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Mutual Funds: म्यूचुअल फंड की कुछ स्कीम ने तो 20 से 25 साल में लगातार 12 फीसदी से 18 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न दिया है. (Pixabay)
Long Term Investment Benefits: आपने अक्सर बाजार के जानकारों से यह कहते सुना होगा कि अगर आप बाजार में लंबी अवधि का लक्ष्य लेकर नहीं आए हैं तो निवेश करने से बचें. बाजार के दिग्गज निवेशकों में शामिल बॉरेन बफेट भी बार बार कहते हैं कि अगर किसी निवेश को 10 साल नहीं रख सकते तो उसे 10 दिन भी पोर्टफोलियो में रखने की ना सोचें. ज्यादातर दिग्गज निवेशक हमेशा से लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की बात कहते हैं, वह भी पूरी तरह से धैर्य के साथ. यानी अगर आपने निवेश किया है तो उसमें लंबी अवधि तक बने रहने की कोशिश करें. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बाजार के उतार चढ़ाव का रिस्क कम होता है, वहीं कंपाउंडिंग (Power of Compounding) का भी फायदा मिलता है. यहां कैलकुलेशन से समझें कि निवेश को लंबे समय तक बनाए रखकर आप अमीर बन सकते हैं.
लंबी अवधि में ज्यादातर स्कीम का रिटर्न बेहतर
अगर इक्विटी म्यूचुअल फंड (mutual funds) रिटर्न चार्ट उठाकर देखें तो ज्यादातर स्कीम का प्रदर्शन लंबी अवधि में पॉजिटिव दिखेगा. यहीं नहीं जो स्कीम 5 साल में उतार चढ़ाव से प्रभावित हुई हैं, उनमें भी लंबी अवधि का एवरेज रिटर्न 10 से 12 फीसदी या इससे भी ज्यादा हो सकता है. म्यूचुअल फंड की कुछ स्कीम ने तो 25 से 30 साल में लगातार 15 फीसदी से 18 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न (Sip Investment) दिया है.
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लम्प सम केस 1: अगर 8% सालाना की दर से रिटर्न मिले
कुल निवेश: 10 लाख रुपये
5 साल बाद फंड: 14.69 लाख
10 साल बाद फंड: 21.59 लाख
15 साल बाद फंड: 31.72 लाख
20 साल बाद फंड: 46.61 लाख
25 साल बाद फंड: 68.48 लाख
लम्प सम केस 2: अगर 12% सालाना की दर से रिटर्न मिले
कुल निवेश: 10 लाख रुपये
5 साल बाद फंड: 17.62 लाख
10 साल बाद फंड: 31.06 लाख
15 साल बाद फंड: 54.74 लाख
20 साल बाद फंड: 96.46 लाख
25 साल बाद फंड: 1.70 करोड़
SIP केस 1: अगर 8% सालाना की दर से रिटर्न मिले
मंथली SIP: 10,000 रुपये
5 साल बाद फंड: 7.4 लाख
10 साल बाद फंड: 18.4 लाख
15 साल बाद फंड: 34.8 लाख
20 साल बाद फंड: 59.30 लाख
25 साल बाद फंड: 95.70 लाख
SIP केस 2: अगर 12% सालाना की दर से रिटर्न मिले
मंथली SIP: 10,000 रुपये
5 साल बाद फंड: 8.2 लाख
10 साल बाद फंड: 23.2 लाख
15 साल बाद फंड: 50.5 लाख
20 साल बाद फंड: 1 करोड़
25 साल बाद फंड: 1.90 करोड़
दोनों ही केस में साफ है कि हर 5 साल एक्सटेंड करने से आपका रिटर्न डबल ट्रिपल हो रहा है. एसआईपी के केस में यह 5 साल से बढ़ाकर 10 साल करने पर करीब 3 गुना तो अगले 5-5 साल एक्सटेंड करने पर डबल हो रहा है.
क्या है पावर ऑफ कंपाउंडिंग?
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि कहीं निवेश करने पर आपकी जो कमाई होती है, उसे भी फिर से निवेश करना कंपाउंडिंग होता है. इसमें आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. कंपाउंडिंग आपके निवेश को बढ़ाने में जहां बड़ा जरिया है. जितनी जल्दी निवेश शुरू कर देंगे, आपको कंपाउंडिंग का उतना ही फायदा मिलेगा. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आपने 10,000 रुपये मंथली एसआईपी का प्लान 10 साल के लिए किया है. अगर आपको 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिले तो 10 साल बाद आपको 11.2 लाख रुपये फंड मिलेगा. लेकिन अगर यह निवेश 20 साल के लिए होगा तो समान मंथली निवेश और रेट आफ रिटर्न पर मेच्योरिटी अमाउंट 1 करोड़ रुपये होगा.