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Financial Freedom: फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए आपको कितने पैसों की पड़ेगी जरूरत? 10 करोड़, 50 करोड़ या फिर इससे भी अधिक?

Financial Planning: वित्तीय स्वतंत्रता के लिए आपको 10 करोड़ या 50 करोड़ रुपये की जरूरत नहीं है. बस अपने खर्चों का हिसाब लगाइए और 4% रुल का अपनाकर सही वैल्यू का टारगेट तय कीजिए और उसके लिए समझदारी से फाइनेंशियल प्लानिंग करिए.

Financial Planning: वित्तीय स्वतंत्रता के लिए आपको 10 करोड़ या 50 करोड़ रुपये की जरूरत नहीं है. बस अपने खर्चों का हिसाब लगाइए और 4% रुल का अपनाकर सही वैल्यू का टारगेट तय कीजिए और उसके लिए समझदारी से फाइनेंशियल प्लानिंग करिए.

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FE Hindi Desk
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Money PTI

भारत में वित्तीय स्वतंत्रता के लिए कितने पैसे की आवश्यकता है? (Image: PTI)

How to Achieve Financial Freedom, What's Financial Planning needed: काश मेरे पास 10 करोड़ होते...ज़िंदगी एकदम सेट हो जाती" ये ख्याल न जाने कितनी बार हमारे जेहन में आता है. कभी मजाक में, कभी गंभीरता से - पर क्या वाकई 10 करोड़ की रकम से जिंदगी हमेशा के लिए सुकून में आ सकती है? ये सवाल जितना आम है, उतना ही गहरा भी. असल में आर्थिक आजादी सिर्फ बड़ी रकम का नाम नहीं है, बल्कि उस आजादी का नाम है जहां आप अपनी मर्ज़ी से काम करें या न करें लेकिन आपकी जिंदगी की रफ्तार पहले जैसी ही बनी रहे.

मान लीजिए आप 50 की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं और 75 साल तक जीने का अनुमान है तो क्या आपने कभी सोचा है कि बिना कमाई के वो 25 साल कैसे गुज़ारेंगे? सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए जरूरी है सही प्लानिंग और समय पर लिये गए समझदारी भरे फैसले.

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सिर्फ बचत करना काफी नहीं, समझदारी से निवेश करना भी जरूरी

आज जो आप 1 लाख रुपये बचा रहे हैं, वो आने वाले 10 से 15 साल में उतनी चीजें नहीं खरीद पाएगा, जितनी आज खरीदता है. वजह? लगातार बढ़ रही महंगाई, जो चुपचाप आपकी बचत की ताकत को अंदर ही अंदर खोखला कर देती है. पिछले दो दशकों में भारत में महंगाई दर औसतन 5 से 6% रही है. यानि आज जो चीज आपको 1 लाख रुपये में मिल रही है, वही कल 2 लाख रुपये से भी ज्यादा की हो सकती है. इसलिए पैसा सिर्फ सेविंग अकाउंट में रख देने से कुछ नहीं होगा उसे समझदारी से निवेश करना भी जरूरी है ताकि आपकी सेविंग महंगाई को मात दे सके यानी उसका सामना कर सके.

असल बात ये है कि आपकी बचत महंगाई को मात दे पाए. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने पैसे को ऐसी जगह निवेश करें, जहां से कम से कम उतना रिटर्न मिले जितनी महंगाई दर बढ़ रही हो. चाहे वो फिक्स्ड डिपॉजिट हो, सरकार की गारंटीड स्कीम्स हों या कोई और सुरक्षित निवेश विकल्प. अगर आप समझदारी से प्लान करें, तो 6 से 7% का रिटर्न मिल सकता है, जो महंगाई से होने वाले नुकसान की भरपाई करने में मदद करेगा. यानी निवेश का मकसद सिर्फ बचत नहीं, पैसे की ताकत बनाए रखना और समय के साथ उसे बढ़ाना भी है.

आर्थिक आजादी के लिए कितने चाहिए पैसे?

