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Revised Return: असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 है. (Image: FE File)
Missed reporting foreign assets in ITR for AY 2024-25? File a revised return to avoid Rs 10 lakh penalty: असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में अगर आपने अपने विदेशी संपत्तियों का खुलासा नहीं किया है, तो आपको रिवाइज्ड रिटर्न (revised return) दाखिल करना होगा. ऐसा न करने पर आपको 10 लाख रुपये तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 है. ऐसे में करदाताओं के पास रिवाइज्ड रिटर्न भरने के लिए 50 दिन से अधिक समय बचा है. आज यानी सोमवार 18 नवंबर को जारी एक एडवाइजरी में आयकर विभाग ने ऐसे करदाताओं को चेताया है कि अगर वे अपने विदेशी संपत्तियों या विदेश में अर्जित आय का खुलासा नहीं करते हैं, तो उन पर एंटी-ब्लैक मनी कानून (anti-black money law) के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर आपने अपने विदेशी संपत्तियों और आय को अपने ओरिजनल ITR में नहीं बताया है, तो इसे रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करके बचा सकते हैं. आयकर विभाग करदाताओं को किसी भी चूक या गलतियों को सुधारने की अनुमति देता है. असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए रिवाइज्ड रिटर्न 31 दिसंबर 2024 तक फाइल किया जा सकता है.
आयकर विभाग चल रहा है ई-कैंपेन
आयकर विभाग ने कहा कि ऐसे करदाताओं को "अनिवार्य रूप से" अपने ITR में विदेशी संपत्तियों (FA) या विदेशी स्रोत आय (FSI) अनुसूची भरनी होगी, भले ही उनकी आय "कर योग्य सीमा" से "कम" हो या विदेश में संपत्ति "प्रकट स्रोतों से प्राप्त" हो. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने करदाताओं को अपने टैक्स रिटर्न (आईटीआर) में शेड्यूल फॉरेन एसेट्स (Schedule FA) की जानकारी देने और विदेशी स्रोतों से हुई आमदनी के बारे में बताने के लिए असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए कंप्लायंस कम अवेयरनेस कैंपेन (Compliance-Cum-Awareness Campaign) शुरू किया है.
सेंट्रल डायरेक्ट टैक्सेज बोर्ड ने एक बयान में कहा कि करदाताओं को एसएमएस और ईमेल के जरिए अलर्ट भेजा जाएगा, जो पहले ही असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए अपना टैक्स रिटन फाइल कर चुके हैं. बोर्ड ने बताया कि ये इनफार्मेंशनल मैसेज बाइलेटेरल और मल्टीलेटेरल एग्रीमेंट के तहत मिली जानकारी के जरिए आईडेंटीफाई किए गए लोगों के लिए हैं. इस जानकारी से पता चलता है कि इन लोगों के पास विदेशी खाते या संपत्ति हो सकती है, या संभव है कि उन्हें विदेश से आमदनी हुई हो.
जिन टैक्सपेयर्स ने असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए अपने आईटीआर में विदेशी स्रोत से आय या फॉरेन एसेट्स का खुलासा नहीं किया है, उन्हें इस बारे में बताने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ई-कैपेन की शुरूआत की है. विभाग ने कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (Common Reporting Standard - CRS) और फॉरेन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस एक्ट (Foreign Account Tax Compliance Act-FATCA) के तहत ऐसे करदातओं के लिए मुहिम चला रही है और इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की है.
CRS और FATCA अंतरराष्ट्रीय फ्रेमवर्क हैं जो टैक्स चोरी पर नकेल कसकर पारदर्शिता बढ़ाने और आयकर विभाग का काम में सहयोग के लिए बनाए गए हैं. एजवाइजरी में बताया गया है कि पिछले साल के लिए भारत का एक कर निवासी होने पर विदेशी संपत्तियों में बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिकी अनुबंध, किसी भी व्यवसाय या संस्था में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, संरक्षक खाता, शेयर और ऋण हित, ट्रस्ट जिसमें व्यक्ति ट्रस्टी, लाभार्थी या सेट्लर हो, सिग्निंग अथॉरिटी वाले खाते, कोई भी पूंजी संपत्ति आदि शामिल हैं.