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Diversification : तरह अलग अलग इंडस्ट्री और सेक्टर की कंपनियों की एक बड़ी रेंज में निवेश करने से जोखिम कम करने में मदद मिलती है. (Pixabay)
Olympics Teaches us Investing : खेल कूद को पसंद करने वालों के बीच फ्रांस में चल रहे ओलंपिक खेलों को लेकर क्रेज देखने को मिल रहा है. खेल के इस आयोजन में भारत भी मेडल लिस्ट में शामिल हो चुका है, कुछ अन्य खेलों में भी पदक की उम्मीद है, जिससे खेलप्रेमियों में ज्यादा उत्साह है. यह कई देशों को अलग अलग खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा करते हुए देखने का एक बेहतरीन समय है. जिस तरह एथलीट ओलंपिक के लिए कई सालों तक तैयारी करते हैं, उसी तरह निवेशकों को भी अपने फाइनेंशियल टारगेट को पूरा करने के लिए सालों तक योजना बनाने, बचत करने और समझदारी से निवेश करने की आवश्यकता होती है.
लक्ष्य हासिल करने के लिए मजबूत कोशिश
अगर लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड की बात करें तो उनका फोकस ऐसी कंपनियों में निवेश करने पर होता है, जिनका बाजार में अनुभव ज्यादा है, जिन्हें अच्छी तरह से मान्यता या पहचान मिली है, जो इंडस्ट्री लीडर हैं और जिनमें आर्थिक चुनौतियों का अच्छी तरह से सामना करने की क्षमता होती है. इन कंपनियों ने आम तौर पर बाजारों और उत्पादों को डिकोड करने में काफी समय खर्च किया है और प्रयास किया है, जिसके बाद आज उस स्थान पर पहुंची हैं, जहां वे अभी हैं. एक अनुभवी ओलंपिक टीम की तरह, इन लार्ज-कैप कंपनियों ने आज इतनी मजबूत पोजीशन पर पहुंचने के लिए बहुत अधिक प्रयास किए हैं.
उनकी आय में लगातार बढ़ोतरी होने की संभावनाएं होती हैं, उनकी मजबूत ब्रांड पहचान है और बाजार की बदलती परिस्थितियों के अनुकूल ढलने के लिए पर्याप्त संसाधन होते हैं. यह स्थिरता अपेक्षाकृत लोअर वोलैटिलिटी में तब्दील हो जाती है, ठीक उसी तरह जैसे सफलता के इतिहास वाली एक स्थापित ओलंपिक टीम के अप्रत्याशित चुनौतियों से संतुलन बिगड़ने की संभावनाएं कम होती हैं.
सफलता के पीछे छिपी है इच्छाशक्ति
एक अनुभवी मैराथन दौड़ने वाले खिलाड़ी की कल्पना करें जो दौड़ के लिए शारीरिक और मानसिक डिमांड को समझता है और उसने थकान और अप्रत्याशित परिस्थितियों से निपटने के लिए रणनीति विकसित की है. पहले कुछ मील दौड़ना आसान होता है, लेकिन अगर कोई शौकिया मैराथन दौड़ना जारी रखता है, तो उसके पैर जवाब देने लगते हैं, उसकी सांस फूलने लगती है. उचित सोच और मेंटल ट्रेनिंग के बिना, इस प्वॉइट पर हार मानना आसान है.
लेकिन अनुभवी ओलंपिक खिलाड़ी मैदान में डटे रहते हैं, क्योंकि उन्होंने हर स्थिति के लिए खुद को ट्रेंड किया है. इसी तरह के अनुभव के चलते ही लार्ज-कैप कंपनियां निवेश के लिए आकर्षक बनती हैं. उन्होंने पहले भी बाजार में मंदी का सामना किया है, कंज्यूमर्स की बदल रही डिमांड का सामना किया है, और अस्थायी विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए उनके पास वित्तीय ताकत है. इन कंपनियों ने कई बड़ी चुनौतियों का अनुभव किया है और अब जानती हैं कि उनसे कैसे निपटना है.
डाइवर्सिफिकेशन की ताकत
दुनिया के हर कोने से एथलीट अलग अलग खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए ओलंपिक में जुटते हैं. 2024 ओलंपिक में 39 खेलों में 329 प्रतियोगिताएं होंगी, जिसमें पहली बार खेलों में ब्रेक डांसिंग भी शामिल है.
म्यूचुअल फंड डाइवर्सिफिकेशन के माध्यम से इसी कॉन्सेप्ट को दोहराते हैं. जिस तरह अलग अलग आयोजनों में भाग लेने से देश की संभावित मेडल लिस्ट में बढ़ोतरी होती है, उसी तरह अलग अलग इंडस्ट्री और सेक्टर की कंपनियों की एक बड़ी रेंज में निवेश करने से जोखिम कम करने में मदद मिलती है.
रिटर्न देने पर फोकस
ओलंपिक हर चार साल में एक बार आता है. इसके लिए सालों की ट्रेनिंग, प्लानिंग और फोकस की जरूरत होती है. बेहतर म्यूचुअल फंड स्कीम के जरिए भी इस तरह निवेश के लिए लॉन्ग टर्म प्लानिंग की जा सकती है. ये स्कीम लंबी अवधि में लगातार रिटर्न देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, स्टेबल ग्रोथ के लिए बनाई गई कंपनियों में निवेश करती हैं.
कड़ी मेहनत और संकल्प
जीत की कोई गारंटी नहीं है, लेकिन संभावित नुकसान को समझकर और डाइवर्सिफिकेशन और लॉन्ग टर्म प्लानिंग जैसी रणनीतियों को लागू करके, निवेशक पदक जीतने की संभावना बढ़ा सकते हैं. ओलंपिक विजेताओं की तरह म्यूचुअल फंड में भी खासतौर से लार्ज-कैप फंड ने कड़ी मेहनत और संकल्प से अपना स्थान हासिल किया है.
(सुरेश सोनी - सीईओ, बड़ौदा बीएनपी पारिबा एसेट मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड)