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PF के साथ ही EPS में भी हर महीने जमा होते हैं पैसे, 20-25-30 साल की प्राइवेट जॉब पर कितनी मिलेगी पेंशन?

EPFO Manage EPS: ईपीएस EPFO की तरफ से चलाई जाने वाली पेंशन स्‍कीम है. यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है.

EPFO Manage EPS: ईपीएस EPFO की तरफ से चलाई जाने वाली पेंशन स्‍कीम है. यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है.

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Sushil Tripathi
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Pension for Private Employees

EPS: कर्मचारी पेंशन योजना एक रिटायरमेंट स्कीम है, जिसे EPFO द्वारा मैनेज किया जाता है.

EPFO/Employee Pension Scheme: कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) एक रिटायरमेंट स्कीम है, जिसे EPFO द्वारा मैनेज किया जाता है. यानी ईपीएस EPFO की तरफ से चलाई जाने वाली पेंशन स्‍कीम है. यह योजना संगठित क्षेत्र में काम कर चुके रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए है, लेकिन इस योजना का लाभ तभी लिया जा सकता है, जब किसी कर्मचारी ने कम से कम 10 साल तक नौकरी की हो, हालांकि जरूरी नहीं कि ये नौकरी अपने लगातार ही की हो. यहां बहुत से कम लोगों को यह पता होता है कि PF खाते में जमा रकम का एक हिस्सा पेंशन फंड के लिए ईपीएस खाते में जाता है. ऐसे में आप भी जानना चाहेंगे कि अगर आपने EPS के लिए भी सैलरी से पैसे कटवाएं हैं तो 20 साल, 25 साल और 30 साल की नौकरी के बाद आपकी पेंशन कितनी बनेगी.

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बता दें कि EPS को वर्ष 1995 में लॉन्च किया गया था और इस योजना में मौजूदा और नए ईपीएफ सदस्य शामिल हो सकते थे. हर महीने PF खाते में कर्मचारी की बेसिक सैलरी + डीए का 12 फीसदी जमा होता है. एम्प्लॉयर/कंपनी का योगदान भी 12 फीसदी ही होता है. कंपनी द्वारा किए जाने वाले योगदान में से 8.33 फीसदी राशि कर्मचारी के पेंशन फंड (EPS Fund) में जाती है और बाकी 3.67 फीसदी राशि ही पीएफ खाते में जाती है.

EPS: पेंशन की क्या होनी चाहिए योग्यता

आपको EPFO का मेंबर होना जरूरी है.
आपने 10 साल तक नौकरी की हो, भले ही यह लगातार न हो.
आप 58 साल के हो गए हों, तभी पेंशन का लाभ मिलेगा.
50 साल की उम्र होने पर आप ईपीएस से पैसे निकालना शुरू कर सकते हैं.
आप 2 साल (60 साल की उम्र तक) के लिए अपनी पेंशन को टाल सकते हैं, जिसके बाद आपको हर साल 4% की अतिरिक्त दर से पेंशन मिलेगी.

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पेंशन योग्य वेतन: हर महीने पेंशन खाते में जाने वाली रकम

मौजूदा नियमों के अनुसार किसी भी कर्मचारी की सैलरी का 8.33 फीसदी उसके पेंशन खाते में जमा होता है. हालांकि, पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है. ऐसे में अगर किसी व्‍यक्ति की सैलरी 15000 रुपए है तो 15000 X 8.33 /100 = 1250 रुपए हर महीने उसके पेंशन खाते में जाएंगे.

किसी भी कर्मचारी का EPS से बाहर निकलने से पहले पिछले 60 महीनों का पेंशन योग्य वेतन उसका औसत मासिक वेतन होता है. अगर नौकरी के अंतिम 60 महीनों में कुछ दिनों तक आपने EPS अकाउंट में योगदान नहीं किया है, तो भी उन दिनों का लाभ कर्मचारी को दिया जाएगा.

पेंशन के लिए ये है फॉर्मूला

कर्मचारी की मंथली पेंशन = पेंशन योग्य वेतन X पेंशन योग्य सेवा /70.

20 साल की नौकरी पर पेंशन

अगर किसी की मंथली सैलरी (आखिरी 60 महीनों की सैलरी का औसत) 15 हजार रुपए है और नौकरी की अवध‍ि 20 साल है तो….

मंथली पेंशन: 15000X 20/70 = 4286 रुपए

25 साल की नौकरी पर पेंशन

मंथली पेंशन: 15000X 25/70 = 5357 रुपए

30 साल की नौकरी पर पेंशन

मंथली पेंशन: 15000X 30/70 = 6429 रुपए

कर्मचारी की मृत्यु होने पर

कर्मचारी का परिवार इन मामलों में पेंशन लाभ प्राप्त कर सकता है.

-नौकरी करते हुए कर्मचारी की मृत्यु होने पर और एम्प्लॉयर/कंपनी द्वारा कम से कम एक महीने उस कर्मचारी के EPS खाते में पैसे जमा किए जाने पर.
-अगर कर्मचारी ने 10 साल नौकरी कर ली है, पर 58 वर्ष की उम्र होने से पहले ही उसकी मौत हो जाती है.
-मासिक पेंशन शुरू होने के बाद कर्मचारी की डेथ होने पर.

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