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Life Certificate: नहीं बन पा रहा है जीवन प्रमाण पत्र, क्या है वजह और समाधान

Jeevan Pramaan: जीवन प्रमाण एक डिजिटल प्रमाण पत्र है जो पेंशनरों को जीवित होने का प्रमाण देने में मदद करता है. पेंशनर्स अपने आधार नंबर, बायोमेट्रिक्स और पेंशन से जुड़ी जानकारी से घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट हासिल व जमा कर सकते हैं.

Jeevan Pramaan: जीवन प्रमाण एक डिजिटल प्रमाण पत्र है जो पेंशनरों को जीवित होने का प्रमाण देने में मदद करता है. पेंशनर्स अपने आधार नंबर, बायोमेट्रिक्स और पेंशन से जुड़ी जानकारी से घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट हासिल व जमा कर सकते हैं.

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FE Hindi Desk
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Jeevan Pramaan Patra digital life certificate

Annual Life Certificate: पेंशनरों को हर महीने की पेंशन मिलती रहे उसके लिए वक्त पर यह जरूरी डाक्युमेंट जमा करना होता है. (Image: PTI)

Here reasons for non-generation of Annualy Life Certificate, Jeevan Pramaan Patra : केंद्र सरकारी की नौकरियों से रिटायर हुए कर्माचारियों को पेंशन राशि मिलती रहे, उसके लिए हर साल नवंबर के महीने में उन्हें जीवन प्रमाण पत्र यानी लाइफ सर्टिफिकेट जान करना होता है. 80 साल और उससे अधिक उम्र के पेंशनरों की सहूलियत के लिए सरकार  ने 1 अक्टूबर से ही जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए स्पेशल विंडो खोल दी है. दोनों ही मामलों में, जमा जीवन प्रमाण पत्र अगले साल 30 नवंबर तक वैलिड रहता है. इस बार जमा जीवन प्रमाण पत्र 30 नवंबर 2025 वैलिड रहेगा. वक्त पर जीवन प्रमाण पत्र नहीं जमा किया गया, तो दिसंबर और उसके बाद आने वाली पेंशन रकम अटक जाएगी. पेंशनरों को हर महीने की पेंशन मिलती रहे उसके लिए वक्त पर यह जरूरी डाक्युमेंट जमा करना होता है.

जीवन प्रमाण एक डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट है जो पेंशनरो के आधार नंबर से जुड़े बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग करता है. पेंशनर्स घर बैठे इस सर्टिफिकेट हासिल कर सकते है और बड़े आसानी संबंधिक विभाग में जमा भी कर सकते हैं. उन्हें बैंक या अन्य जगहों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती. पेंशनर को डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) हासिल करने के लिए पेंशन डिसबर्सिंग ऑफिसर (Disbursing Officer) के सामने उपस्थित होने की जरूरत नहीं है. DLC पेंशन डिसबर्सिंग एजेंसी (Pension Disbursing Agency) के लिए डिजिटल रूप से उपलब्ध है और इसे खुद से प्रोसेस का पालन करके हासिल किया जा सकता है. ऐसे में बैंक या पोस्ट ऑफिस से ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट लेना जरूरी नहीं है. इसके अलावा, हर एक DLC पर एक खास ID होता है जिसे Pramaan-ID कहा जाता है.

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डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट न बनने के क्या हैं कारण

जीवन प्रमाण पत्र यानी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तब नहीं बनता जब पेंशनर द्वारा DLC जनरेट करने के दौरान गलत जानकारी या अन्य प्रकार की चूक होती है. जैसे कि-

अच्छी रोशनी की स्थिति न होना

आधार लॉक होना

बायोमेट्रिक लॉक होना

पेंशनर के चेहरे का सामने से फोटो न लेना और साइड से फोटो लेना

फ्रेम में एक से अधिक लोगों का होना

फोन कैमरे से उचित दूरी बनाए न रखना

स्कैन करते समय आंखें नहीं झपकाना

चेहरे को स्थिर न रखना

स्कैन के दौरान असमान या मल्टी-कलर्ड बैकग्राउंड होना

इंटरनेट कनेक्टिविटी का वीक होना

अगर पेंशनर चश्मा पहनता है, लेकिन आधार कार्ड की फोटो में चश्मा नहीं है, या इसके उलट पेंशनर चश्मा नहीं पहनता है लेकिन आधार कार्ड की फोटो में चश्मा है.

एंड्रॉयड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना जिसका वर्जन 9 और उससे ऊपर न हो, कैमरे का रिजॉल्यूशन 13MP से कम हो और फ्री स्टोरेज स्पेस 500 MB से कम हो.

अगर फिर भी समस्या बनी रहती है, तो जीवन प्रमाण पत्र बैंक शाखा में जमा करने की सलाह दी जाती है.

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DLC बनाने के लिए इन डिटेल की होती है जरूरत?

पेंशनर को आधार नंबर, नाम, मोबाइल नंबर और PPO नंबर, पेंशन खाता नंबर, बैंक डिटेल, पेंशन सेंक्शन अथॉरिटी, पेंशन डिस्बर्सिंग अथॉरिटी जैसी पेंशन से जुड़ी जानकारी देनी होती है. पेंशनर को अपनी बायोमेट्रिक्स भी देनी पड़ती है, जो या तो आइरिस या फिंगरप्रिंट हो सकती है. गलत जानकारी या कोई अन्य चूक होने पर DLC को अधिकारियों द्वारा रिजेक्ट किया जा सकता है.

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