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SIP म्यूचुअल फंड में निवेश की ऐसी व्यवस्था है, जहां निवेशक किसी स्कीम में अपनी सेविंग एक साथ लगाने की बजाए, थोड़ा-थोड़ा करके लगाते हैं. (Image: Pixabay)
Mutual Fund SIP: किसी भी विकल्प में निवेश करने के लिए अपने पैसे को इतना समय देना चाहिए कि वह कंपाउंडिंग का लाभ उठा सके. यही बात म्यूचुअल फंड्स पर भी लागू होता है. म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान तरीका सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) है. SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश के ढेरों फायदे हैं. आइए समझते हैं वित्तार से.
SIP की खासियत
SIP म्यूचुअल फंड में निवेश की ऐसी व्यवस्था है, जहां निवेशक किसी स्कीम में अपनी सेविंग एक साथ लगाने की बजाए, थोड़ा-थोड़ा करके लगाते हैं. मंथली निवेश के लिए उस स्कीम के तहत मिनिमम या कितना भी अमाउंट फिक्स किया जा सकता है. हाल में शेयर बाजार में बड़े उछाल के कारण, SIP निवेश की विधि भारतीय म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच लोकप्रियता प्राप्त कर चुकी है.
SIP लॉन्ग टर्म निवेश को सरल बनाता है. इसके जरिए एक निवेशक एक निर्धारित रकम, नियमित अंतराल (मंथली या तिमाही) में म्यूचुअल फंड्स के किसी स्कीम में पैसा निवेश कर सकता है और बाजार की स्थिति की परवाह किए बिना इस योजना का पालन करता है. लंबे समय तक SIP करने से कंपाउंडिंग का खास लाभ मिलता है. आसान शब्दों में कहे तो कंपाउंडिंग तब होता है जब सेविंग पर मिले ब्याज़ को मूल राशि में जोड़ा जाता है और फिर नई राशि पर ब्याज की गणना की जाती है. जिससे मूलधन राशि हर साल बढ़ती रहती है और रिटर्न भी बढ़ता है.
एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करके बड़ा कॉर्पस तैयार किया जा सकता है. यहां तक कि रोजाना 100 रुपये यानी मंथली 3000 रुपये निवेश करके भी आप करोड़पति बन सकते हैं. हालांकि बड़ा कॉर्पस बनाने के लिए आपको लंबे समय तक निवेश करना पड़ सकता है. एसआईपी में निवेशकों को बैंकों के मुकाबले कहीं ज्यादा ब्याज दर मिल जाती है. साथ ही इसका चक्रवृद्धि ब्याज यानी कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का फॉर्मूला निवेश की रकम को तेजी से बढ़ाता है. यही वजह है कि म्यूचुअल फंड SIP ज्यादातर निवेशकों का एक पसंदीदा विकल्प बन चुका है.
रोज 100 रुपये की बचत से SIP शुरू करके जुटा सकते हैं 5 करोड़
कोई भी शख्स अपनी पहली नौकरी से हर दिन 100 रुपये यानी मंथली 3,000 रुपये की बचत से SIP शुरू कर 60 साल की उम्र तक बड़ा रिटायरमेंट कॉर्पस जुटा सकता हैं. इस बड़े फंड को बनाने में कंपाउंडिंग अहम रोल प्ले करता है. दरअसल कंपाउंडिंग (power of compounding) वह प्रॉसेस है, जिसमें निवेशक पहले से जमा ब्याज पर और ब्याज कमाते हैं. म्यूचुअल फंड SIP में कंपाउंडिंग का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने के लिए आपको लंबे समय तक निवेश करना होगा. साथ ही धैर्य बनाए रखना भी पड़ेगा. आइए अब समझते हैं कि आप हर रोज 100 रुपये की बचत से म्यूचुअल फंड SIP करके कैसे 5 करोड़ जुटा सकते हैं.
ये है पूरा कैलकुलेशन
मान लीजिए कि 25 साल की उम्र में आपको पहली नौकरी मिली और उम्र के इस पड़ाव पर आपने हर रोज अपनी 100 रुपये यानी मंथली 3,000 रुपये की बचत से SIP शुरू की. अगले कई महीने तक ऐसा करते रहे. ये भी लें कि अगले साल इंक्रीमेंट से बढ़ी आमदनी के कुछ हिस्से से आपने एसआईपी का टॉप-अप कराया यानी सालाना इंक्रीमेंट मिलने पर SIP में अपना योगदान 10% बढ़ा दिए. 60 साल की उम्र तक ऐसा करते रहे. हम जानते है कि एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में जमा पर कंमाउंड इंटरेस्ट मिलता है समय में इसका लाभ भी जुड़ता जाता है. मान लेते हैं कि म्यूचुअल फंड SIP में जमा पर अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी सालाना मिलने वाला है.
शुरुआती मंथली SIP= 3,000 रुपये
निवेश अवधि = 35 साल
अनुमानित रिटर्न : 12 फीसदी
हर 1 साल पर 10% टॉप अप
35 साल में कुल निवेश = 97,56,877 रुपये
जमा पर अनुमानित रिटर्न = 4,35,43,942
35 साल बाद SIP वैल्यू: 5,33,00,819 (करीब 5.33 करोड़ रुपये)
कहने का मतलब ये है कि 25 वर्ष की उम्र में मंथली 3,000 रुपये की बचत से SIP शुरू कर और हर साल इंक्रीमेंट से बढ़ी आमदनी से SIP में अपना योगदान 10% बढ़ाकर करके एक निवेशक 35 साल में बड़ा रिटायरमेंट कॉर्पस जुटा सकता है.