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Mutual Fund Investment for Salaried Person: म्यूचुअल फंड वेतनभोगी लोगों के लिए उनके फाइनेंशियल टारगेट को पूरा करने लिए काफी कारगर साबित हो सकता है.
Mutual Fund Investment for Salaried Person: वेतनभोगी लोगों (Salaried Person) के पास अपने करियर के दौरान इनकम प्रेडिक्टेबल होती है. वे अक्सर अपने बजट का प्रबंधन अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए करते हैं. ऐसे लोगों को अपने लिमिटेड इनकम में से कुछ पैसे ऐसी जगहों पर निवेश करना चाहिए जहां उन्हें टैक्स कम देना पड़े और रिटर्न ज्यादा मिले. म्यूचुअल फंड वेतनभोगी लोगों के लिए उनके फाइनेंशियल टारगेट को पूरा करने लिए काफी कारगर साबित हो सकता है. लेकिन अक्सर वेतनभोगी लोग म्यूचुअल फंड योजनाओं को चुनते समय दुविधा में पड़ जाते हैं क्योंकि बाजार में बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं. आइये जानते हैं ऐसे महत्वपूर्ण प्वाइंटस जो वेतनभोगी व्यक्तियों को सही म्यूचुअल फंड योजना चुनने में मदद कर सकते हैं.
टैक्स बचाने के लिए ELSS में निवेश करें
ELSS इन्वेस्टर्स को इक्विटी म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करने की अनुमति देता है. इससे एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक टैक्स कटौती का लाभ मिलता है. इसलिए, वेतनभोगी कर्मचारी यहां निवेश कर टैक्स बचा सकते हैं और साथ ही निवेश पर आकर्षक रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं. हालांकि, ELLS एक इक्विटी-ओरिएंटेड योजना है, इसलिए इसमें जोखिम भी हो सकता है. इसलिए, निवेशकों को अस्थिरता के जोखिम को कम करने और लंबी अवधि में लाभ प्राप्त करने के लिए एसआईपी मोड (SIP Mode) के माध्यम से निवेश करना चाहिए.
शार्ट टर्म डेट फंड में करें निवेश
टैक्स सेविंग के अलावा वेतनभोगी कर्मचारियों को अनिश्चित वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के लिए भी कंटीजेंसी की आवश्यकता होती है. इसलिए, वेतनभोगी लोगों के लिए लंबी अवधि में पर्याप्त कंटीजेंसी फंड बनाए रखना महत्वपूर्ण है. आप शॉर्ट-टर्म डेट फंड जैसे लिक्विड फंड, अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन म्यूचुअल फंड या आर्बिट्रेज फंड में निवेश कर सकते हैं क्योंकि इनमें जोखिम कम होता है और आप बिना किसी परेशानी के जल्दी से पैसा निकाल सकते हैं.
इक्विटी फंड में निवेश भी बेहतर ऑप्शन
इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं के भीतर कई विकल्प उपलब्ध हैं जहां आप जोखिम की सीमा के आधार पर रिटर्न पाने के लिए निवेश कर सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर आप हाई रिटर्न चाहते हैं और ज्यादा जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो आप एक छोटी या मिड-कैप म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं. दूसरी ओर अगर आप कम जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो आप लार्ज-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड स्कीम चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें
म्यूचुअल फंड योजना का चयन करते समय एक्सपेंस रेश्यो, पास्ट और करेंट परफॉर्मेंस, पोर्टफोलियो में निवेश की गुणवत्ता आदि जैसे कारकों के आधार पर विभिन्न योजनाओं का विश्लेषण और तुलना करें. Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि निवेशकों को अक्सर लगता है कि उन्हें अच्छा रिटर्न पाने के लिए बड़ी रकम लगाने की ज़रूरत है. यह सच नहीं है. एसआईपी (SIP) के जरिए आप हर महीने 500 रुपये जितना छोटा निवेश कर सकते हैं. यहां तक कि प्रति माह 2,000 रुपये का योगदान से भी आप 20 वर्षों में 200,000 रुपये प्राप्त कर सकते हैं, अगर वार्षिक रिटर्न की दर 12 फीसदी हो.