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Motilal Oswal MF NFO: यह फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो तकनीकी क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं. (Image: Freepik)
Motilal Oswal Mutual Fund offers NFO: मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड (Motilal Oswal Mutual Fund - MOMF) का नया एनएफओ- Motilal Oswal Digital India Fund लॉन्च हो चुका है. ये एनएफओ उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प है, जो अपने निवेश से लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं. यह एक ओपेन एंडेड इक्विटी स्कीम है, जिसका बेंचमार्क BSE टेक टोटल रिटर्न इंडेक्स है. कल यानी शुक्रवार 11 अक्टूबर से खुले एनएफओ में 25 अक्टूबर 2024 तक निवेश किया जा सकता है. मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड का ये ओपन-एंडेड फंड डिजिटल स्पेस में निवेश करेगा, जिसमें तकनीक, टेलीकॉम, मीडिया और मनोरंजन जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
एनएफओ से जुड़ी जानकारी
NFO अवधि
एनएफओ ओपेन डेट : 11 अक्टूबर 2024
एनएफओ क्लोज डेट : 25 अक्टूबर 2024
निवेश का उद्देश्य: दीर्घकालिक कैपिटल ग्रोथ के लिए डिजिटल और तकनीकी कंपनियों में निवेश करना.
बेंचमार्क: BSE टेक टोटल रिटर्न इंडेक्स (BSE Teck Total Return Index)
पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी : यह फंड एक फोकस्ड पोर्टफोलियो रखेगा. इसका निवेश ढांचा ऐसे गुणवत्ता वाली कंपनियों में निवेश करने का होगा, जिनसे भविष्य में अधिक वृद्धि की उम्मीद है.
इनवेस्टर प्रोफाइल: यह उन निवेशकों के लिए बनाया गया है जो लंबी अवधि में पूंजी बढ़ाने की तलाश में हैं, और जो मुख्य रूप से डिजिटल और तकनीकी कंपनियों के शेयरों और शेयर-संबंधित उपकरणों में निवेश करते हैं।
इस ओपेन एंडेड इक्विटी स्कीम का मुख्य मकसद लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ के लिए निवेश करना है. यह मुख्य रूप से डिजिटल और प्रौद्योगिकी पर निर्भर कंपनियों, हार्डवेयर, उपकरणों और घटकों, सॉफ़्टवेयर, टेलीकॉम, मीडिया, इंटरनेट और ई-कॉमर्स में निवेश करके किया जाएगा. इसके अलावा, यह उन कंपनियों में भी निवेश करेगा जो डिजिटलीकरण का उपयोग कर रही हैं.
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ये टीम मैनेज करेगी फंड
निकेत शाह, CIO और फंड मैनेजर
अजय खंडेलवाल, फंड मैनेजर
संतोष सिंह, फंड मैनेजर
अतुल मेहरा, फंड मैनेजर
राकेश शेट्टी, फंड मैनेजर (डेब्ट)
सुनील सावंत, फंड मैनेजर (ओवरसीज)
Motilal Oswal MF NFO से मिलेगा डिजिटल इंडिया को ताकत
इस ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम का मकसद लॉन्ग टर्म कैपिटल ग्रोथ के लिए तकनीकी और डिजिटल कंपनियों में निवेश करना है, जो कि भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल बाजार से लाभ उठाने के लिए तैयार है. बता दें कि भारत इंटरनेट यूजर्स के लिहाज से दुनिया के टॉप दो देशों में एक है. यहां इंटरनेट की पहुंच दिन-ब-दिन बढ़ रही है. लोग ऑनलाइन शॉपिंग, सोशल मीडिया, ऑनलाइन बैंकिंग, और एजुकेशन के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत दुनिया के टॉप दो देशों में से एक हैं जहां इंटरनेट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 2010 से तीस गुना बढ़ी है. UPI यूजर्स में भी तेजी आई है, जहां 350 मिलियन लोग दैनिक लेनदेन के लिए इसका उपयोग करते हैं.
डिजिटल पेमेंट अब अधिकतर लेन-देन का मुख्य तरीका बन गया है, खासकर ग्रामीण भारत में, जहां 38% लोग डिजिटल भुगतान का उपयोग करते हैं. औसतन रोजाना एक भारतीय लगभग 6 घंटे 45 मिनट ऑनलाइन बिताता है, जिसमें ई-कॉमर्स वेबसाइट्स, सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स और ऑनलाइन बाजारों पर सबसे अधिक ट्रैफ़िक होता है. दूसरी तरफ भारच में SaaS कंपनियों, B2B ऑनलाइन प्लेटफार्म्स, डिजिटल विज्ञापनों, सॉफ़्टवेयर उद्योग, फिनटेक, फूडटेक, इंश्योरटेक और डिजिटल लॉजिस्टिक्स जैसी कंपनियों ने बीते 5 सालों में अहम वृद्धि देखी है. इसके परिणामस्वरूप एक विशाल डिजिटल अवसर पैदा हुआ है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 900 बिलियन डॉलर है. 2030 तक डिजिटल इकोसिस्टम की वैल्यू 900 से 1000 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है.
