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Income Tax New Rules : 1 अप्रैल 2025 से इनकम टैक्स से जुड़े कई नए बदलाव लागू हो गए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. Photograph: (Financial Express)
Income Tax New Slabs: नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही आज यानी 1 अप्रैल 2025 से इनकम टैक्स से जुड़े कई नए बदलाव लागू हो गए हैं. इनमें कई ऐसे बदलाव हैं, जिनसे टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2025-26 में न्यू टैक्स रिजीम के लिए घोषित नए टैक्स स्लैब ज्यादातर टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद साबित होंंगे. क्योंकि इनके लागू होने के साथ ही न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स-फ्री हो जाएगी. यानी नई रिजीम अपनाने वालों को अब पहले से कम टैक्स भरना होगा. नए नियमों के लागू होने के बाद बहुत सारे टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रिजीम से न्यू टैक्स रिजीम में शिफ्ट होना चाहेंगे. लेकिन इस बारे में फैसला करने से पहले नए इनकम टैक्स स्लैब समेत प्रमुख प्रावधानों को ठीक से समझना जरूरी है.
इनकम टैक्स के नए स्लैब
बजट 2025 (Budget 2025) में ओल्ड इनकम टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं हुआ, जबकि न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत टैक्स फ्री इनकम की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है. ये नए टैक्स स्लैब (New Tax Slabs) इस प्रकार हैं:
4 लाख रुपये तक – कोई टैक्स नहीं.
4 लाख से 8 लाख रुपये तक – 5% टैक्स.
8 लाख से 12 लाख रुपये तक – 10% टैक्स.
12 लाख से 16 लाख रुपये तक – 15% टैक्स.
16 लाख से 20 लाख रुपये तक – 20% टैक्स.
20 लाख से 24 लाख रुपये तक – 25% टैक्स.
24 लाख रुपये से अधिक – 30% टैक्स.
बजट 2025 में टैक्स स्लैब में बदलाव के साथ ही टैक्स रिबेट की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है. इसका मतलब यह है कि अब न्यू टैक्स रिजीम अपनाने वालों को 12 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
धारा 87A के तहत रिबेट
नए वित्त वर्ष से न्यू इनकम टैक्स रिजीम में सेक्शन 87A के तहत 60,000 रुपये तक की टैक्स रिबेट मिलेगी, जबकि पुरानी टैक्स रिजीम में यह महज 12,500 रुपये ही है. इस टैक्स रिबेट को मिलाकर ही न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स-फ्री इनकम की लिमिट बढ़कर 12 लाख रुपये हो गई है, जो पहले 7 लाख रुपये थी. जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में 12,500 रुपये की रिबेट के कारण 5 लाख रुपये तक की इनकम ही टैक्स-फ्री है.
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स्टैंडर्ड डिडक्शन में बदलाव
न्यू टैक्स रिजीम में सैलरीड लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर 75,000 रुपये तक की छूट भी मिलेगी. इसे मिलाकर 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री हो जाएगी. जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम में यह लिमिट अब भी 50,000 रुपये ही बनी हुई है.
मार्जिनल रिलीफ का लाभ
अगर आपकी कुल टैक्सेबल इनकम (डिडक्शन के बाद) 12 लाख रुपये से कुछ अधिक, लेकिन 12.70 लाख रुपये तक है, तो न्यू टैक्स रिजीम में आपको मार्जिनल रिलीफ का बेनिफिट भी मिलेगा. इसका मतलब है कि आपको सिर्फ उतनी ही रकम एक्सट्रा टैक्स के तौर पर देनी होगी, जो 12 लाख रुपये से ऊपर है. मिसाल के तौर पर अगर आपकी कुल टैक्लेबल इनकम आय 12.10 लाख रुपये है, तो आपकी टैक्स देनदारी केवल 10,000 रुपये होगी. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि टैक्स देने के बाद आपकी आय 12 लाख रुपये से कम न हो जाए.
सीनियर सिटिजन्स को FD इनकम पर TDS में राहत
सीनियर सिटिजन्स के लिए टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) में राहत दी गई है. अब 10% TDS की लिमिट सालाना 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है. यानी बुजुर्गों को एफडी से एक साल में मिलने वाले 1 लाख रुपये तक के इंटरेस्ट पर टीडीएस नहीं काटा जाएगा. इससे उन सीनियर सिटिजन्स को राहत मिलेगी, जो रिटायरमेंट के बाद एफडी इंटरेस्ट पर निर्भर हैं.
किरायेदारों और मकान मालिकों को राहत
बजट 2025 में टीडीएस कटौती के लिए किराए की अधिकतम सीमा को भी बढ़ाया गया है. पहले यह लिमिट 2.4 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दिया गया है. इससे किरायेदारों और छोटे मकान मालिकों को राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें कम टैक्स चुकाना होगा.
छात्रों और यात्रियों को TCS में राहत
विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों और यात्रियों के लिए टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) में भी राहत दी गई है. पहले 7 लाख रुपये से अधिक की विदेश भेजी गई रकम पर 0.5% टीसीएस लागू होता था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है. हालांकि यह छूट केवल उन्हीं मामलों में लागू होगी, जब यह रकम किसी वित्तीय संस्थान से लिए गए एजुकेशन लोन के तहत भेजी जा रही हो.
दो घरों की एनुअल वैल्यू पर छूट
नए बजट में पेश नियमों के तहत अब होम ओनर्स दो घरों तक एन्युअल वैल्यू ‘कुछ नहीं’ (nil) क्लेम कर पाएंगे, जिससे न सिर्फ पैसे बचेंगे, बल्कि टैक्स कंप्लायंस भी आसान होगा. इससे पहले लागू नियमों के तहत सिर्फ एक ही घर की एन्युअल वैल्यू ‘निल’ क्लेम की जा सकती थी, भले ही वह खाली पड़ा हो.
सही टैक्स रिजीम चुनकर एंप्लॉयर को बताएं
कुल मिलाकर बजट 2025-26 में घोषित न्यू टैक्स रिजीम टैक्सपेयर्स के लिए अधिक फायदेमंद साबित हो रही है. अधिकांश टैक्सपेयर न्यू टैक्स रिजीम को अपनाकर अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं. आपको भी नए वित्त वर्ष के लिए सही टैक्स रिजीम का चुनाव करते समय 12 लाख रुपये तक की टैक्स-फ्री इनकम, सैलरीड क्लास के लिए ज्यादा स्टैंडर्ड डिडक्शन, बढ़ी हुई रिबेट और मार्जिनल रिलीफ जैसे प्रावधानों पर गौर करना होगा. इसके बाद अगर आपको नई टैक्स रिजीम फायदेमंद लगती है, तो अपने इस फैसले की जानकारी एंप्लॉयर को समय पर दे दें. लेकिन अगर आपको लगता है कि तमाम टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट, एचआरए और दूसरे टैक्स सेविंग उपायों को शामिल करने के बाद आपके लिए अब भी ओल्ड टैक्स रिजीम ही ज्यादा फायदेमंद है, तब तो आपके लिए जल्द से जल्द एंप्लॉयर को इसकी जानकारी देना और भी जरूरी है, क्योंकि नई टैक्स रिजीम अब डिफॉल्ट हो चुकी है. यानी आपने कोई विकल्प नहीं चुना, तो अपने आप नई रिजीम में मान लिए जाएंगे.