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Income Tax Return 2025: आयकर विभाग ने ITR फॉर्म 1 और 4 नोटिफाई कर दिए हैं. (Image : Freepik)
Income Tax Return 2025: आयकर विभाग ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है. इस बार ITR-1 फॉर्म में बड़ा बदलाव किया गया है. अब सीमित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन वाले लोग भी इस सरल फॉर्म के जरिये इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकेंगे. आइए समझते हैं क्या हैं नए बदलाव और किन टैक्सपेयर के लिए सही है कौन सा फॉर्म.
ITR-1 फॉर्म में क्या बदला है
अब तक ITR-1 फॉर्म में पूंजीगत लाभ (Capital Gains) दिखाने की सुविधा नहीं थी. लेकिन अब अगर किसी व्यक्ति को स्टॉक या इक्विटी म्यूचुअल फंड से अधिकतम 1.25 लाख रुपये तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ है, तो वह भी ITR-1 (सहज) फॉर्म का इस्तेमाल कर सकता है.
AKM ग्लोबल के टैक्स पार्टनर संदीप सहगल ने बताया कि "CBDT ने आयकर रिटर्न फॉर्म्स में अहम बदलाव किए हैं, जिससे सैलरीड क्लास टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी. अब ऐसे लोग जिनका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये तक है और जिन्हें कोई कैपिटल लॉस सेट ऑफ या कैरी फॉरवर्ड नहीं करना है, वे ITR-1 या ITR-4 जैसे सरल फॉर्म का लाभ उठा सकते हैं." उन्होंने आगे कहा, "यह बदलाव टैक्स भरने की प्रक्रिया को आसान और कम बोझिल बनाता है, जिससे छोटे निवेशकों और वेतनभोगियों को समय पर टैक्स भरने में मदद मिलेगी."
ITR-1 फॉर्म कौन भर सकता है?
लेटेस्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक, ITR-1 (सहज) फॉर्म इन टैक्सपेयर्स के लिए है:
निवासी व्यक्ति (नॉर्मली रेसिडेंट), जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है.
जिनकी आय केवल वेतन, एक हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोत (जैसे ब्याज) और कृषि आय (5,000 रुपये तक) से है.
जिनका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन सेक्शन 112A के तहत 1.25 लाख रुपये तक है.
ITR-1 कौन नहीं भर सकता:
अगर हाउस प्रॉपर्टी बेचने से पूंजीगत लाभ हुआ है.
अगर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है.
अगर व्यक्ति कंपनी का डायरेक्टर है, या अनलिस्टेड शेयर में निवेश किया है.
अगर ESOP पर टैक्स डिफर हुआ है, या व्यक्ति के पास विदेश में संपत्ति है.
ITR-4 फॉर्म किनके लिए हैं
ITR-4 (सुगम) फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी आय पेशे या बिजनेस से आती है और प्रिज़म्प्टिव टैक्सेशन स्कीम के तहत कवर होती है.
कौन भर सकता है ITR-4
रेजिडेंट टैक्सपेयर, HUFs और फर्म (LLP को छोड़कर), जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है.
जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से है और सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत आती है.
जिनका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 112A के तहत 1.25 लाख रुपये तक है.
ITR-4 फॉर्म कौन नहीं भर सकता
कंपनी में डायरेक्टर या अनलिस्टेड शेयर में निवेशक.
ESOP पर डिफर्ड टैक्स.
5,000 रुपये से अधिक की कृषि आय.
विदेश में संपत्ति या फाइनेंशियल इंटरेस्ट रखने वाले व्यक्ति.
सही फॉर्म भरना क्यों जरूरी है
हर टैक्सपेयर्स की आय का स्रोत अलग होता है. इसलिए इनकम टैक्स विभाग हर साल अलग-अलग कैटेगरी के लिए ITR फॉर्म्स निर्धारित करता है. सही फॉर्म का चयन न करने पर रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है या नोटिस आ सकता है. अब जबकि ITR-1 और ITR-4 पहले ही अधिसूचित हो चुके हैं, उम्मीद की जा रही है कि अन्य फॉर्म्स (जैसे ITR-2, ITR-3) भी जल्द ही जारी किए जाएंगे.
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए टैक्सपेयर्स अब ITR-1 और ITR-4 फॉर्म के जरिये इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं, विशेषकर अगर उनकी आय सैलरी, छोटे व्यापार और सीमित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से है. सरकार के इस बदलाव से प्रक्रिया सरल हुई है और करदाताओं के लिए टैक्स भरना आसान बन गया है.