scorecardresearch

Income Tax New Form : आयकर विभाग ने जारी किया नया ITR-3 फॉर्म, आप पर क्या होगा असर, किनके लिए जरूरी है इसे भरना?

Tax Filing for FY25 : इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (एसेसमेंट इयर 2025-26) के लिए नया ITR-3 फॉर्म नोटिफाई कर दिया है. नए फॉर्म में कई बड़े बदलाव किए गए हैं.

Tax Filing for FY25 : इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (एसेसमेंट इयर 2025-26) के लिए नया ITR-3 फॉर्म नोटिफाई कर दिया है. नए फॉर्म में कई बड़े बदलाव किए गए हैं.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
ITR-1

Income Tax New Form : इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नया ITR-3 फॉर्म नोटिफाई कर दिया है. Photograph: (Image : Freepik)

ITR Filing For FY24-25: ITR-3 form notified by the CBDT: आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए ITR-3 फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है. यह फॉर्म खास तौर पर उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) के लिए है, जिन्हें व्यापार या पेशे से आय होती है. नए फॉर्म में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया कुछ मामलों में आसान और कुछ मामलों में अधिक डिटेल हो गई है. आइए जानते हैं कि यह बदलाव किन टैक्सपेयर्स पर असर डालेंगे और किनके लिए यह फॉर्म भरना जरूरी होगा.

नए फॉर्म में सबसे बड़ा बदलाव

इनकम टैक्स विभाग ने इस बार ITR-3 फॉर्म में सबसे बड़ा बदलाव ‘Schedule AL’ यानी ‘एसेट एंड लायबिलिटी’ की रिपोर्टिंग में किया है. पहले जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक होती थी, उन्हें अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्यौरा देना पड़ता था. अब यह सीमा बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है. इससे उन टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी जिनकी आय 50 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच है.

Advertisment

Also read : Income Tax Return 2025: ITR फॉर्म 1 और 4 जारी, अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन वाले भी भर सकेंगे सहज फॉर्म, जानें और क्या बदला

कैपिटल गेन्स से जुड़ा बदलाव

इस बार ITR-3 में पूंजीगत लाभ (capital gains) को लेकर भी एक अहम बदलाव किया गया है. अब पूंजीगत लाभ को 23 जुलाई 2024 से पहले और उसके बाद के लेन-देन के आधार पर अलग-अलग दिखाना होगा. इसका सीधा संबंध वित्त अधिनियम 2024 में किए गए संशोधनों से है. इससे टैक्सपेयर्स को अपने पूंजीगत लाभ की गणना अलग-अलग तरीके से करनी होगी.

शेयर बायबैक पर लॉस की रिपोर्टिंग

नए फॉर्म में यह सुविधा दी गई है कि अगर टैक्सपेयर ने किसी कंपनी के शेयर बायबैक में भाग लिया और उसे नुकसान हुआ है, तो वह नुकसान तभी मान्य होगा जब उस बायबैक पर मिला लाभांश ‘अन्य स्रोत से आय’ (Income from Other Sources) के रूप में दिखाया गया हो. यह नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगा.

क्रूज बिजनेस के लिए नई व्यवस्था

जो लोग क्रूज बिजनेस से जुड़े हुए हैं, उनके लिए एक नया प्रावधान जोड़ा गया है— सेक्शन 44BBC. यह presumptive taxation स्कीम के तहत आएगा, जिससे उन्हें कुछ विशेष छूटें मिल सकेंगी.

TDS की जानकारी देना अब जरूरी

ITR-3 फॉर्म में अब यह भी जरूरी कर दिया गया है कि टैक्सपेयर उस सेक्शन कोड को भी बताएं जिसके तहत उस पर TDS (Tax Deducted at Source) काटा गया है. साथ ही, Section 80C, 10(13A) जैसे टैक्स डिडक्शन सेक्शन के तहत दावा करते समय विस्तार से जानकारी देनी होगी.

टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख

ITR-3 भरने की अंतिम तारीख टैक्स ऑडिट की जरूरत पर निर्भर करती है. अगर ऑडिट जरूरी नहीं है, तो अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है. अगर ऑडिट जरूरी है, तो यह तारीख 31 अक्टूबर 2025 हो जाएगी. वहीं अगर अंतरराष्ट्रीय लेन-देन की रिपोर्टिंग करनी है, तो अंतिम तारीख 30 नवंबर 2025 रहेगी. विलंब से ITR भरने का मौका भी 31 दिसंबर 2025 तक रहेगा.

किनके लिए है ITR-3 फॉर्म?

ITR-3 फॉर्म उन व्यक्तियों और HUF के लिए है जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से होती है. इसमें फ्रीलांसर, डॉक्टर, वकील, सीए, स्टॉक मार्केट ट्रेडर (जैसे कि F&O ट्रेडिंग करने वाले), छोटे-मोटे व्यापारी आदि शामिल होते हैं. अगर किसी व्यक्ति को सैलरी, किराया या ब्याज के अलावा प्रोफेशनल या बिजनेस इनकम भी होती है, तो उसे ITR-3 फॉर्म भरना होता है.

publive-image

न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकलना है तो क्या करें?

अगर आप न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकलना चाहते हैं, तो इसके लिए ITR भरते समय फॉर्म 10IEA दाखिल करना होगा. ध्यान दें कि टैक्सपेयर को जीवन में सिर्फ एक बार ही पुराने टैक्स सिस्टम में वापस जाने का मौका मिलेगा. अगर आपने एक बार न्यू टैक्स रिजीम को चुन लिया, तो आप फिर पुराने सिस्टम में नहीं जा पाएंगे. इसलिए फॉर्म भरते समय सोच-समझकर फैसला लें.

Income Tax Income Tax Filing Income Tax Return Itr Itr Filing