द फाइनेंशियल मॉल (The Financial Mall) के CEO नीरज चौहान बताता हैं कि आर्थिक आजादी इस पर नहीं तय होती है कि आपके पास कितना पैसा है, बल्कि इस पर है कि आपकी जिदगी सुकून से, अपनी शर्तों पर और बिना टेंशन के जीने के लिए कितना पैसा चाहिए. पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट चौहान कहते हैं कि हममें से बहुत लोग सोचते हैं कि 10 करोड़, 50 करोड़ जैसी बड़ी रकम ही फाइनेंशियल फ्रीडम है. लेकिन क्या कभी आपने खुद से पूछा है - असल में मुझे कितने पैसे की जरूरत है? चौहान बताते हैं कि कैसे फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर का कॉन्सेप्ट काम करता है यानी वो फिक्स रकम, जो आपके रिटायरमेंट के बाद आपके सारे खर्च आराम से चला सके. यही सोचकर आपको अपनी इनकम, खर्च और निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए.

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Financial Freedom Number का कैलकुलेशन है आसान

फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर वह राशि होती है, जो आपके जीवन के बाकी हिस्से के लिए आपके सालाना खर्च को पूरा करने के लिए आवश्यक है. इसका कैलकुलेशन बहुत आसान है, और इसके लिए एक सामान्य सूत्र है:

सालाना खर्च × 25 = फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर

यह सूत्र 4% रूल पर आधारित है. 4% रूल एक सामान्य निवेश सिद्धांत है, जो कहता है कि अगर आपका पैसा सही तरीके से निवेशित है, तो आप हर साल अपने निवेश का 4% निकाल सकते हैं और फिर भी आपका मूलधन (Principal) सुरक्षित रहेगा. इसका मतलब यह हुआ कि आपका निवेश सालों तक चलता रहेगा, और आपको कभी भी पैसे खत्म होने की चिंता नहीं होगी.

उदाहरण के लिए मान लीजिए आपकी मासिक खर्च 1 लाख है. तो इसका सालाना खर्च होगा:

सालाना खर्च = 1 लाख × 12 = 12 लाख.

अब, इस सालाना खर्च को फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर के फार्मूले में डालते हैं:

फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर = 12 लाख × 25 = 3 करोड़.

इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास ₹3 करोड़ का सही तरीके से निवेशित पैसा है, तो आप हर साल 12 लाख (जो कि मंथली 1 लाख होता है) निकाल सकते हैं और सबसे अच्छी बात यह है कि आपके निवेश पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसका मतलब यह है कि आपका मूलधन सुरक्षित रहेगा, और आप अपनी जीवनशैली को बिना किसी चिंता के बनाए रख सकते हैं. इसलिए, यह फॉर्मूला यह सुनिश्चित करता है कि आपके पास उतनी राशि हो, जो आपको हर साल आपके खर्चे पूरे करने के लिए चाहिए, और आप आर्थिक आज़ादी (financial freedom) की दिशा में एक बड़ा कदम उठा सकते हैं.

क्यों चाहिए आपकों 10 करोड़?

बड़ी रकम की चाह रखना गलत नहीं है. अगर आपके खर्चे ज्यादा हैं या आप एक लग्ज़री लाइफस्टाइल चाहते हैं, तो आपका फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर 10 करोड़, 20 करोड़, या 50 करोड़ भी हो सकता है. लेकिन हर किसी की जरूरतें अलग होती हैं. यह जरूरी है कि आप अपने असल खर्चों और जरूरतों के हिसाब से योजना बनाएं, न कि दूसरों को दिखाने के लिए.

आर्थिक आज़ादी सिर्फ पैसे के बारे में नहीं है, यह मानसिक स्थिति है. जहां आप काम करना चाहते हैं, न कि काम करना आपकी ज़रूरत हो. तो अगली बार जब कोई आपसे पूछे “ज़िंदगी सेट करने के लिए कितना पैसा चाहिए?”, तो इस सवाल का जवाब अपने खर्चों, प्राथमिकताओं और जीवनशैली के हिसाब से सोचें. आपको 10 करोड़ की जरूरत नहीं है, आपको सही योजना की जरूरत है.

(Credit : Mithilesh Jha)

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