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NFO Alert : मोतीलाल ओसवाल एएमसी ने लॉन्‍च‍ किया मैन्युफैक्चरिंग फंड, किसके लिए है निवेश का परफेक्ट विकल्प, स्कीम की डिटेल

Manufacturing : मोतीलाल ओसवाल एएमसी ने आज अपने नए फंड ऑफर मोतीलाल ओसवाल मैन्युफैक्चरिंग फंड की घोषणा की है. मोतीलाल ओसवाल एएमसी का यह नया थिमैटिक फंड एक ओपन एंडेड इक्विटी स्‍कीम है.

Manufacturing : मोतीलाल ओसवाल एएमसी ने आज अपने नए फंड ऑफर मोतीलाल ओसवाल मैन्युफैक्चरिंग फंड की घोषणा की है. मोतीलाल ओसवाल एएमसी का यह नया थिमैटिक फंड एक ओपन एंडेड इक्विटी स्‍कीम है.

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Sushil Tripathi
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New Fund Offer : यह न्‍यू फंड ऑफर 19 जुलाई 2024 से 2 अगस्त 2024 तक निवेश के लिए खुला रहेगा. (Pixabay)

Manufacturing Fund : मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एमओएएमसी) ने आज 19 जुलाई 2024 को अपने नए फंड ऑफर “मोतीलाल ओसवाल मैन्युफैक्चरिंग फंड” की घोषणा की है. मोतीलाल ओसवाल एएमसी का यह नया थिमैटिक फंड एक ओपन एंडेड इक्विटी स्‍कीम है, जो मैन्युफैक्चरिंग थीम को फॉलो करती है. यह न्‍यू फंड ऑफर 19 जुलाई 2024 से 2 अगस्त 2024 तक निवेश के लिए खुला रहेगा. इस स्‍कीम में कम से कम 500 रुपये के साथ निवेश किया जा सकता है. 

मोतीलाल ओसवाल मैन्युफैक्चरिंग फंड का उद्देश्‍य मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज से संबंधित कंपनियों के इक्विटी और इक्विटी संबंधित विकल्‍पों में निवेश करके लंबी अवधि में हाई रिटर्न हासिल करना है. इस फंड के लिए बेंचमार्क निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग टोटल रिटर्न इंडेक्स है.  

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पोर्टफोलियो स्‍ट्रैटेजी 

यह फंड हाउस आइडेंटिफाइड हाई ग्रोथ थीम के एक अनोखे हाई-कन्वेन्शन फोकस्‍ड मैन्युफैक्चरिंग पोर्टफोलियो (35 स्टॉक्‍स तक) में निवेश पर केंद्रित होगा. फंड का लक्ष्य हर एक मैन्युफैक्चरिंग स्टॉक में 80 फीसदी से 100 फीसदी तक के एक्‍सपोजर के साथ एक बैलेंस पोर्टफोलियो बनाए रखना है. यह फंड मुख्य रूप से उन निवेशकों के लिए डिजाइन किया गया है, जो लॉन्‍ग टर्म कैपिटल एप्रिसिएशन और एक मजबूत हाई-कन्वेन्शन फोकस्‍ड मैन्युफैक्चरिंग पोर्टफोलियो में निवेश करने की प्‍लानिंग कर रहे हैं. 

मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में बढ़ रहा है इंटरेस्‍ट

मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी एंड सीईओ प्रतीक अग्रवाल का कहना है कि डेवलप हो रहे जियो-पॉलिटिकल आउटलुक और घरेलू स्‍तर पर आर्थिक ताकत के कारण भारत रणनीतिक रूप से दुनिया में एक उभरते मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब के रूप में पहचान बना रहा है. उम्मीद है कि इस सेक्‍टर में निवेशकों की रुचि बढ़ेगी और इंटरनेशनल निवेशकों की ओर से निवेश में बढ़ोतरी होगी. जिससे 2031 तक निर्यात बढ़कर 4.5 फीसदी हो जाएगा, जो वर्तमान में करीब 1.5 फीसदी है. सरकार ने भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्‍टर  के लिए 2025 तक भारतीय आर्थिक उत्पादन का 25 फीसदी महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है. अन्य एसईए देशों की तुलना में भारत की कम मैन्‍युफैक्‍चरिंग लेबर कास्‍ट के साथ-साथ वित्त वर्ष 2024 के लिए चीन की 4.2 फीसदी की तुलना में 6.2 फीसदी की श्रम उत्पादकता ग्रोथ देखी गई है. यह संकेत देता है कि बढ़े हुए उत्पादन के मामले में भारत अन्य देशों से आगे है. चीन+1 थीम लागू होने से, उत्पादन क्षेत्र के चीन के बाहर स्थानांतरण से भारत को लाभ होने की उम्मीद है.

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डाइवर्स पोर्टफोलियो

मोतीलाल ओसवाल एमएफ के सीआईओ निकेत शाह का कहना है कि मैन्येफैक्चरिंग पर फोकस्‍ड फंड एक निवेशक के पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन ला सकते हैं. ऐसे कई सेक्‍टर हैं, जो देश के निर्यात को तेजी से बढ़ा सकते हैं, जिनमें ईएमएस, केमिकल और डिफेंस सेक्‍टर प्रमुख हैं. हमारी सरकार ने स्वदेशीकरण और पॉलिसी लेवल पर सपोर्ट के जरिए इस दशक के अंत तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के निर्यात का लक्ष्य रखा है. हमारा देश लगातार ग्रोथ के रास्‍ते पर है, क्योंकि हम एक मैक्रो गोल्डीलॉक्स इवेंट देख रहे हैं. इसलिए, हमारी रणनीति है कि हम हाई ग्रोथ मैन्युफैक्चरिंग थीम में निवेश करेंगे. इसके साथ ही इन निवेशकों को भारत की मैन्‍युफैक्‍चरिंग ग्रोथ स्‍टोरी का हिस्सा बनने का अवसर भी मिलेगा. 

(नोट : म्‍यूचुअल फंड में निवेश भी बाजार के जोखिम के अधीन होता है. इसलिए अगर योजना को लेकर जरा भी कनफ्यूजन या संदेह हो तो निवेशकों को अपने वित्तीय सलाहकर से सलाह लेनी चाहिए.)

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