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Loan Against Rental Income: किराए से हो रही कमाई पर लोन लेने में मिल सकती है मदद, जानिए कैसे?

किराये की कमाई पर लोन संपत्ति मालिकों के लिए एक बेहद कीमती वित्तीय इंट्रूमेंट हो सकता है, जो उनकी संपत्तियों के स्वामित्व को बनाए रखते हुए फंड तक पहुंच प्रदान करता है.

किराये की कमाई पर लोन संपत्ति मालिकों के लिए एक बेहद कीमती वित्तीय इंट्रूमेंट हो सकता है, जो उनकी संपत्तियों के स्वामित्व को बनाए रखते हुए फंड तक पहुंच प्रदान करता है.

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FE Hindi Desk
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Loan Against Rental Income

हालांकि इस तरह के कर्ज पर आगे बढ़ने से पहले लोगों को गहन रिसर्च करना चाहिए और लोन पेशकशों की तुलना करके तब फैसला लेना चाहिए.

Loan Against Rental Income: किराये से हो रही कमाई पर लोन लेना प्रापर्टी ओनर यानी मालिकों के लिए एक रणनीतिक वित्तीय कदम हो सकता है. इस तरह का लोन लोगों को घर में सुधार (home improvements), निवेश (investments), या व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने (meeting personal financial goals) जैसे तमाम के लिए अतिरिक्त फंड जुटाने में किराये की कमाई का लाभ उठाने की अनुमति देता है.

किराये से हो रही आमदमी पर उधार एक तरह का लोन है. इस विकल्प में कर्ज लेने वाला शख्स अपनी किसी संपत्ति से किराये के रूप में हो रही कमाई गिरवी रखता है यानी वह लोन को सिक्योर बनाने के लिए किराए की कमाई को कोलेटेरल के तौर पर रखता है. इस तरह के लोन आम तौर पर बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनीज (HFCs) द्वारा ऑफर किए जाते हैं. कर्ज देने वाली संस्थाएं जैसे बैंक, NBFC, HFCs सबसे पहले संपत्ति की किराये की क्षमता का आकलन करते हैं और अपेक्षित किराये की कमाई के प्रतिशत के आधार पर लोन अमाउंट की पेशकश करते हैं.

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कुछ बैंक लोन अप्रूवल के मानदंड के रूप में इस बात पर भी विचार करते हैं कि संपत्ति प्रतिष्ठित कंपनियों या फर्मों को किराए पर दी गई है या नहीं. ये इस बात पर निर्भर करता हैं कि कर्ज लेने वाला शख्स किस वित्तीय संस्थान में लोन के लिए अप्लाइ कर रहा है. किराये की कमाई पर लोन की मदद के लिए यहां एक व्यापक गाइडलाइन दी गई है.

किराए की कमाई पर लोन के लिए क्या है एलिजिबिलिटी?

संपत्ति का मालिकाना खुद के पास होनी चाहिए

आपके पास वह संपत्ति होनी चाहिए जिससे किराये से कमाई हो रही है. यह नियमित किराये की कमाई के लिए मालिक द्वारा किराए पर दी गई एक व्यावसायिक संपत्ति होनी चाहिए. बैंक या वित्तीय संस्थान स्थिर किराये के इतिहास वाली संपत्तियों को प्राथमिकता देते हैं, आमतौर पर एलिजिबिलिटी के लिए न्यूनतम किराये की आय की आवश्यकता होती है.

बेहतर क्रेडिट स्कोर और प्रापर्टी का आकलन है जरूरी

क्रेडिट स्कोर और फाइनेंशियल हिस्ट्री लोन अप्रूवल में अहम भूमिका निभाते हैं. ये दोनों लोन अमाउंट और ब्याज तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. कर्ज देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान को अपने बाजार मूल्य और किराये की क्षमता का पता लगाने के लिए संपत्ति के मूल्यांकन की आवश्यकता हो सकती है.

