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RBI ने सभी बैंकों को 30 सितंबर 2025 तक एटीएम से 500 रुपये के नोट देना बंद करने को कहा है. Photograph: (Image:)
सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर इन दिनों 500 रुपये के नोटों को लेकर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों को सितंबर 2025 तक 500 रुपये के नोट एटीएम से देना बंद करने का निर्देश दिया है. इस वायरल दावे पर अब केंद्र सरकार की फैक्ट चेकिंग टीम PIBFactCheck ने बड़ा खुलासा किया है. 500 रुपये के नोटों को लेकर वायरल मैसेज पर सच्चाई क्या है आइए जानते हैं.
वायरल मैसेज में क्या है?
बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज के जरिए दावा किया जा रहा है कि RBI ने सभी बैंकों को कहा है कि वे 30 सितंबर 2025 तक एटीएम से 500 रुपये के नोट देना बंद कर दें. इसमें यह भी कहा गया है कि 31 मार्च 2026 तक 90% एटीएम से 500 रुपये के नोट पूरी तरह हटा दिए जाएंगे और भविष्य में सिर्फ 200 रुपये और 100 रुपये के नोट ही मिलेंगे. साथ ही लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे अभी से 500 रुपये के नोट खर्च करना शुरू कर दें.
PIBFactCheck ने क्या कहा?
हालांकि वायरल दावे से सच्चाई काफी अलग है. PIB Fact Check की टीम ने इस वायरल मैसेज को फर्जी बताया है. टीम ने साफ कहा है कि ऐसा कोई भी निर्देश RBI की ओर से नहीं जारी किया गया है और यह दावा पूरी तरह से फर्जी और भ्रामक है. PIBFactCheck टीम ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 500 रुपये के नोटों को एटीएम से देना बंद करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है. यह दावा पूरी तरह फेक है.
Has RBI really asked banks to stop disbursing ₹500 notes from ATMs by September 2025? 🤔
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 3, 2025
A message falsely claiming exactly this is spreading on #WhatsApp#PIBFactCheck
✅ No such instruction has been issued by the @RBI
✅ ₹500 notes will continue to be legal tender.… pic.twitter.com/9ia2t8Nf0K
लीगल टेंडर में बने रहेंगे 500 रुपये के नोट?
हां, PIBFactCheck ने साफ कर दिया है कि 500 रुपये के नोट लीगल टेंडर (Legal Tender) में बने रहेंगे. लोगों से अपील की गई है कि ऐसे भ्रामक संदेशों पर विश्वास न करें और किसी भी जानकारी को सरकारी स्रोतों से ही जांचें और सत्यापित करें.
झूठी खबरें फैलाने वालों के लिए अलर्ट
सरकार फैक्टचेक इस तरह की अफवाहें न केवल आम जनता को भ्रमित करती हैं, बल्कि बैंकिंग सिस्टम पर भी असर डालती हैं. सरकार बार-बार लोगों से आग्रह कर रही है कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हर खबर पर आंख बंद करके यकीन न करें, बल्कि आधिकारिक चैनलों से पुष्टि करें.