्टवेयर में जोड़ा गया था.
नई फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से पेंशनर्स के लिए लाइफ सर्टिफिकेट प्रूफ जमा करने की प्रक्रिया और भी आसान हो गई. ईपीएफओ के इस कदम से बूढ़े और कमजोर हो चुके पेंशनर्स किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर लाइफ सर्टिफिकेट प्रूफ जमा करने की प्रक्रिया को घर से ही पूरी कर पा रहे हैं. नई फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक वाली व्यवस्था अधिक से अधिक पेंशनर्स के बीच लोकप्रिय हो, सभी रिजनल ऑफिस को विस्तृत निर्देश जारी किए गए थे. इस प्रक्रिया को न सिर्फ रिजनल ऑफिस में बल्कि जनवरी 2023 से पूरे भारत के सभी जिलों में आयोजित किए जा रहे ‘निधि आपके निकट’ कार्यक्रम के दौरान भी पेंशनभोगियों को नियमित रूप से समझाया जाता है.
इस तकनीक के उपयोग पर एक विस्तृत वीडियो ईपीएफओ के आधिकारिक यूट्यूब हैंडल SOCIALEPFO पर उपलब्ध है. ईपीएफओ को विश्वास है कि इस विधि की सुविधा से अधिक से अधिक पेंशनर्स को जीवन प्रमाण पत्र जमा करना आसान हो जाएगा.
बता दें कि पहले पेंशनर्स को जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमें उन्हें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता था और उनकी ओर से शिकायतें भी मिलती थी. जीवन प्रमाण वेबसाइट के मुताबिक डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के तीन तरीके- विंडोज पीसी, एंड्रॉइड मोबाइल या टैबलेट और केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालय हैं.