मोतीलाल ओसवाल एसेट म्यूचुअल फंड के MD और CEO प्रतीक अग्रवाल ने डिजिटल फंड पर बात करते हुए कहा कि भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने वाली है, जैसे कि अमेरिका, चीन और दुनिया के अन्य हिस्सों में हो रहा है. मजबूत और लगातार व्यापारिक वृद्धि अच्छे निवेश परिणाम प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है. यह एक ऐसा विषय है जिस पर हम ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और यह हमारे अधिकांश विविध फंडों में दिखाई देता है. अब हम इस विषय पर केंद्रित एक नया फंड ला रहे हैं. यह फंड उन निवेशकों के लिए बनाया गया है जो लंबी अवधि में पूंजी वृद्धि की तलाश में हैं, और यह मुख्य रूप से डिजिटल और तकनीकी कंपनियों के शेयरों में निवेश करेगा.
उन्होंने आगे कहा कि Motilal Oswal Digital India Fund एक अनुशासित निवेश दृष्टिकोण का उपयोग करता है, जो क्वॉलिटी (Quality), ग्रोथ (Growth), लॉन्गिविटी और प्राइस (QGLP) ढांचे पर आधारित है. यह जोखिम प्रबंधन ढांचे का भी उपयोग करता है ताकि स्थिर और टिकाऊ प्रदर्शन सुनिश्चित किया जा सके, साथ ही लाभ उठाने या स्टॉप लॉस ढांचे और सख्त तरलता ढांचे का उपयोग करके स्टॉक का वजन, आकार, क्षेत्र का आकार और विविधीकरण रणनीति का मूल्यांकन किया जा सके.
मोतीलाल ओसवाल एसेट म्यूचुअल फंड के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर निकेट शाह ने कहा, “भारत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और तैनाती में विश्व नेता बनने के लिए तैयार है. अमेरिका की तुलना में, भारत डिजिटल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है, और 2027 तक ई-रिटेल में लगभग 10% की पैठ होने का अनुमान है. हालांकि, भारत में लोगों को तकनीकी विकास के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है, क्योंकि देश के टॉप दस शेयरों में से कोई भी डिजिटल नहीं है, और केवल दो आईटी क्षेत्र में हैं.
भारत में आईटी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वैश्विक बाजार की तुलना में बहुत कम है, जो विकास के लिए एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करता है. उन्होंने आगे कहा, “हमारा डिजिटल इंडिया फंड एक विशेष QGLP ढांचे के साथ नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे की दृष्टिकोण का उपयोग करता है, जो उच्च विश्वास वाले पोर्टफोलियो के लिए रणनीतिक रूप से विकसित किया गया है. हम डिजिटल इंडिया फंड के साथ डिजिटल फंड स्पेस को आगे बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं.
मोतीलाल ओसवाल एसेट म्यूचुअल फंड के वरुण शर्मा का कहना है कि अब जब भारत में डिजिटल इकोसिस्टम के सभी आधार तैयार हैं, तो देश विभिन्न उद्योगों जैसे ई-कॉमर्स, सास, ऑनलाइन यात्रा, ऑनलाइन मीडिया, ऑनलाइन फूड डिलीवरी, फिनटेक, एजटेक, हेल्थ टेक और ऑनलाइन राइड-हेलिंग में अद्भुत वृद्धि देखने को तैयार है. उनका मानना है कि 2030 तक डिजिटल इकोसिस्टम की वैल्यू 900 से 1000 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. , जबकि 2022 में यह 155 से 175 बिलियन डॉलर था.
डिजिटल उपयोग का बढ़ता समय
हर औसत भारतीय अब रोजाना 6 घंटे और 45 मिनट ऑनलाइन बिताता है, विभिन्न डिजिटल उपकरणों के माध्यम से जुड़ा रहता है. जब लोग अधिक समय ऑनलाइन बिताते हैं, तो वे अधिक पैसा भी ऑनलाइन खर्च करने लगते हैं.
नई उद्योगों में डिजिटल का प्रवेश
डिजिटल तकनीक तेजी से नए उद्योगों में प्रवेश कर रही है और युवा पीढ़ी डिजिटल ऐप्स के साथ अच्छी तरह से परिचित है. ये प्रवृत्तियां भारत में स्थानीय डिजिटल व्यवसायों की वृद्धि की संभावनाओं को और मजबूत करती हैं.
(नोट: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है, इसलिए स्कीम से जुड़े सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें. बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण निवेश मूल्य में बदलाव हो सकता है. निवेश के उद्देश्य, जोखिम और रिटर्न को समझें. निवेश से पहले अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम सहनशक्ति का मूल्यांकन करें.)