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कंपनी के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी कब मिलती है? इसकी गणना कैसे होती है? जानने के लिए यहां डिटेल देखें. (Image : PTI)
Gratuity Calculator: ग्रेच्युटी एक तरह की रिटायरमेंट के समय दी जाने वाली धन्यवाद राशि होती है, जो कंपनी अपने कर्मचारियों को उनकी लंबी और वफादार सर्विस के बदले देती है. अगर आपने किसी कंपनी में लगातार 5 साल या उससे ज्यादा काम किया है, तो आपको नौकरी छोड़ने, रिटायर होने या असमर्थता की स्थिति में ग्रेच्युटी का हक मिलता है. कंपनी के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी कब मिलती है? इसकी गणना कैसे होती है? अगर कोई शख्स एक ही कंपनी में लगातार 10 साल काम किया हो और उसकी अंतिम सैलरी 55000 रुपये है तो उसे ग्रेच्युटी के रुप में कितनी रमक हाथ में मिलेगी? ऐसे तमाम जरूरी सवालों के जबाब जानते हैं.
कब मिलती है ग्रेच्युटी?
रिटायरमेंट के समय
5 साल बाद नौकरी छोड़ने पर
अस्थायी या स्थायी अपंगता की स्थिति में
कर्मचारी की मृत्यु के बाद (उसके नॉमिनी को)
ग्रेच्युटी के लिए कौन पात्र है?
अगर आपने एक ही कंपनी में लगातार 5 साल काम किया है, तो आप ग्रेच्युटी पाने के हकदार हैं. यह नियम ग्रेच्युटी अधिनियम, 1972 के तहत आता है. मृत्यु या अपंगता की स्थिति में 5 साल पूरे न होने पर भी ग्रेच्युटी मिलती है.
ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है?
ग्रेच्युटी की राशि निम्नलिखित सूत्र से गणना की जाती है:
ग्रेच्युटी = (15 × अंतिम वेतन × सेवा के वर्षों की संख्या) ÷ 26
यहां, अंतिम वेतन में मूल वेतन और महंगाई भत्ता (DA) शामिल होते हैं.
उदाहरण के लिए अगर आपका अंतिम सैलरी 55,000 रुपये है और आपने 10 साल नौकरी की है, तो
ग्रेच्युटी मिलेगी
ग्रेच्युटी = (15 × 55,000 × 10)/26 = 3,17,307 रुपये यानी लगभग 3.17 लाख
इसी तरह, अगर किसी की अंतिम सैलरी 65,000 रुपये है ग्रेच्युटी मिलेगी
ग्रेच्युटी = (15 × 65,000 × 10)/26 = 3,75,000 रुपये यानी लगभग 3.75 लाख
और वहीं अगर अंतिम सैलरी 75,000 है, तो ग्रेच्युटी मिलेगी
ग्रेच्युटी = (15 × 75,000 × 10)/26 = 4,32,692 रुपये यानी लगभग 4.33 लाख
ग्रेच्युटी की गणना में अधूरे साल का क्या होता है?
ग्रेच्युटी की गणना करते समय अगर किसी कर्मचारी ने किसी साल में 6 महीने या उससे अधिक अतिरिक्त सेवा की है, तो उस अधूरे वर्ष को भी पूरा साल माना जाता है. उदाहरण के तौर पर, यदि आपने 10 साल और 6 महीने काम किया है, तो ग्रेच्युटी कैलकुलेशन में आपकी सेवा अवधि 10 नहीं बल्कि 11 साल मानी जाएगी. यह नियम पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत लागू होता है, और इसके लिए (15 × अंतिम सैलरी × कुल सर्विस ईयर)/26 का फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है.
(15 × 55,000 × 11)/26 = 3,49,040 रुपये यानी लगभग 3.50 लाख
इसी तरह, अगर किसी की अंतिम सैलरी 70,000 रुपये है, तो
ग्रेच्युटी = (15 × 65,000 × 11)/26 = करीब 4,12,500 रुपये
और अगर अंतिम सैलरी 75,000 रुपये है, तो
ग्रेच्युटी = (15 × 75,000 × 11)/26 = 4,75,961 रुपये के आसपास मिलेगी.
क्या कंपनी ग्रेच्युटी देने से मना कर सकती है?
यदि कंपनी 'पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972' के अंतर्गत आती है, तो वह कानूनी रूप से ग्रेच्युटी देने से मना नहीं कर सकती। हालांकि, यदि कर्मचारी को अनुशासनहीनता या नैतिक अपराध के कारण बर्खास्त किया गया है, तो कंपनी ग्रेच्युटी देने से इंकार कर सकती है। जितनी लंबी नौकरी और जितना अधिक वेतन, उतनी ज़्यादा ग्रेच्युटी। यह आपकी सेवा का सम्मान है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
(नोट: यह जानकारी सामान्य गणनाओं पर आधारित है. सटीक रकम जानने के लिए किसी वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें या कंपनी के एचआर विभाग से जानकारी प्राप्त करें.)