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भारत में बैठकर कैसे करें US Stocks में निवेश? होगी भरपूर कमाई, देखें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस

How to invest in US Stocks: विदेश में ब्रोकरेज खाता होने के बाद, आप वैश्विक स्टॉक, ईटीएफ या फंड खरीद सकते हैं.

How to invest in US Stocks: विदेश में ब्रोकरेज खाता होने के बाद, आप वैश्विक स्टॉक, ईटीएफ या फंड खरीद सकते हैं.

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FE Hindi Desk
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How to invest in US Stocks: दुनिया में केवल 3 सूचकांक ऐसे हैं जिन्होंने पिछले 40 वर्षों में इन्फ्लेशन से बेहतर प्रदर्शन किया है और वह है, S&P;, NASDAQ और NIFTY/SENSEX.

How to invest in US Stocks: क्या आप अपने पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन नहीं चाहेंगे? शायद ये सभी लोग चाहते होंगे लेकिन जब ऐसा करने की बात आती है तो उनकी सोच बदल जाती है. जितने लोग उतने अलग-अलग विचार! भारत में आमतौर पर बताया जाता है कि आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर फोकस करें, या कोई म्यूचुअल फंड में निवेश करें, लेकिन शार्ट टर्म फायदे को लोग भूल जाते हैं. यह सलाह भले लॉजिकल लगे लेकिन असल में यह कॉन्फ्लिक्टिंग है. आइये सबसे पहले हम यहां डायवर्सिफिकेशन के बारे में समझते हैं.

भारत में करें निवेश या बाहर?

मुझे विश्वास है कि अगले दो दशक भारत के हैं. इसलिए स्वाभाविक रूप से मैं भारतीय बाजार में एक्सपोजर चाहता हूं. लेकिन अगर मैं पहले से ही भारतीय बाजार में था, तो क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करना सही नहीं रहेगा? हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि अमेरिकी बाजारों ने लंबी अवधि में शानदार प्रॉफिट दिया है. दुनिया में केवल 3 सूचकांक ऐसे हैं जिन्होंने पिछले 40 वर्षों में इन्फ्लेशन से बेहतर प्रदर्शन किया है और वह है, S&P, NASDAQ और NIFTY/SENSEX. इसलिए एक लंबी अवधि के निवेशक के रूप में, भारत के बारे में मेरे दृढ़ विश्वास के बावजूद मैं अमेरिकी बाजारों में विविधता लाना चाहता हूं.

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एलोकेशन मायने रखता है

मेरे लिए डायवर्सिफिकेशन फंड या चयन के बजाय एसेट एलोकेशन के बारे में अधिक है. स्मार्ट डायवर्सिफिकेशन और डंब डायवर्सिफिकेशन दो ऑप्शन मौजूद है. अधिकांश सलाहकार आपको बाद की ओर धकेलते हैं क्योंकि वो इसमें फीस कमाते हैं. हालांकि इनोवेटिव सर्विसेज के वजह से अब भारतीय निवेशक एक अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज खाता खोल सकते हैं और निवेश करने के लिए अपनी LRS Limit का उपयोग कर सकते हैं. विदेश में ब्रोकरेज खाता होने के बाद, आप वैश्विक स्टॉक, ईटीएफ या फंड खरीद सकते हैं. आइये जानते हैं कि कैसे भारतीय निवेशक वैश्विक इक्विटी में विविधता ला सकते हैं.

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  • स्टेप 1: मेरे लिए स्टेप 1 अमेरिकी ब्रोकर के साथ एक खाता खोलना होगा. भारतीय ब्रोकरेज हाउस का उपयोग करके इन दिनों ऐसा करना आसान है.
  • स्टेप 2: मेरी यूएस ब्रोकरेज खाते में फंड के लिए प्रति वर्ष $250,000 की मेरी LRC Limit के तहत मनी ट्रांसफर करना होगा. एक बार यह हो जाने के बाद मैं ट्रेड करने के लिए तैयार हूं.
  • स्टेप 3: मेरा पहला एलोकेशन डिसीजन इंडेक्स (NASDAQ के लिए QQQ और S&P 500 के लिए SPY) खरीदना होगा. यह एक दीर्घकालिक निवेश होगा और मैं केवल ट्रैक रखूंगा और कोई बदलाव नहीं करूंगा. मैं अपनी पूंजी का लगभग 50 फीसदी इस बकेट में निवेश करूंगा.
  • स्टेप 4: मैं अपनी पूंजी का 30 फीसदी अंतर्राष्ट्रीय इक्विटी एक्सपोजर में निवेश करने पर विचार करूंगा. भारत में, हमने देखा है कि कंपनियों ने अपने क्यूरेटेड पोर्टफोलियो के माध्यम से भारतीय इक्विटी का पोर्टफोलियो खरीदना हमारे लिए कितना आसान बना दिया है. मुझे यह विकल्प पसंद है क्योंकि यह बहुत कम लागत वाला और एक्सीक्यूट करने में आसान है. मैं एक क्लिक के साथ यूएस (या वैश्विक) शेयरों के पूरे पोर्टफोलियो को खरीद सकता हूं.
  • स्टेप 5: शॉर्ट टर्म अवसरों के लिए मेरा आवंटन होगा. यह एक बहुत ही कठिन निवेश स्थान हुआ करता था जिसमें बहुत अधिक तकनीकी ज्ञान और हर समय बाजार पर नजर रखने की आवश्यकता होती थी. लेकिन AI का धन्यवाद आपको निवेश विचारों को उत्पन्न करने के लिए बहुत अधिक तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं है और ट्रेडिंग बीओटी के लिए शुक्रिया कि इन विचारों को आसानी से और बड़े पैमाने पर एक्सीक्यूट किया जा सकता है. मेरा मानना ​​है कि भारतीय निवेशकों के लिए विविधता लाना न केवल संभव है, बल्कि यह जरूरी भी है.

(By Akshaya Bhargava, लेखक वेल्थबास्केट क्यूरेटर और ब्रिजवीव के संस्थापक हैं)

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