किराए की कमाई पर लोन लेने के लिए ये हैं तरीके

एलिजिबिलिटी और डाक्युमेंट्स का करें आकलन

सबसे पहले तय कर लें कि क्या आप संपत्ति के मालिकाना हक, किराये की कमाई,संपत्ति की साख और वैल्यूएशन के आधार पर लेंडर यानी बैंक या वित्तीय संस्थान के एलिजिबिलिटी को पूरा कर पा रहे हैं. किराए की कमाई पर लोन के लिए तमाम जरूरी डाक्युमेंट्स इकट्ठा करना जरूरी है. जिनमें संपत्ति के मालिकाना हक वाली डाक्युमेंट्स (property ownership documents), रेंटल इनकम (rental agreements), बैंक डिटेल, इनकम टैक्स रिटर्न, आईडी, एड्रेस प्रूफ और संपत्ति की तस्वीरें जैसे कई जरूरी डिटेल शामिल है.

लोन एप्लिकेशन और प्रापर्टी वैल्यू का आकलन

इस तरह के लोन के लिए आप अपने विश्वसनीय लेंडर यानी कर्ज देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान के पास ऋण के लिए अप्लाई कर सकते हैं. लोन एप्लिकेशन फॉर्म के साथ जरूरी डाक्युमेंट्स जमा करें. लेंडर संपत्ति के मार्केट वैल्यू, किराये की क्षमता का आकलन करेगा और प्रस्तुत दस्तावेजों का सत्यापन करेगा.

आमतौर पर कई बैंक सिर्फ कॉमर्शियल प्रापर्टी के लिए लोन अप्रूव करते हैं, कुछ लेंडर आवासीय संपत्तियों (residential properties) के लिए भी लोन स्वीकृत करते हैं. कुछ बैंक लोन स्वीकृति के मानदंड के रूप में इस बात पर भी विचार करते हैं कि संपत्ति प्रतिष्ठित कंपनियों या फर्मों को किराए पर दी गई है या नहीं. ये कारक इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस वित्तीय संस्थान में ऋण के लिए आवेदन कर रहे हैं.

कर्ज लेने वालों के लिए टिप्स

किराये की कमाई और कर्च का सटीक रिकॉर्ड रखें क्योंकि लोन मूल्यांकन के दौरान बैंक या वित्तीय संस्थानों को इस जानकारी की जरूरत हो सकती है.

प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों और अनुकूल शर्तों को सुरक्षित करने के लिए विभिन्न बैंकों, एनबीएफसी और एचएफसी से लोन की पेशकश की तुलना करें.

ब्याज दर, टेन्योर, प्रीपेमेंट पेनाल्टीज और फॉरक्लोजर ऑप्शन सहित लोन एग्रीमेंट को अच्छी तरह से पढ़ें और समझें.

सुनिश्चित करें कि आपके पास लोन पेमेंट में चूक से बचने के लिए एक रिपेमेंट प्लान है, जो आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर नहीं पड़ने देगी.

बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी बताते हैं कि इन तरह के लोन के लिए प्राथमिक लाभों में से एक यह है कि आप अपनी संपत्ति बेचे बिना फंड का इंतजाम कर सकते हैं. अपनी किराये की संपत्ति से स्थिर कमाई का लाभ उठाकर, आप विभिन्न वित्तीय जरूरतों जैसे घर में सुधार, निवेश, शिक्षा व्यय, या यहां तक ​​​​कि अस्थायी नकदी प्रवाह चुनौतियों से निपटने के लिए लोन सिक्योर कर सकते हैं. यह आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए इसके मूल्य को अनलॉक करते हुए अपनी संपत्ति का स्वामित्व बनाए रखने की अनुमति देता है.

किराये की कमाई पर लोन मालिकों के लिए एक कीमती फाइनेंशियल इंट्रूमेंट्स हो सकता है, जो उनकी संपत्तियों के मालिकाना हक बिना प्रभावित किए फंड तक पहुंच प्रदान करता है. इस तरह के लोन के लिए मालिकों को गहन रिसर्च करना चाहिए और तमाम बैंकों या वित्तीय संस्थाओं द्वारा किए गए लोन ऑफर की आपस में तुलना करके तब फैसले पर पहुंचना चाहिए.

(Article by Sanjeev Sinha)

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